Shri Hanuman Bhajan

तुलसीदास जी द्वारा श्रीराम के दर्शन का उपाय - सत्य कथा (Goswami Tulsidas Dwara Shri Ram Ke Darshan Ka Upay)


Add To Favorites Change Font Size
साक्षात् भगवान् श्रीराम के दर्शन करने का उपाय:
एक ब्राह्मण दिनभर गोस्वामी जी के कुटिया के बहार बैठकर लोभवश राम-राम रटता। संध्या के समय श्रीहनुमान जी उसे धन दे देते थे। एक वार उसने भगवान के दर्शन के लिये बड़ा हठ किया।
गोस्वामी जी ने कहा: उसके लिए प्रेम और भाव चाहिए, संत की कृपा चाहिए। ऐसे ही एकदम भगवान नहीं मिलते। उसने कहा: आप समर्थ महापुरुष है, आप भगवान् के दर्शन करवा सकते है। वह हठ पर अड़ गया।

गोस्वामी जी ने कहा: ठीक है यहाँ सामने इस पेड़ पर चढ़ जाओ, पेड़ के नीचे त्रिशूल गाढ़ दो और उस त्रिशूल पर कूद पडो। भगवान् के दर्शनं हो जायेंगे।

वह त्रिशूल गाडकर वृक्षपर चढ़ा, परंतु कूदने की हिम्मत नहीं हुई।
एक घुडसवार उधर से जा रहा था, उसने पूछा: पेड़ पर क्या कर रहे हो?
ब्राह्मण बोला: तुलसीदास जी ने कहा है पेड़ पर से त्रिशूल पर कूदो तुम्हे भगवान् श्रीराम के दर्शन होंगे।

उस व्यक्ति ने कहा: क्या सच में यह बात तुलसीदास जी के श्रीमुख से निकली है?
ब्राह्मण बोला: जी हाँ ! वह व्यक्ति तुरंत पेड़ पर चढ़कर त्रिशूलपर कूद पडा।

उसे भगवान ने आकर हाथ से पकड़ लिया और उसे श्रीराम के दर्शन प्राप्त हो गये। हनुमान जी ने उसे तत्त्वज्ञान का उपदेश भी दिया।

गोस्वामी जी ने सत्य ही कहा था, जिनमें प्रेम-भाव हो एवं संत की कृपा हो वही भगवान के दर्शन पाता है।
यह भी जानें

Prerak-kahani Shri Ram Prerak-kahaniShri Hanuman Prerak-kahaniTulsidas Prerak-kahaniTrue Story Prerak-kahaniTrue Prerak-kahaniTrishul Prerak-kahaniShri Ram Darshan Prerak-kahaniGhudsawar Prerak-kahani

अगर आपको यह prerak-kahani पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस prerak-kahani को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

सुदर्शन रूप में भक्त की प्रेत से रक्षा - सत्य कथा

संत अनंतकृष्ण बाबा जी के पास एक लड़का सत्संग सुनने के लिए आया करता था। संत से प्रभावित होकर बालक द्वारा दीक्षा के लिए प्रार्थना करने..

एक लकड़ी का कटोरा - प्रेरक कहानी

एक वृद्ध व्‍यक्ति अपने बहु-बेटे के यहाँ शहर रहने गया। उम्र के इस पड़ाव पर वह अत्‍यंत पड चुका था, उसके हाथ कांपते थे और दिखाई भी कम देता था।..

गुरु का स्थान, श्रेष्ठ - प्रेरक कहानी

एक राजा को पढने लिखने का बहुत शौक था। एक बार उसने मंत्री-परिषद् के माध्यम से अपने लिए एक शिक्षक की व्यवस्था की। शिक्षक राजा को पढ़ाने के लिए आने लगा।..

दुर्लभ मनुष्य जीवन - प्रेरक कहानी

फिर उसने अपनी जेब में हाथ डाल कुछ सौ-सौ के नोट गिने। सामान्य कटोरे की भाँति समझ कर कौड़ियां इक्कट्ठे करने में लगे हुए हैं।..

कद्दू का तीर्थ स्नान - प्रेरक कहानी

वह कद्दू ले लिया, और जहाँ-जहाँ गए, स्नान किया वहाँ-वहाँ स्नान करवाया। मंदिर में जाकर दर्शन किया तो उसे भी दर्शन करवाया।...

ठाकुर जी सेवा में अहंकार नहीं विनम्रता रखें - प्रेरक कहानी

कमल किशोर सोने एवं हीरे-जवाहरात बनाने एवं बेचने का काम करता था। उसकी दुकान से बने हुए गहने दूर-दूर तक मशहूर थे।...

जो मुझ से प्रेम रखता है, जो सर्व-शक्तिशाली है - प्रेरक कहानी

मैंने श्राप कभी नहीं दीया, लेकिन कोई है जो मुझ से प्रेम रखता है! और वह इतना शक्तिशाली है कि दुनिया का बड़े से बड़ा राजा भी उसकी लाठी से डरता है...

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Shiv Chalisa - Shiv Chalisa
Bhakti Bharat APP