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👑पेनकुनी उत्सव - Painkuni Festival

Painkuni Festival Date: Wednesday, 1 April 2026

पेनकुनी उत्सव, जिसे पेनगुनी भी कहा जाता है, भारत के केरल राज्य में तिरुवनंतपुरम (त्रिवेंद्रम) में स्थित श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर मनाया जाने वाला एक प्रमुख धार्मिक उत्सव है। यह एक हिंदू उत्सव है जो मलयालम महीने मीनम (मार्च-अप्रैल) के दौरान प्रतिवर्ष मनाया जाता है।

पेनकुनी उत्सव की मुख्य विशेषताएं:
अवधि: यह उत्सव 10 दिनों तक चलता है, जिसका समापन आराट्टू समारोह के साथ होता है।

पेनकुनी उत्सव पर पूजे जाने वाले देवता:
❀ भगवान पद्मनाभस्वामी (भगवान विष्णु का एक रूप)
❀ भगवान नरसिंह (विष्णु का सिंह-मुख वाला अवतार)
❀ भगवान कृष्ण

पेनकुनी उत्सव का सांस्कृतिक महत्व:
❀ यह उत्सव भक्ति, परंपरा और शाही विरासत का मिश्रण है।
❀ इसमें भक्तों, स्थानीय लोगों और पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ती है।

पेनकुनी उत्सव की अनूठी परंपराएँ:
❀ त्रावणकोर राजपरिवार के सदस्य अनुष्ठानों में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं, विशेष रूप से महाराजा, जो पैदल आराट्टू जुलूस का नेतृत्व करते हैं।
❀ इस कार्यक्रम में पारंपरिक संगीत, वैदिक मंत्रोच्चार, सजे-धजे हाथी और सैन्य बैंड शामिल होते हैं, जो मंदिर के अनुष्ठान और शाही शान-शौकत का मिश्रण दिखाते हैं।
❀ उत्सव के दौरान मंदिर परिसर को खूबसूरती से सजाया जाता है और दस दिनों तक कथकली और शास्त्रीय संगीत समारोहों सहित विभिन्न सांस्कृतिक प्रदर्शन आयोजित किए जाते हैं।

संबंधित अन्य नामपेनगुनी
कारणभगवान विष्णु

Painkuni Festival in English

Penkuni festival is celebrated annually during the Malayalam month of Meenam (March–April) at the Sree Padmanabhaswamy Temple in Kerala.

उत्सव की मुख्य विशेषताएं:

❀ कोडियेट्टम (ध्वजारोहण) उत्सव की शुरुआत का प्रतीक है।

❀ जुलूस: प्रत्येक शाम, तीनों देवताओं की मूर्तियों को गरुड़ वाहनों (दिव्य चील के आकार के वाहन) पर जुलूस के रूप में निकाला जाता है।

❀ विशाल पांडव मूर्तियाँ: पांच पांडवों-युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल और सहदेव का प्रतिनिधित्व करने वाली विशाल फाइबरग्लास और लकड़ी की मूर्तियाँ मंदिर के पूर्वी प्रवेश द्वार पर स्थापित की गई हैं। इन विशाल आकृतियों को जीवंत रंगों और जटिल विवरणों से सजाया गया है, जो महाभारत से त्योहार के संबंध का प्रतीक हैं।

❀ अरट्टू जुलूस: त्योहार का समापन अरट्टू (पवित्र स्नान) जुलूस के साथ होता है, जहाँ भगवान पद्मनाभ, भगवान नरसिंह और भगवान कृष्ण की मूर्तियों को समुद्र में औपचारिक विसर्जन के लिए शांगुमुघम समुद्र तट पर ले जाया जाता है। जुलूस का नेतृत्व त्रावणकोर शाही परिवार के मुखिया द्वारा किया जाता है, जिसके साथ सजे-धजे हाथी, मंदिर के अधिकारी और सशस्त्र गार्ड होते हैं।

संबंधित जानकारियाँ

भविष्य के त्यौहार
22 March 20278 April 202829 March 202919 March 2030
आवृत्ति
वार्षिक
समय
10 दिन
महीना
मार्च - अप्रैल
मंत्र
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
कारण
भगवान विष्णु
महत्वपूर्ण जगह
तिरुवनंतपुरम, केरल
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