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त्रंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग - Trimbakeshwar Jyotirlinga

मुख्य आकर्षण - Key Highlights

◉ बारह ज्योतिर्लिंग के बीच में महाराष्ट्र का पहला ज्योतिर्लिंग।
◉ कालसर्प शांति, त्रिपिंडी विधि और नारायण नागबलि पूजा का प्रमुख स्थान।

श्री त्रंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग तीन छोटे-छोटे लिंग ब्रह्मा, विष्णु और शिव प्रतीक स्वरूप, त्रि-नेत्रों वाले भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। मंदिर के अंदर गर्भगृह में प्रायः शिवलिंग दिखाई नहीं देता है, गौर से देखने पर अर्घा के अंदर एक-एक इंच के तीन लिंग दिखाई देते हैं। सुवह होने वाली पूजा के बाद इस अर्घा पर चाँदी का पंचमुखी मुकुट चढ़ा दिया जाता है।

वर्तमान त्र्यंबकेश्वर मंदिर का निर्माण पेशवा बालाजी बाजीराव तृतीय ने पुराने मंदिर स्थल पर ही करवाया था। मंदिर का निर्माण कार्य 1755 में प्रारंभ होकर 31 साल के लंबे समय के बाद सन् 1786 में पूर्ण हुआ।

यह मंदिर तीन पहाड़ियों ब्रह्मगिरी, नीलगिरि और कालगिरि के बीच स्थित है। मंदिर के चारों तरफ चार प्रवेश द्वार हैं, आध्यात्मिक दृष्टि के अनुसार पूर्व दिशा प्रारंभ, पश्चिम परिपक्वता, दक्षिण पूर्णता तथा उत्तर रहस्योद्घाटन को दर्शाती है। ब्रह्मगिरी को शिव स्वरूप माना जाता है। नीलगिरी पर्वत पर नीलाम्बिका देवी और दत्तात्रेय गुरु का मंदिर है। गंगा द्वार पर्वत पर देवी गोदावरी यां गंगा का मंदिर है। श्री त्र्यंबकेश्वर देवस्थान ट्रस्ट सन् 1954 को सार्वजनिक पंजीकृत किया गया था। मंदिर में दैनिक तीन समय की पूजन का विधान है।

त्रंबकेश्वर महाराज को इस गाँव का राजा माना जाता है, अतः प्रत्येक सोमवार को चाँदी के पंचमुखी मुकुट को पालकी में बैठाकर गाँव में प्रजा का हाल जानने हेतु भ्रमण कराया जाता है। फिर कुशावर्त तीर्थ स्थित घाट पर स्नान के उपरांत वापस मंदिर में शिवलिंग पर पहनाया जाता है। यह पूरा दृश्य त्र्यंबक महाराज के राज्याभिषेक जैसा प्रतीत होता है, तथा इस अलौकिक यात्रा में सामिल होना अत्यंत सुखद अनुभव है।

कालसर्प शांति, त्रिपिंडी विधि और नारायण नागबलि पूजन केवल श्री त्रंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग पर ही संपन्‍न किया जाता है। मंदिर के गर्भ-ग्रह में स्त्रियों का प्रवेश पूर्णतया वर्जित है।

प्रचलित नाम: श्री त्रंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग

समय - Timings

दर्शन समय
5:30 AM to 9:00 PM
5:30 AM: मंगला आरती
7:00 AM to 9:00 AM: विशेष पूजा: रुद्राभिषेक, मृत्युंजय मंत्र और लघुरुद्रभिषेक
1:00 PM: मध्याह्न आरती
त्योहार

Trimbakeshwar Jyotirlinga in English

Shri Trimbakeshwar Jyotirlinga is one of the twelve Jyotirlingas of Trinetra Lord Shiva in the form of three symbols of Lord Brahma, Vishnu and Shiva.

फोटो प्रदर्शनी - Photo Gallery

Photo in Full View
त्रंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग

त्रंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग

त्रंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग

त्रंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग

त्रंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग

त्रंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग

त्रंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग

त्रंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग

त्रंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग

त्रंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग

त्रंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग

त्रंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग

त्रंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग

त्रंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग

जानकारियां - Information

संस्थापक
स्वयंभू
स्थापना
सतयुग
देख-रेख संस्था
श्री त्र्यंबकेश्वर देवस्थान ट्रस्ट
समर्पित
भगवान शिव
वास्तुकला
हेमाडपंती
फोटोग्राफी
हाँ जी (मंदिर के अंदर तस्वीर लेना अ-नैतिक है जबकि कोई पूजा करने में व्यस्त है! कृपया मंदिर के नियमों और सुझावों का भी पालन करें।)
नि:शुल्क प्रवेश
हाँ जी

क्रमवद्ध - Timeline

1954

श्री त्र्यंबकेश्वर देवस्थान ट्रस्ट को सार्वजनिक पंजीकृत किया गया था।

16 February 1686

महाशिवरात्रीके परमपावन शुभअवसरपर दिनांक १६ फरवरी १७८६ के दिन जीर्णोध्दार का काम पुरा हुआ था।

वीडियो - Video Gallery

कैसे पहुचें - How To Reach

पता 📧
Shrimant Peshwe Path Trimbak Maharashtra
सड़क/मार्ग 🚗
Nashik- Trambakeshwar Road / NH 848 > Trimbak
रेलवे 🚉
Nashik
हवा मार्ग ✈
Chhatrapati Shivaji International Airport
नदी ⛵
Godavari
सोशल मीडिया
निर्देशांक 🌐
19.932182°N, 73.531050°E
त्रंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग गूगल के मानचित्र पर
http://www.bhaktibharat.com/mandir/trimbakeshwar-jyotirlinga

अगला मंदिर दर्शन - Next Darshan

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