Hanuman Chalisa
Hanuman Chalisa - Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel - Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa -

तुलसीदास जी द्वारा श्रीराम के दर्शन का उपाय - सत्य कथा (Goswami Tulsidas Dwara Shri Ram Ke Darshan Ka Upay)


Add To Favorites Change Font Size
साक्षात् भगवान् श्रीराम के दर्शन करने का उपाय:
एक ब्राह्मण दिनभर गोस्वामी जी के कुटिया के बहार बैठकर लोभवश राम-राम रटता। संध्या के समय श्रीहनुमान जी उसे धन दे देते थे। एक वार उसने भगवान के दर्शन के लिये बड़ा हठ किया।
गोस्वामी जी ने कहा: उसके लिए प्रेम और भाव चाहिए, संत की कृपा चाहिए। ऐसे ही एकदम भगवान नहीं मिलते। उसने कहा: आप समर्थ महापुरुष है, आप भगवान् के दर्शन करवा सकते है। वह हठ पर अड़ गया।

गोस्वामी जी ने कहा: ठीक है यहाँ सामने इस पेड़ पर चढ़ जाओ, पेड़ के नीचे त्रिशूल गाढ़ दो और उस त्रिशूल पर कूद पडो। भगवान् के दर्शनं हो जायेंगे।

वह त्रिशूल गाडकर वृक्षपर चढ़ा, परंतु कूदने की हिम्मत नहीं हुई।
एक घुडसवार उधर से जा रहा था, उसने पूछा: पेड़ पर क्या कर रहे हो?
ब्राह्मण बोला: तुलसीदास जी ने कहा है पेड़ पर से त्रिशूल पर कूदो तुम्हे भगवान् श्रीराम के दर्शन होंगे।

उस व्यक्ति ने कहा: क्या सच में यह बात तुलसीदास जी के श्रीमुख से निकली है?
ब्राह्मण बोला: जी हाँ ! वह व्यक्ति तुरंत पेड़ पर चढ़कर त्रिशूलपर कूद पडा।

उसे भगवान ने आकर हाथ से पकड़ लिया और उसे श्रीराम के दर्शन प्राप्त हो गये। हनुमान जी ने उसे तत्त्वज्ञान का उपदेश भी दिया।

गोस्वामी जी ने सत्य ही कहा था, जिनमें प्रेम-भाव हो एवं संत की कृपा हो वही भगवान के दर्शन पाता है।
यह भी जानें

Prerak-kahani Shri Ram Prerak-kahaniShri Hanuman Prerak-kahaniTulsidas Prerak-kahaniTrue Story Prerak-kahaniTrue Prerak-kahaniTrishul Prerak-kahaniShri Ram Darshan Prerak-kahaniGhudsawar Prerak-kahani

अगर आपको यह prerak-kahani पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस prerak-kahani को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

गोस्वामी तुलसीदास की श्री हनुमान जी से भेंट - सत्य कथा

गोस्वामी तुलसीदास द्वारा श्री हनुमान जी के दर्शन: गोस्वामी जी काशी मे प्रह्लाद घाटपर प्रतिदिन वाल्मीकीय रामायण की कथा सुनने जाया करतेे थे।..

कभी-कभी भक्ति करने को मन नहीं करता? - प्रेरक कहानी

प्रेरक कहानी: कभी-कभी भक्ति करने को मन नहीं करता फिर भी नाम जपने के लिये बैठ जाते है, क्या उसका भी कोई फल मिलता है?

नारद मुनि भगवान श्रीराम के द्वार पर पहुँचे

एक बार की बात है, वीणा बजाते हुए नारद मुनि भगवान श्रीराम के द्वार पर पहुँचे। नारायण नारायण !! नारदजी ने देखा कि द्वार पर हनुमान जी पहरा दे रहे है। हनुमान जी ने पूछा: नारद मुनि! कहाँ जा रहे हो?

सिय राम मय सब जग जानी - प्रेरक कहानी

अरे महात्मा जी, इस रास्ते से मत जाइये आगे एक बैल गुस्से में लोगों को मारता हुआ घूम रहा है। और आपने तो लाल वस्त्र भी पहन रखे हैं...

हनुमानजी की उपासना से आयु वृद्धि होती है - प्रेरक कहानी

चित्रकूटके घाट पर, भइ संतन की भीर । तुलसिदास चंदन घिसें, तिलक देन रघुबीर ॥..

गोस्वामी तुलसीदास की सूरदास जी से भेंट - सत्य कथा

श्री सूरदास जी से भगवान् का विनोद करना | तुलसीदास जी वाला पलड़ा भारी हो गया। अब सूरदास श्री को बड़ा दुःख हुआ | किशोरी जी जहाँ हो वहाँ का पलड़ा तो भारी होगा ही..

तुलसीदास जी रचित श्री रामचरितमानस के प्रथम श्रोता - सत्य कथा

श्री रामचरितमानस के प्रथम श्रोता संत: मनुष्यों में सबसे प्रथम यह ग्रन्थ सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ मिथिला के परम संत श्रीरूपारुण स्वामीजी महाराज को।

Hanuman Chalisa -
Ram Bhajan -
×
Bhakti Bharat APP