भक्तमाल | देवी अहल्या
वास्तविक नाम - अहल्या
अन्य नाम - अहिल्या
आराध्य - भगवान राम
भाषाएँ: संस्कृत
पिता - ब्रह्मा
पति - गौतम महर्षि
बच्चे - शतानन्द
प्रसिद्ध - पंचकन्याएँ
अहिल्या हिंदू इतिहास में सबसे पूजनीय महिला पात्रों में से एक हैं, जो अपनी सुंदरता, पवित्रता, धैर्य और आध्यात्मिक शक्ति के लिए जानी जाती हैं। वह महर्षि गौतम की पत्नी थीं, जो एक महान ऋषि थे। अहिल्या को मुख्यतः रामायण के उस प्रसंग के लिए याद किया जाता है जहाँ उन्हें इंद्र ने छला था और बाद में उन्हें अदृश्य या पत्थर जैसा रूप बनने का श्राप दिया गया था।
देवी अहिल्या के बारे में मुख्य बातें
❀ ब्रह्मा द्वारा कई संस्करणों में सबसे सुंदर स्त्री के रूप में रचित।
❀ ऋषि गौतम से विवाहित, तपस्या और भक्ति का जीवन व्यतीत किया।
❀ गौतम के वेश में आए इंद्र द्वारा छला गया।
❀ गौतम के श्राप ने उन्हें मुक्ति की प्रतीक्षा में एक पत्थर/आशरीर रूप में बदल दिया।
❀ उनका उद्धार तब हुआ जब श्री राम ने मिथिला जाते समय अपने पैर से पत्थर को छुआ।
❀ मुक्ति के बाद, उन्होंने अपना दिव्य रूप पुनः प्राप्त किया और तपस्या और भक्ति का जीवन फिर से शुरू किया।
तुलसीदास के रामचरितमानस में, जिस क्षण राम अहिल्या को मुक्त करते हैं, उसे ईश्वरीय कृपा से स्पर्शित आत्मा की शुद्धि के रूप में चित्रित किया गया है। यह महाकाव्य के सबसे भावनात्मक और प्रतीकात्मक प्रसंगों में से एक है।
अहिल्या की पूजा कहाँ की जाती है?
भक्तिभारत के अनुसार अहिल्या स्थान (बिहार): दरभंगा के पास एक पवित्र मंदिर जहाँ माना जाता है कि अहिल्या का निवास था और जहाँ भगवान राम ने उन्हें मुक्त किया था।
कई रामायण पाठों और प्रवचनों में, अहिल्या को पंचकन्याओं में से एक के रूप में याद किया जाता है:
अहिल्या, द्रौपदी, सीता, तारा, मंदोदरी
ऐसा माना जाता है कि इनके नामों का जाप करने से पाप नष्ट हो जाते हैं। अगर आपको यह भक्तमाल पसंद है, तो कृपया
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