हिरण्यगर्भ दूधेश्वर ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा!
पुराणों में हरनंदी के निकट हिरण्यगर्भ ज्योतिर्लिंग का वर्णन मिलता है। हरनंदी,हरनद अथवा हिरण्यदा ब्रह्मा जी की पुत्री है...
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फिर क्या था, भगवान शिव अर्धनारीश्वर से पूरे नारी-रूप बन गये। श्रीयमुना जी ने षोडश श्रृंगार कर दिया।..
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श्री भगवान बोले: हे राजन्, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी का नाम विजया एकादशी है। इसके व्रत के प्रभाव से मनुष्य को विजय प्राप्त होती है।
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फाल्गुन संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा
विष्णु शर्मा के 7 पुत्र थे। वे सातों अलग-अलग रहते थे। विष्णु शर्मा की जब वृद्धावस्था आ गई तो उसने सब बहुओं से कहा-तुम सब गणेश चतुर्थी का व्रत किया करो।
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श्री सत्यनारायण कथा - द्वितीय अध्याय
सूत जी बोले: हे ऋषियों ! जिसने पहले समय में इस व्रत को किया था उसका इतिहास कहता हूँ, ध्यान से सुनो!...
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वार के अनुसार जो प्रदोष व्रत करते हैं, उसी के अनुरूप उसका फल प्राप्त होता है। प्रदोष अथवा त्रयोदशी का व्रत मनुष्य को संतोषी एवं सुखी बनाता है। बुध त्रयोदशी प्रदोष व्रत करने से सर्व कामनाएं पूर्ण होती हैं।
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श्रीकृष्ण कहने लगे कि हे राजन्! माघ शुक्ल एकादशी के दिन आने वाली एकादशी को जया एकादशी के नाम से जाना जाता है।
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त्रेता युग में महाराजा मान्धाता के तीन पुत्र हुए, अमरीष, पुरू और मुचुकुन्द। युद्ध नीति में निपुण होने से देवासुर संग्राम में इंद्र ने महाराज मुचुकुन्द को अपना सेनापति बनाया।..
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पौष पुत्रदा एकादशी के उपरांत, माघ माह के कृष्ण पक्ष मे आने वाली इस एकादशी को षटतिला एकादशी कहा जाता है। इस व्रत के करने से अनेक प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं।
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सकट चौथ पौराणिक व्रत कथा - राजा हरिश्चंद्र..
इस घटना के बाद कुम्हार डर गया और राजा के समक्ष पहुंच पूरी कहानी बताई। इसके पश्चात राजा ने बच्चे और उसकी मां को बुलवाया तो मां ने संकटों को दूर करने वाले सकट चौथ की महिमा..
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सकट चौथ व्रत कथा: एक साहूकार और साहूकारनी
एक साहूकार और एक साहूकारनी थे। वह धर्म पुण्य को नहीं मानते थे। इसके कारण उनके कोई बच्चा नहीं था।..
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सकट चौथ पौराणिक व्रत कथा - श्री महादेवजी पार्वती
एक बार महादेवजी पार्वती सहित नर्मदा के तट पर गए। वहाँ एक सुंदर स्थान पर पार्वतीजी ने महादेवजी के साथ चौपड़ खेलने की इच्छा व्यक्त की..
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जो प्रदोष व्रत मंगलवार के दिन पड़ता है वह प्रदोष भौम प्रदोष व्रत या मंगल प्रदोष व्रत कहलाता है। एक नगर में एक वृद्धा रहती थी। उसका एक ही पुत्र था..
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भगवान श्रीकृष्ण बोले: पौष माह के शुक्ल पक्ष मे आने वाली इस एकादशी को पौष पुत्रदा एकादशी कहा जाता है। इसमें भी नारायण भगवान की पूजा की जाती है।
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भगवान श्रीकृष्ण बोले: पौष माह के कृष्ण पक्ष मे आने वाली इस एकादशी को सफला एकादशी कहा जाता है। इस एकादशी के देवता श्रीनारायण हैं..
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