Haanuman Bhajan

`तिथि` क्या है और इसकी गणना कैसे की जाती है? (What is Tithi And How is It Calculated?)

दो अमावस्या के बीच का समय 'चंद्र मास' कहते हैं और और जो कि लगभग 30 दिनों के बराबर होता है। एक चंद्र मास में 30 तिथियां या चंद्र दिन होते हैं। तिथि को हम इस प्रकार भी समझ सकते हैं कि 'चंद्र रेखा' को 'सूर्य रेखा' से 12 अंश ऊपर जाने में लगने वाला समय को तिथि कहते हैं। इसलिए प्रत्येक अमावस्या और पूर्णिमा के बीच कुल चौदह तिथियां होती हैं।
'शून्य' को अमावस्या और पंद्रहवीं तिथि को 'पूर्णिमा' कहा जाता है। तिथि का मतलब 'शून्य', अमावस्या से पूर्णिमा तक शुरू होकर, और फिर पूर्णिमा से शुरू होकर फिर से अमावस्या तक उसी क्रम को पूरा करते हुए, फिर एक चंद्र मास पूरा होता है।

कुल तिथि और उसकी गणना
हिंदू कैलेंडर के अनुसार महीने में 30 तिथियां होती हैं, जो दो पक्षों में विभाजित होती हैं शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष।

तिथियों के नाम
◉ अमावस्या
◉ प्रतिपदा
◉ तृतीया
◉ चतुर्थी
◉ पंचमी
◉ षष्ठी
◉ सप्तमी
◉ अष्टमी
◉ नवमी
◉ दशमी
◉ एकादशी
◉ तवादशी
◉ त्रयोदशी
◉ चतुर्दशी
◉ पूर्णिमा (पूर्णिमा का दिन) या पूर्णमासी

आध्यात्मिक गणना:
सभी तिथियों की अपनी-अपनी आध्यात्मिक विशेषताएं हैं जैसे -
◉ अमावस्या 'पितृ पूजा' के लिए है।
◉ चतुर्थी गणपति की पूजा के लिए है।
◉ पंचमी आदिशक्ति की पूजा के लिए है।
◉ षष्ठी 'कार्तिकेय पूजा' के लिए है।
◉ नवमी 'भगवन राम' के पूजा के लिए है।
◉ एकादशी और द्वादशी विष्णु पूजा के लिए।
◉ त्रयोदशी शिव पूजा के लिए।
◉ चतुर्दशी शिव और गणेश की पूजा के लिए।
◉ पूर्णिमा सभी प्रकार की पूजा संबंधी गतिविधियों के लिए अच्छी होती है।

What is Tithi And How is It Calculated? in English

We can also understand Tithi in such a way that the time it takes for the 'Moon line' to move 12 degrees above the 'Sun line' is called Tithi.

Blogs Tithi BlogsPanchang BlogsPaksha Blogs

अगर आपको यह ब्लॉग पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस ब्लॉग को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

सावन शिवरात्रि 2025

आइए जानें! सावन शिवरात्रि से जुड़ी कुछ जानकारियाँ एवं सम्वन्धित कुछ प्रेरक तथ्य.. | सावन शिवरात्रि: Friday, 2 August 2024

कांवर यात्रा की परंपरा किसने शुरू की?

धार्मिक ग्रंथों में माना जाता है कि भगवान परशुराम ने ही कांवर यात्रा की शुरुआत की थी। इसीलिए उन्हें प्रथम कांवरिया भी कहा जाता है।

नया हनुमान मन्दिर का प्राचीन इतिहास

नया हनुमान मन्दिर को उन्नीसवीं शती के आरम्भ में सुगन्धित द्रव्य केसर विक्रेता लाला जटमल द्वारा 1783 में बनवाया गया।

भगवान जगन्नाथ का नीलाद्रि बीजे अनुष्ठान क्या है?

नीलाद्रि बीजे, वार्षिक रथ यात्रा उत्सव के अंत और भगवान जगन्नाथ की गर्भगृह में वापसी को चिह्नित करता है या फिर आप भगवान जगन्नाथ और उनकी प्यारी पत्नी माँ महालक्ष्मी के बीच एक प्यारी सी कहानी बता सकते हैं।

ISKCON एकादशी कैलेंडर 2025

यह एकादशी तिथियाँ केवल वैष्णव सम्प्रदाय इस्कॉन के अनुयायियों के लिए मान्य है | ISKCON एकादशी कैलेंडर 2025

पुरी जगन्नाथ के गुंडिचा रानी और नाकचणा कथा

श्रीगुंडिचा मंदिर की दीवार के सामने दो द्वार हैं। एक 'सिंहद्वार' और दूसरा 'नाकचणा द्वार'। 'श्रीगुंडिचायात्रा' के दिन मंदिर के सिंहद्वार से तीन रथ निकलते हैं और गुंडिचा मंदिर के सिंहद्वार की ओर बढ़ते हैं।

दही हांडी महोत्सव

त्योहार गोकुलाष्टमी, जिसे कृष्ण जन्माष्टमी के नाम से जाना जाता है, कृष्ण के जन्म और दही हांडी उत्सव का जश्न मनाते है।

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Bhakti Bharat APP