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🐅आयुध पूजा - Ayudha Puja

Ayudha Puja Date: Wednesday, 1 October 2025

आयुध पूजा या शस्त्र पूजा नवरात्रि में सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि या नवरात्रि के दौरान आता है। आयुध पूजा में लोगों द्वारा प्रतिदिन उपयोग किए जाने वाले औजारों और उपकरणों की पूजा की जाती है। दक्षिण भारत में इस दिन आयुध पूजा के साथ-साथ सरस्वती पूजा भी मनाई जाती है।

आयुध पूजा पर पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, आयुध पूजा उस युद्ध से जुड़ी है जब देवी दुर्गा ने राक्षस महिषासुर के साथ युद्ध किया था। देवी ने राक्षस महिषासुर को हराया, जिसने भैंस का रूप धारण कर लिया था। नवमी की पूर्व संध्या पर समाप्त हुए नौ दिवसीय युद्ध में, देवी दुर्गा ने उन शक्तियों और हथियारों का इस्तेमाल किया जो देवी-देवताओं ने उन्हें दी थीं। आयुध पूजा अनुष्ठान इस ऐतिहासिक संघर्ष में उनके द्वारा उपयोग किए गए हथियारों और उपकरणों के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है।

संबंधित अन्य नामआयुध पूजा, शस्त्र पूजा
शुरुआत तिथिआश्विन मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि
कारणमाता पार्वती
उत्सव विधिमंदिर में प्रार्थना, व्रत, घर में पूजा

Ayudha Puja in English

Ayudha Puja or Shastra Puja falls during Navami Tithi or Navratri of Shukla Paksha of Ashwin month.

आयुध पूजा विधि

❀ आयुध पूजा के दौरान, लोग घर की सफाई से लेकर औजारों और हथियारों की शुद्धि तक विभिन्न अनुष्ठान करते हैं। वे हल्दी, कुमकुम और चंदन के लेप से पूजा करते हैं।
❀ इस शुभ दिन पर, लोग अपनी पुस्तकों और खातों की सामग्री की भी पूजा करते हैं।
❀ लोग अपने वाहनों की भी पूजा करते हैं। वे अपने वाद्ययंत्रों पर तिलक लगाते हैं, फूल चढ़ाते हैं और विभिन्न वैदिक मंत्रों का जाप करते हैं और आशीर्वाद मांगते हैं।

आयुध पूजा का महत्व

हिंदू धर्म में आयुध पूजा का विशेष महत्व है। पुराणों के अनुसार इस दिन शस्त्रों की पूजा करने की परंपरा है। पहले के समय में जब भी क्षत्रिय लोग युद्ध करने जाते थे। फिर विजयादशमी से एक दिन पहले वे आयुध पूजा करते थे। इस पूजा को करने से अस्त्र-शस्त्र और कवच की पूजा करने से युद्ध में विजय प्राप्त होती है। यह पूजा कर्म और ज्ञान के समन्वय का प्रतीक भी मानी जाती है।

संबंधित जानकारियाँ

भविष्य के त्यौहार
20 October 20269 October 2027
आवृत्ति
वार्षिक
समय
1 दिन
शुरुआत तिथि
आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि
महीना
अक्टूबर-नवंबर
मंत्र
जय माता रानी
कारण
माता पार्वती
उत्सव विधि
मंदिर में प्रार्थना, व्रत, घर में पूजा
महत्वपूर्ण जगह
तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, उत्तर भारत
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