Download Bhakti Bharat APP

भरे गिलास से, मंदिर की परिक्रमा - प्रेरक कहानी (Bhare Glass Se Mandir Ki Parikrama)


Add To Favorites Change Font Size
एक महिला रोज मंदिर जाती थी एक दिन उस महिला ने पुजारी से कहा अब मैं मंदिर नही आया करूँगी इस पर पुजारी ने पूँछा क्यो?
तब महिला बोली: मैं देखती हूं लोग मंदिर परिसर मे अपने फोन से अपने व्यापार की बात करते है कुछ ने तो मंदिर को ही गपसप करने का स्थान चुन रखा है, कुछ पूजा कम पाखंड ज्यादा करते है।

इस पर पुजारी कुछ देर तक चुप रहे फिर कहा: सही है! परंतु अपना अंतिम निर्णय लेने से पहले आप मेरे कहने से कुछ कर सकती है।

महिला बोली: आप बताइए क्या करना है।

पुजारी ने कहा: एक गिलास पानी से भरकर लीजिए औऱ 2 बार मंदिर परिसर के अंदर परिक्रमा लगाइए शर्त ये है कि गिलास का पानी गिरना नही चाहिये।

महिला बोली: मे ऐसा कर सकती हूँ फिर थोड़ी ही देर में उस महिला ने ऐसा कर दिखाया।

उसके बाद मंदिर के पुजारी ने महिला से 3 सवाल पूछे:
1) क्या आपने किसी को फोन पर बात करते देखा?
2) क्या आपने किसी को मंदिर मे गपसप करते देखा?
3) क्या किसी को पाखंड करते देखा?

महिला बोली: नही मैंने कुछ भी नही देखा

फिर पुजारी बोले: जब आप परिक्रमा लगा रही थी तो आपका पूरा ध्यान गिलास पर था कि इस मे से पानी न गिर जाए इसलिए आपको कुछ दिखाई नही दिया।

अब जब भी आप मंदिर आये तो सिर्फ अपना ध्यान परम पिता परमात्मा में ही लगाना फिर आपको कुछ दिखाई ही नही देगा। सिर्फ भगवान ही सर्ववृत दिखाई देगा, जब ऐसा होगा तो स्वयं ही कल्पना कर लीजियेगा।
यह भी जानें

Prerak-kahani Mandir Prerak-kahaniPujari Prerak-kahaniEkagrata Prerak-kahani

अगर आपको यह prerak-kahani पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस prerak-kahani को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

खुद की मदद करें, भगवान भी तभी मदद करेंगे - प्रेरक कहानी

सन्यासी: तो फिर किस हक़ से तुम भगवान को दोष दे रहे हो, भगवान उन्हीं लोगों की मदद करते हैं जो स्वयं की मदद करते हैं।

जब श्री कृष्ण बोले, मुझे कहीं छुपा लो - प्रेरक कहानी

एक बार की बात है कि यशोदा मैया प्रभु श्री कृष्ण के उलाहनों से तंग आ गयीं और छड़ी लेकर श्री कृष्ण की ओर दौड़ी।...

भक्त के अधीन भगवान - सदना कसाई की कहानी

एक कसाई था सदना। वह बहुत ईमानदार था, वो भगवान के नाम कीर्तन में मस्त रहता था। यहां तक की मांस को काटते-बेचते हुए भी वह भगवान नाम गुनगुनाता रहता था।

भगवान की लाठी तो हमेशा तैयार है - प्रेरक कहानी

एक बुजुर्ग दरिया के किनारे पर जा रहे थे। जहरीले बिच्छु ने दरिया के अन्दर छलांग लगाई..

तुलसीदास जी द्वारा विप्रचंद ब्राह्मण पर कृपा - सत्य कथा

एक बार एक विप्रचंद नामक ब्राह्मण से हत्या हो गयी और उस हत्या के प्रायश्चित के लिये वह अनेक तीर्थों में घूमता हुआ काशी आया।

नारद मुनि भगवान श्रीराम के द्वार पर पहुँचे

एक बार की बात है, वीणा बजाते हुए नारद मुनि भगवान श्रीराम के द्वार पर पहुँचे। नारायण नारायण !! नारदजी ने देखा कि द्वार पर हनुमान जी पहरा दे रहे है। हनुमान जी ने पूछा: नारद मुनि! कहाँ जा रहे हो?

सच्चे गुरु के बिना बंधन नहीं छूटता - प्रेरक कहानी

एक पंडित रोज रानी के पास कथा करता था। कथा के अंत में सबको कहता कि राम कहे तो बंधन टूटे। तभी पिंजरे में बंद तोता बोलता, यूं मत कहो रे पंडित झूठे।

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Durga Chalisa - Durga Chalisa
×
Bhakti Bharat APP