Download Bhakti Bharat APP
Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel - Follow Bhakti Bharat WhatsApp ChannelDownload APP Now - Download APP NowHanuman Chalisa - Hanuman ChalisaRam Bhajan - Ram Bhajan

हमारी लालसाएँ और वृत्तियाँ नहीं बदलती - प्रेरक कहानी (Hamari Lalsayen Aur Vrittiyan Nahi Badalti Hain)


Add To Favorites Change Font Size
एक पेड़ पर दो बाज रहते थे। दोनों अक्सर एक साथ शिकार की तलाश में निकलते और जो भी पाते, उसे शाम को मिल-बांट कर खाते। कभी-कभी दोनों को दो अलग-अलग शिकार भी मिल जाते थे।
बहुत दिन से उनका यही क्रम चल रहा था। एक दिन दोनों शिकार के लिए निकले, तो एक को एक साँप मिला और दूसरे को एक चूहा।

अपना-अपना शिकार चोंच में दबाए दोनों पेड़ पर वापस लौटे और एक-दूसरे की शिकार कथा सुनने के लिए एक डाल पर पास-पास बैठ गए। दोनों ने अभी तुरंत ही झपट्टा मार कर अपना शिकार पकड़ा था और उन्हें बस चोंच में दबा रखा था, इसलिए साँप और चूहा- दोनों ही शिकार तब तक जीवित थे। पेड़ पर बैठकर बाजों ने जब उनकी पकड़ ढीली की तो सांप ने चूहे की ओर देखा और चूहे ने सांप को।

सांप, चूहे का स्वादिष्ट भोजन पाने के लिए जीभ लपलपाने लगा और चूहा सांप के प्रयत्नों को देखकर अपने ही शिकारी बाज के डैनों में छिपने का उपक्रम करने लगा। यह दृश्य देखकर एक बाज गंभीर हो गया और विचारमग्न सा दिखने लगा। दूसरे ने उससे पूछा, दोस्त! यह दार्शनिकों की तरह किस चिंतन में डूब गए?

पहले बाज ने अपने पकड़े हुए सांप की ओर संकेत करते हुए कहा, देखते नहीं यह कैसा मूर्ख प्राणी है। जीभ की लिप्सा के आगे इसे अपनी मौत का विस्मरण हो रहा है। तब दूसरे बाज ने अपने चूहे की ओर देखते हुए कहा, यह भी तो उतना ही नासमझ है। भय इसे प्रत्यक्ष मौत से भी अधिक डरावना लगता है। पता है कि अगले ही पल मेरा निवाला बनने वाला है, तब भी साँप को देख कर मेरे डैनों में छुपने की कोशिश कर रहा है।

वहीं पेड़ के नीचे एक मुसाफिर बैठा सुस्ता रहा था। उसने दोनों बाजों की बात सुनी और सोचने लगा, हम मनुष्यों की दशा भी इसी सांप और चूहे की तरह है। अंतिम क्षणों तक जीवन की आशा नहीं छूटती और न हमारी लालसाएँ और वृत्तियाँ ही बदलती हैं।
यह भी जानें

Prerak-kahani Chuha Prerak-kahaniMouse Prerak-kahaniSnake Prerak-kahaniSanp Prerak-kahaniBaj Prerak-kahaniEagle Prerak-kahani

अगर आपको यह prerak-kahani पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस prerak-kahani को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

राम से बड़ा राम का नाम क्यों - प्रेरक कहानी

श्री राम दरबार में हनुमानजी महाराज श्री रामजी की सेवा में इतने तन्मय हो गये कि गुरू वशिष्ठ के आने का उनको ध्यान ही नहीं रहा!...

गोस्वामी तुलसीदास की श्री हनुमान जी से भेंट - सत्य कथा

गोस्वामी तुलसीदास द्वारा श्री हनुमान जी के दर्शन: गोस्वामी जी काशी मे प्रह्लाद घाटपर प्रतिदिन वाल्मीकीय रामायण की कथा सुनने जाया करतेे थे।..

आप कर्मयोगी पुरुष, और मैनेजर भगवान

बुद्ध का प्रवचन सुनने के लिए गांव के सभी लोग उपस्थित थे, लेकिन वह भक्त ही कहीं दिखाई नहीं दे रहा था।.

धैर्य से काम लेने मे ही समझदारी है - प्रेरक कहानी

बात उस समय की है जब महात्मा बुद्ध विश्व भर में भ्रमण करते हुए बौद्ध धर्म का प्रचार कर रहे थे और लोगों को ज्ञान दे रहे थे। समस्या और बुराई केवल कुछ समय के लिए..

बुरी स्मृतियाँ भुला ही देनी चाहिए - प्रेरक कहानी

दो भाई थे। परस्पर बडे़ ही स्नेह तथा सद्भावपूर्वक रहते थे। पर एक दिन किसी बात पर दोनों में कहा सुनी हो गई..

सिद्धियों का उचित प्रयोग ही करें - प्रेरक कहानी

चार विद्वान ब्राह्मण मित्र थे। एक दिन चारों ने संपूर्ण देश का भ्रमण कर हर प्रकार का ज्ञान अर्जित करने का निश्चय किया।...

दो पैसे के काम के लिए तीस साल की बलि - प्रेरक कहानी

स्वामी विवेकानंद एक बार कहीं जा रहे थे। रास्ते में नदी पड़ी तो वे वहीं रुक गए क्योंकि नदी पार कराने वाली नाव कहीं गई हुई थी।...

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
×
Bhakti Bharat APP