Shri Krishna Bhajan

वेंकटाचल निलयं (Venkatachala Nilayam)


वेंकटाचल निलयं
वेंकटाचल* निलयं वैकुण्ठ पुरवासं
पङ्कज नेत्रं परम पवित्रं
शङ्क चक्रधर चिन्मय रूपं
वेंकटाचल निलयं वैकुण्ठ पुरवासं
पङ्कज नेत्रं परम पवित्रं
शङ्क चक्रधर चिन्मय रूपं

अम्बुजोद्भव विनुतं अगणित गुण नामं
तुम्बुरु नारद गानविलोलं

वेंकटाचल निलयं वैकुण्ठ पुरवासं
पङ्कज नेत्रं परम पवित्रं
शङ्क चक्रधर चिन्मय रूपं

मकर कुण्डलधर मदनगोपलं
भक्त पोषक श्री पुरन्दर विठलं

वेंकटाचल निलयं वैकुण्ठ पुरवासं
पङ्कज नेत्रं परम पवित्रं
शङ्क चक्रधर चिन्मय रूपं

वेंकटाचल निलयं -[i] *वेङकटाचलनिलयम्[/i]

Venkatachala Nilayam in English

Venkatachala Nilayam Vaikuntha Purvasam, Pankaj Netram Param Pavitram, Shanka Chakradhar Chinmaya Roopam
यह भी जानें

Mantra Shri Vishnu MantraNarayan MantraMangalam MantraShri Hari MantraShri Ram MantraShri Krishna MantraSinger Aishwarya Srinivas MantraSouth Indian MantraTirupati Balaji MantraTirupati MantraTirumala Mantra

अन्य प्रसिद्ध वेंकटाचल निलयं वीडियो

Raghuram Manikandan

Ragam: Sindhubhairavi By Sivasri Skandaprasad

Jayashree Rajeev

अगर आपको यह मंत्र पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस मंत्र को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

मंत्र ›

महालक्ष्मी मंत्र - ॐ महालक्ष्मयै नमो नमः

ॐ महालक्ष्म्यै नमो नमः, ॐ विष्णु प्रियायै नमो नमः, ॐ धनप्रदायै नमो नमः

गौ माता के 108 नाम

ॐ कपिला नमः । ॐ गौतमी नमः । ॐ सुरभी नमः । ॐ गौमती नमः । ॐ नंदनी नमः । ॐ श्यामा नमः । ॐ वैष्णवी नमः ।..

श्री तुलसी स्तुति

जगद्धात्रि नमस्तुभ्यं विष्णोश्च प्रियवल्लभे । यतो ब्रह्मादयो देवाः सृष्टिस्थित्यन्तकारिणः..

वक्रतुण्ड महाकाय - गणेश मंत्र

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

संकट मोचन हनुमानाष्टक

बाल समय रवि भक्षी लियो तब।.. लाल देह लाली लसे, अरु धरि लाल लंगूर।...

दामोदर अष्टकम

नमामीश्वरं सच्-चिद्-आनन्द-रूपं, लसत्-कुण्डलं गोकुले भ्राजमनम्य, शोदा-भियोलूखलाद् धावमानं

श्रीरामचन्द्राष्टकम्

सदा सेव्यः पूर्णोजनकतनयाङ्गः सुरगुरू, रमानाथो रामो रमतुमम चित्ते तु सततम्॥1॥

Durga Chalisa - Durga Chalisa
Ram Bhajan - Ram Bhajan
Bhakti Bharat APP