Hanuman Chalisa
Hanuman Chalisa - Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel - Durga Chalisa - Ram Bhajan -

श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर - Shri Panchmukhi Hanuman Mandir

मुख्य आकर्षण - Key Highlights

◉ 24x7 चौबीस घंटे श्री राम संकीर्तन।
◉ खोले के हनुमान जी मंदिर के निकट।

श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर लक्ष्मण डुंगरी की तली पर स्थित जाग्रत श्री हनुमान धाम है। प्रत्येक वर्ष भाद्रपद माह में वामन जयंती के दिन भव्य सन्त सम्मेलन व भंडारे का आयोजित किया जाता है, जिसमें 20 से 25 हजार श्रद्धालु पंगत परसादी में शामिल होते हैं, जिसे नानी बाई का मायरा के नाम से भी जाना जाता है।

पौष बड़ा प्रसाद वितरण: पौष माह के प्रत्येक मंगलवार 17, 24, 31 दिसंबर एवं 7 जनवरी 2020 सुवह 7:30 से रात्रि 10 बजे तक।
पौष खिचड़ा प्रसाद वितरण: पौष माह के प्रत्येक शनिवार 14, 21, 28 दिसंबर तथा 4 जनवरी 2020 सुवह 7:30 से दोपहर 1 बजे तक।

श्री हनुमान जन्मोत्सव को 11 हजार दीपकों के साथ हनुमान जी की महाआरती की जाती है। हनुमान शक्ति को हर समय जाग्रत रखने हेतु, सन् 1997 से मंदिर परिसर में श्री राम नाम अखंड संकीर्तन का निरंतर पाठ किया जाता है।

हर मंगलवार को सायंकाल 7:00 बजे सामुहिक श्री हनुमान चालिसा का पाठ किया जाता है, और महीने में एक बार सुन्दरकांड का पाठ आयोजित किया जाता है। मंदिर परिसर में साधू - संतों के रुकने की व्यवस्था रखी गई है, जिसके अंतर्गत मंदिर में 20-25 साधुओं का हमेशा सनिद्ध्य प्राप्त किया जा सकता है।

मंदिर प्रबन्धन समिति द्वारा एक छोटी गौशाला का भी संचालन किया जाता है। शिव का पवित्र महिना सावन, जिसमें सवा-लाख बेलपत्र की झाँकी सजाई जाती है। मंदिर में गुरु पूणिमा को गुरु पूजन किया जाता है जिसमे 5-7 हजार शिष्यगण गुरु पूजन करने आते हैं।

समय - Timings

दर्शन समय
5:30 AM - 10:30 PM, 11:00 PM (Tuesday, Saturday)
त्योहार
Diwali|Annakut, Guru Purnima, Paush Bada, Janmashtami, Valmiki Jayanti|Sharad Purnima, Hanuman Jayanti|Hanuman Janmotsav, Shivaratri, Savan, Vamana Jayanti | यह भी जानें: एकादशी

श्री श्री 1008 श्री सीताराम दास जी

महान संत श्री श्री 1008 श्री सीताराम दास जी महाराज ने 17 सितम्बर 2014 को 46 साल के बाद अन्नग्रहण किया था। पंचमुखी हनुमान मंदिर परिसर के आज की इस विकासमयी यात्रा का श्रेय भी महाराज जी के सनिद्ध्य को ही जाता है। इससे पूर्व महाराज जी बंगाली बाबा श्री गणेश मंदिर परिसर में अपनी सेवाएँ दिया करते थे।

Shri Panchmukhi Hanuman Mandir in English

Shri Panchmukhi Hanuman Mandir having all time jagrat Shri Hanuman bhumi at the foot of the Laxman Dungri.

फोटो प्रदर्शनी - Photo Gallery

Photo in Full View
श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर

श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर

श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर

श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर

श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर

श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर

श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर

श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर

जानकारियां - Information

धाम
Shri Panchmukhi Hanuman2-Shivling with GanYagyashalaMaa TulsiPeepal TreeVat Vriksh
बुनियादी सेवाएं
Prasad, Drinking Water, Shose Store, Solar Panel, Sitting Benches
धर्मार्थ सेवाएं
गौशाला
देख-रेख संस्था
श्री पंचमुखी हनुमान सेवा समिति
समर्पित
श्री पंचमुखी हनुमान
फोटोग्राफी
हाँ जी (मंदिर के अंदर तस्वीर लेना अ-नैतिक है जबकि कोई पूजा करने में व्यस्त है! कृपया मंदिर के नियमों और सुझावों का भी पालन करें।)

क्रमवद्ध - Timeline

1961

मंदिर का निर्माण कार्य।

1981

श्री श्री 1008 श्री सीताराम दास जी महाराज द्वारा मंदिर का जीर्णोद्धार।

1997

सन् 1997 से चौबीस घंटे श्री राम संकीर्तन।

कैसे पहुचें - How To Reach

पता 📧
Laxman Dungri Jaipur Rajasthan
सड़क/मार्ग 🚗
Alwar-Jaipur Road
रेलवे 🚉
Jaipur
हवा मार्ग ✈
Jaipur International Airport
सोशल मीडिया
निर्देशांक 🌐
26.942057°N, 75.849939°E
श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर गूगल के मानचित्र पर
http://www.bhaktibharat.com/mandir/panchmukhi-hanuman-mandir-laxman-dungri

अगला मंदिर दर्शन - Next Darshan

अपने विचार यहाँ लिखें - Write Your Comment

अगर आपको यह मंदिर पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

भक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस मंदिर को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

अम्बे तू है जगदम्बे काली: माँ दुर्गा, माँ काली आरती

अम्बे तू है जगदम्बे काली जय दुर्गे खप्पर वाली। तेरे ही गुण गाये भारती...

सन्तोषी माता आरती

जय सन्तोषी माता, मैया जय सन्तोषी माता। अपने सेवक जन की सुख सम्पति दाता..

श्री बृहस्पति देव की आरती

जय वृहस्पति देवा, ऊँ जय वृहस्पति देवा । छिन छिन भोग लगा‌ऊँ..

×
Bhakti Bharat APP