वाराणसी का काल भैरव मंदिर सबसे प्राचीन और पूजनीय मंदिरों में से एक है। यह मंदिर भगवान शिव के उग्र रूप, भगवान काल भैरव को समर्पित है। विशेश्वरगंज, काशी में स्थित यह प्राचीन मंदिर शहर के कोतवाल (रक्षक) के रूप में जाना जाता है। इस मंदिर के दर्शन करने से भय और नकारात्मकता दूर होती है और साहस व सुरक्षा का आशीर्वाद मिलता है।
काल भैरव मंदिर, वाराणसी का इतिहास और वास्तुकला
❀ काल भैरव मंदिर के अंदर भगवान काल भैरव की काले पत्थर की मूर्ति चाँदी की खोपड़ियों की माला से सुसज्जित है जो की दिव्य शक्ति और सुरक्षा का प्रतीक है।
❀ भक्तिभारत के अनुसार देवता का केवल मुख दिखाई देता है - शेष भाग कपड़े से ढका हुआ है।
❀ वर्तमान संरचना 17वीं शताब्दी के मध्य में बनाई गई थी।
❀ महत्व: वाराणसी के संरक्षक देवता माने जाने वाले, भक्तों का मानना है कि भैरव बाबा की अनुमति के बिना कोई भी काशी में नहीं रह सकता।
❀ वाहन: कुत्ता - इसलिए मंदिर के पास कुत्तों को भोजन कराना अत्यंत शुभ माना जाता है और अस्त्र त्रिशूल है।
❀ ऐसा माना जाता है कि भगवान विश्वनाथ (शिव) ने स्वयं काल भैरव को काशी की रक्षा के लिए नियुक्त किया था।
काल भैरव मंदिर, वाराणसी में दर्शन का समय
मंदिर पूरे सप्ताह खुला रहता है और दर्शन सुबह 5 बजे से रात 9:30 बजे तक उपलब्ध हैं।
काल भैरव मंदिर, वाराणसी के प्रमुख त्यौहार
❀ भक्ति भारत के अनुसार, भैरव अष्टमी (आमतौर पर नवंबर-दिसंबर में) भव्य अनुष्ठानों और शोभायात्राओं के साथ मनाई जाती है।
❀ मंदिर में अष्टमी, रविवार और भैरव जयंती के दिन विशेष रूप से भीड़ होती है।
काल भैरव मंदिर, वाराणसी कैसे पहुँचें
❀ यह मंदिर वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन से लगभग 3 किमी दूर है और ऑटो या रिक्शा द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है।
❀ आस-पास के आकर्षण:
काशी विश्वनाथ मंदिर, दशाश्वमेध घाट और मणिकर्णिका घाट पास में ही हैं।
प्रचलित नाम: बाबा भैरव नाथ
बुनियादी सेवाएं
पेयजल, प्रसाद, सीसीटीवी सुरक्षा, जूता स्टोर, पार्किंग स्थल
पता 📧
Kaal bhairav, Golghar, Bhaironath, Ghasi Tola Varanasi Uttar Pradesh