Hanuman Chalisa
Sawan 2024 - Hanuman Chalisa - Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel - Hanuman Chalisa -

विष्णु चालीसा (Vishnu Chalisa)


विष्णु चालीसा
॥ दोहा॥
विष्णु सुनिए विनय सेवक की चितलाय ।
कीरत कुछ वर्णन करूं दीजै ज्ञान बताय ।
॥ चौपाई ॥
नमो विष्णु भगवान खरारी ।
कष्ट नशावन अखिल बिहारी ॥

प्रबल जगत में शक्ति तुम्हारी ।
त्रिभुवन फैल रही उजियारी ॥

सुन्दर रूप मनोहर सूरत ।
सरल स्वभाव मोहनी मूरत ॥

तन पर पीतांबर अति सोहत ।
बैजन्ती माला मन मोहत ॥4॥

शंख चक्र कर गदा बिराजे ।
देखत दैत्य असुर दल भाजे ॥

सत्य धर्म मद लोभ न गाजे ।
काम क्रोध मद लोभ न छाजे ॥

संतभक्त सज्जन मनरंजन ।
दनुज असुर दुष्टन दल गंजन ॥

सुख उपजाय कष्ट सब भंजन ।
दोष मिटाय करत जन सज्जन ॥8॥

पाप काट भव सिंधु उतारण ।
कष्ट नाशकर भक्त उबारण ॥

करत अनेक रूप प्रभु धारण ।
केवल आप भक्ति के कारण ॥

धरणि धेनु बन तुमहिं पुकारा ।
तब तुम रूप राम का धारा ॥

भार उतार असुर दल मारा ।
रावण आदिक को संहारा ॥12॥

आप वराह रूप बनाया ।
हरण्याक्ष को मार गिराया ॥

धर मत्स्य तन सिंधु बनाया ।
चौदह रतनन को निकलाया ॥

अमिलख असुरन द्वंद मचाया ।
रूप मोहनी आप दिखाया ॥

देवन को अमृत पान कराया ।
असुरन को छवि से बहलाया ॥16॥

कूर्म रूप धर सिंधु मझाया ।
मंद्राचल गिरि तुरत उठाया ॥

शंकर का तुम फन्द छुड़ाया ।
भस्मासुर को रूप दिखाया ॥

वेदन को जब असुर डुबाया ।
कर प्रबंध उन्हें ढूंढवाया ॥

मोहित बनकर खलहि नचाया ।
उसही कर से भस्म कराया ॥20॥

असुर जलंधर अति बलदाई ।
शंकर से उन कीन्ह लडाई ॥

हार पार शिव सकल बनाई ।
कीन सती से छल खल जाई ॥

सुमिरन कीन तुम्हें शिवरानी ।
बतलाई सब विपत कहानी ॥

तब तुम बने मुनीश्वर ज्ञानी ।
वृन्दा की सब सुरति भुलानी ॥24॥

देखत तीन दनुज शैतानी ।
वृन्दा आय तुम्हें लपटानी ॥

हो स्पर्श धर्म क्षति मानी ।
हना असुर उर शिव शैतानी ॥

तुमने ध्रुव प्रहलाद उबारे ।
हिरणाकुश आदिक खल मारे ॥

गणिका और अजामिल तारे ।
बहुत भक्त भव सिन्धु उतारे ॥28॥

हरहु सकल संताप हमारे ।
कृपा करहु हरि सिरजन हारे ॥

देखहुं मैं निज दरश तुम्हारे ।
दीन बन्धु भक्तन हितकारे ॥

चहत आपका सेवक दर्शन ।
करहु दया अपनी मधुसूदन ॥

जानूं नहीं योग्य जप पूजन ।
होय यज्ञ स्तुति अनुमोदन ॥32॥

शीलदया सन्तोष सुलक्षण ।
विदित नहीं व्रतबोध विलक्षण ॥

करहुं आपका किस विधि पूजन ।
कुमति विलोक होत दुख भीषण ॥

करहुं प्रणाम कौन विधिसुमिरण ।
कौन भांति मैं करहु समर्पण ॥

सुर मुनि करत सदा सेवकाई ।
हर्षित रहत परम गति पाई ॥36॥

दीन दुखिन पर सदा सहाई ।
निज जन जान लेव अपनाई ॥

पाप दोष संताप नशाओ ।
भव-बंधन से मुक्त कराओ ॥

सुख संपत्ति दे सुख उपजाओ ।
निज चरनन का दास बनाओ ॥

निगम सदा ये विनय सुनावै ।
पढ़ै सुनै सो जन सुख पावै ॥40॥

Vishnu Chalisa in English

Namo Vishnu Bhagwan Kharari । Kasht Nashavan Akhil Bihari ॥ Prabal Jagat Mein Shakti Tumhari ।
यह भी जानें

Chalisa Shri Vishnu ChalisaShri Hari ChalisaRam Navmi ChalisaRam Navami ChalisaEkadasi Chalisa

अगर आपको यह चालीसा पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस चालीसा को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

हनुमान चालीसा

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥ राम दूत अतुलित बल धामा | हनुमान चालीसा Lyrics हिन्दी में | बुरी आत्माओं से मुक्ति के लिए, शनि के प्रकोप से बचने हेतु हनुमान चालीसा का पाठ करें

शनि चालीसा

जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल। दीनन के दुख दूर करि...

शिव चालीसा

शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.. शिव चालीसा लिरिक्स के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न होते हैं

संतोषी माता चालीसा

जय सन्तोषी मात अनूपम। शान्ति दायिनी रूप मनोरम॥ सुन्दर वरण चतुर्भुज रूपा। वेश मनोहर ललित अनुपा॥

दुर्गा चालीसा

नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥

पार्वती चालीसा

ब्रह्मा भेद न तुम्हरो पावे, पंच बदन नित तुमको ध्यावे । षड्मुख कहि न सकत यश तेरो...

Hanuman Chalisa -
Hanuman Chalisa -
×
Bhakti Bharat APP