भगवान नृसिंह गायत्री मन्त्र (Bhagwan Narasimha Gayatri Mantra)


नृसिंह गायत्री मन्त्र, भगवान नृसिंह के सर्वाधिक लोकप्रिय मन्त्रों में से एक है। देव पूजन में, अधिकांश देवी-देवताओं की स्तुति उनके अपने गायत्री मन्त्र से की जाती है। भगवान नृसिंह गायत्री मन्त्र, जो सर्वाधिक लोकप्रिय मूल गायत्री मन्त्र का ही एक रूप है।
॥ भगवान नृसिंह गायत्री मन्त्र ॥
ॐ वज्रनखाय विद्महे तीक्ष्णदंष्ट्राय धीमहि।
तन्नो नृसिंहः प्रचोदयात्॥

मन्त्र अर्थ
हम उन नृसिंह भगवान का ध्यान करते हैं, जिनके वज्र के समान कठोर नख हैं तथा अत्यन्त तीक्ष्ण दाँत हैं। वे भगवान नरसिंह हमारी बुद्धि एवं मन को ज्ञान से प्रकाशित करें तथा हमें सन्मार्ग की ओर प्रेरित करें।
Bhagwan Narasimha Gayatri Mantra - Read in English
Om Vajrankhay Vidmahe Tikshanadantray Dhimahi। Tanno Nrisingh: Prachodayat॥
Mantra Bhagwan Narasimha MantraShri Nrisimha MantraShri Vishnu MantraVishnu MantraVishnu Avtar MantraNarasimha MantraNarasimha Gayatri Mantra Mantra
अगर आपको यह मंत्र पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

भगवान नृसिंह गायत्री मन्त्र

ॐ वज्रनखाय विद्महे तीक्ष्णदंष्ट्राय धीमहि। तन्नो नृसिंहः प्रचोदयात्॥

Narasimha Gayatri Mantra

ॐ नारसिंहाय नमः। ॐ महासिंहाय नमः। ॐ दिव्यसिंहाय नमः।

सदाशिव अष्टकम्

सुवर्णपद्मिनी-तटान्त-दिव्यहर्म्य-वासिने, सुपर्णवाहन-प्रियाय सूर्यकोटि-तेजसे । अपर्णया विहारिणे फणाधरेन्द्र-धारिणे, सदा नमश्शिवाय ते सदाशिवाय शंभवे ॥

गुरु पादुका स्तोत्रम्

श्री गुरु पादुका स्तोत्रम् ॥ अनंतसंसार समुद्रतार नौकायिताभ्यां गुरुभक्तिदाभ्याम् । वैराग्यसाम्राज्यदपूजनाभ्यां नमो नमः श्रीगुरुपादुकाभ्याम् ॥..

शिव स्तुति: ॐ वन्दे देव उमापतिं सुरगुरुं

ॐ वन्दे देव उमापतिं सुरगुरुं, वन्दे जगत्कारणम् । वन्दे पन्नगभूषणं मृगधरं..