Shri Hanuman Bhajan
Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel - Follow Bhakti Bharat WhatsApp ChannelDownload APP Now - Download APP NowGanesh Aarti Bhajan - Ganesh Aarti BhajanRam Bhajan - Ram Bhajan

श्रीमद्‍भगवद्‍गीता: अर्जुनविषादयोग - श्लोक 37 (Shrimad Bhagwat Geeta: Arjun Visada Yog: Shlok 37)


Add To Favorites Change Font Size
तस्मान्नार्हा वयं हन्तुं धार्तराष्ट्रान्स्वबान्धवान्‌ ।
स्वजनं हि कथं हत्वा सुखिनः स्याम माधव ॥
भावार्थ: अतएव हे माधव! अपने ही बान्धव धृतराष्ट्र के पुत्रों को मारने के लिए हम योग्य नहीं हैं क्योंकि अपने ही कुटुम्ब को मारकर हम कैसे सुखी होंगे?
यह भी जानें

    Granth Bhagwat Geeta Granth

    अगर आपको यह ग्रंथ पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

    Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
    इस ग्रंथ को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
    * कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

    ** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

    विनय पत्रिका

    गोस्वामी तुलसीदास कृत विनयपत्रिका ब्रज भाषा में रचित है। विनय पत्रिका में विनय के पद है। विनयपत्रिका का एक नाम राम विनयावली भी है।

    श्री रामचरितमानस: सुन्दर काण्ड: पद 41

    बुध पुरान श्रुति संमत बानी । कही बिभीषन नीति बखानी ॥ सुनत दसानन उठा रिसाई ।..

    श्री रामचरितमानस: सुन्दर काण्ड: पद 44

    कोटि बिप्र बध लागहिं जाहू । आएँ सरन तजउँ नहिं ताहू ॥ सनमुख होइ जीव मोहि जबहीं ।..

    Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
    Ganesh Aarti Bhajan - Ganesh Aarti Bhajan
    ×
    Bhakti Bharat APP