शिवोहम शिवोहम शिवोहम.. (Shivoham Shivoham Shivoham)


आत्मा ने परमात्मा को लिया
देख ध्यान की दृष्टि से ।
प्रकाश हुआ हृदय-हृदय,
बेड़ा पार हुआ इस सृष्टि से ।
है एक ओंकार निरंजन निरंकार,
है अजर अमर आकर
विश्वधार मन भजे ।

शिवोहम शिवोहम शिवोहम..
शिवोहम शिवोहम शिवोहम..

भूख में तपसी तप रहा,
भोजन बीच पठाय ।
विलप में साधु हंस रहा,
अपना ही उपजा खाय ।
शेष अशेष विशेष में
समर्पण के भाव में ।

शिवोहम शिवोहम शिवोहम..
शिवोहम शिवोहम शिवोहम..

ठहर शांत एकांत में,
साधके मूलाधार ।
सर्जन स्वाधिष्ठान से,
सूर्य मणि चमकार ।
विशुद्धि आज्ञा सहसरार
तक गूंजे अनाहत ।

शिवोहम शिवोहम शिवोहम..
शिवोहम शिवोहम शिवोहम..

खाली को तो भर दिया,
भरे में भरा न जाए ।
पानी में प्यासा रहा,
तट पे बैठ लखाय ।
प्रष्न व्यस्न में उलझ-उलझ
हां बिरथा गया जन्म ।

शिवोहम शिवोहम शिवोहम..
शिवोहम शिवोहम शिवोहम..

शिवोहम शिवोहम शिवोहम..
शिवोहम शिवोहम शिवोहम..
Shivoham Shivoham Shivoham - Read in English
Hai Ek Onkar Niranjan Nirankar, Hai Ajar Amar Aakar Vishwadhara Man Bhaje ।
Bhajan Shiv BhajanMahadev BhajanKawadiya BhajanKanwar BhajanSavan BhajanShravan BhajanShiv BhajanBholenath BhajanShivaratri BhajanMonday BhajanSomvar BhajanSolah Somvar BhajanTerash BhajanTriyodashi BhajanKailash Kher Bhajan
अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

नवीनतम भजन ›

राम दशरथ के घर जन्मे - भजन

राम दशरथ के घर जन्मे, घराना हो तो ऐसा हो, घराना हो तो ऐसा हो, लोग दर्शन को चल आये, सुहाना हो तो ऐसा हो, राम दशरथ के घर जन्मे, घराना हो तो ऐसा हो ॥

मंगल को जन्मे, मंगल ही करते - भजन

मंगल को जन्मे, मंगल ही करते, मंगलमय भगवान, जय हनुमान, जय हनुमान..

तन रंगा मेरा मन रंगा - भजन

तन रंगा मेरा मन रंगा, इस रंग में अंग अंग रंगा, सीता जी के रंग में, राम जी रंग में, राधेश्याम जी रंग में, तन रंगा मेंरा मन रंगा, इस रंग में अंग अंग रंगा ॥

सब तेरे है संतान, बजरंगबली हनुमान: भजन

सब तेरे है संतान, बजरंगबली हनुमान ॥

श्रृंगार सिंदूरी, छवि बाला की पूरी: भजन

श्रृंगार सिंदूरी, छवि बाला की पूरी, तुम्हे देखकर, देखता रह गया, जब दी मुझे तुमने, दर्शन की मंजूरी, झुका सर मेरा,
तो झुका रह गया ॥