ओ लागी लागी रे प्रीत, थासु सांवरिया सरकार: भजन (O Lagi Lagi Re Preet Thasu Sawariya Sarkar)


ओ लागी लागी रे प्रीत,
थासु सांवरिया सरकार,
बन के दीवानी मैं तो नाचूंगी,
सांवरा होके दीवानी मैं तो नाचूंगी,
ओ लागी लागी रे प्रित,
थासु सांवरिया सरकार ॥
ओ म्हारे मनडे में,
बसग्यो म्हारो श्याम धणी दातार,
थे ही बोलो कइयाँ मैं रह पाउंगी,
सांवरा थे ही बोलो कइयाँ मैं रह पाउंगी,
ओ लागी लागी रे प्रित,
थासु सांवरिया सरकार ॥

ओ थारी बांकी छवि,
निराली भावे म्हाने श्याम,
निजर ना लागे वारि जाउंगी,
सांवरा निजर ना लागे वारि जाउंगी,
ओ लागी लागी रे प्रित,
थासु सांवरिया सरकार ॥

ओ ‘चंचल’ दर्श दीवानी,
हो गई मदन मुरार,
श्याम नाम प्रेम बधाई बाँटूंगी,
सांवरा श्याम नाम प्रेम बधाई बाँटूंगी,
ओ लागी लागी रे प्रित,
थासु सांवरिया सरकार ॥

ओ लागी लागी रे प्रीत,
थासु सांवरिया सरकार,
बन के दीवानी मैं तो नाचूंगी,
सांवरा होके दीवानी मैं तो नाचूंगी,
ओ लागी लागी रे प्रित,
थासु सांवरिया सरकार ॥
O Lagi Lagi Re Preet Thasu Sawariya Sarkar - Read in English
O Lagi Lagi Re Preet, Thasu Sanwariya Sarakar, Ban Ke Deewani Main To Nachungi, Sanwara Deewani Main To Nachungi, O Lagi Lagi Re Preet, Thasu Sanwariya Sarakar ॥
Bhajan Shri Vishnu BhajanShri Krishna BhajanBrij BhajanBaal Krishna BhajanBhagwat BhajanJanmashtami BhajanShri Shayam BhajanHariyali Teej Bhajan
अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

नवीनतम भजन ›

गल्लां मेरियां नू माँ मेरी सुनदी ऐ - भजन

गल्लां मेरियां नू माँ मेरी सुनदी ऐ, ओ लै क़े सलाई कर्मा दी, किस्मत दे स्वैटर बूंनंदी ऐ

यही आशा लेकर आती हूँ - भजन

यही आशा लेकर आती हूँ हर बार तुम्हारे मंदिर में, कभी नेह की होगी मुझपर भी बौछार तुम्हारे मंदिर में...

तुम आशा विश्वास हमारे, रामा - भजन

नाम ना जाने, धाम ना जाने, जाने ना सेवा पूजा, तुम आशा विश्वास हमारे...

बेद की औषद खाइ कछु न करै: माँ गंगा माहात्म्य

माँ गंगा मैया का गरिमामय माहात्म्य॥ बेद की औषद खाइ कछु न करै बहु संजम री सुनि मोसें ।..

प्रार्थना: हे जग त्राता विश्व विधाता!

हे जग त्राता विश्व विधाता, हे सुख शांति निकेतन हे। प्रेम के सिन्धु, दीन के बन्धु, दु:ख दारिद्र विनाशन हे।...