Shri Krishna Bhajan

तुलसीदास जी द्वारा ब्राह्मण को जीवन दान - सत्य कथा (Goswami Tulsidas Dwara Brahmin Ko Jeevan Dan)


Add To Favorites Change Font Size
एक मृत ब्राह्मण को जीवन प्रदान करना:
भक्तमाल में वर्णन है कि एक ब्राह्मण था, परंतु कुछ विद्वान बताते है कि वह ब्राह्मण नहीं, एक भुलई नाम का कलवार था जो भक्ति पथ और गोस्वामी जी की निन्दा किया करता था।
उसकी मृत्यु हो गयी, उसकी पत्नी उसके साथ सती होने के लिए जा रही थी। गोस्वामी श्री तुलसीदास जी अपनी कुटी के द्वार पर बैठे हुए भजन कर रहे थे। उस ब्राह्मण की स्त्री ने उन्हें दूर से ही देखा तो फिर श्री चरणों में आकर इन्हें प्रणाम किया।

श्री तुलसीदास जी ने उसे आशीर्वाद देते हुए कहा कि सौभाग्यवती होओ। उस स्त्री ने कहा कि मेरे पति का देहांत हो गया है और मैं सती होने के लिए श्मशान घाट पर जा रही हूँ। तब इस आशीर्वाद का क्या अर्थ होगा?

गोस्वामीजी ने कहा कि अब तो मेरे मुख से आशीर्वाद निकल चूका है, यदि तुम और तुम्हारे परिवार के लोग भगवान श्रीराम का भजन करें तो मै तुम्हारे मृत पति को जीवित कर दूँगा।

यदि काल सत्य है, तो मेरे प्रभु काल के भी काल है, यह बात भी तो सत्य है। उस स्त्री ने अपने सभी कुटुम्बियों को बुलाकर कहा कि यदि आप लोग सच्चे हृदय से श्रीराम भक्ति करने की दृढ़ प्रतिज्ञा करे तो मेरे यह मृत पति जीवित हो जायेंगे।

सभी ने गोस्वामीजी की बात को स्वीकार करते हुए श्रीराम नाम का संकीर्तन प्रारंभ किया। तब गोस्वामी जी ने उसे सुंदर भक्तिमय जीवन दान दिया। श्री राम की कृपा से उस ब्राह्मण को जीवन दान मिल गया और इससे प्रभावित होकर उसके परिवार के लोग भगवद्भक्त हो गए ।
यह भी जानें

Prerak-kahani Shri Ram Prerak-kahaniShri Hanuman Prerak-kahaniTulsidas Prerak-kahaniTrue Story Prerak-kahaniTrue Prerak-kahaniMahila Prerak-kahaniSati Prerak-kahaniMratyu Prerak-kahani

अगर आपको यह prerak-kahani पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस prerak-kahani को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

Latest Prerak-kahani ›

जब तक दुख नहीं मिलते, प्रभु की याद नहीं आती - प्रेरक कहानी

फिर सुपरवाईजर ने उसका ध्यान आकर्षित करने के लिए एक १० रु का नोट नीचे फैंका, जो ठीक मजदूर के सामने जा कर गिरा..

बुरे समय में कृतज्ञता ना छोड़ें - प्रेरक कहानी

एक शिकारी ने शिकार पर तीर चलाया। तीर पर सबसे खतरनाक जहर लगा हुआ था।..

एक जोड़ी, पैरों के निशान? - प्रेरक कहानी

आपने तो कहा था. कि आप हर समय मेरे साथ रहेंगे, पर मुसीबत के समय मुझे दो की जगह एक जोड़ी ही पैर ही दिखाई दिए...

गोस्वामी तुलसीदास को श्री कृष्ण का राम रूप दर्शन - सत्य कथा

तुलसीदास जी को भगवान् श्री कृष्ण का राम रूप में दर्शन देना | श्रीकृष्ण ने हाथ में धनुष-बाण ले लिया | श्री दशरथ जी का पुत्र, परम सुंदर उपमा रहित जानकार उनसे प्रेम करता था..

तुलसीदास जी द्वारा श्रीराम के दर्शन का उपाय - सत्य कथा

साक्षात् भगवान् श्रीराम के दर्शन करने का उपाय | उसके लिए प्रेम और भाव चाहिए, संत की कृपा चाहिए | वह व्यक्ति तुरंत पेड़ पर चढ़कर त्रिशूलपर कूद पडा..

प्रेरणादायक महाराजा रणजीत सिंह की कहानियाँ

एक बार महाराजा कहीं जा रहे थे, तभी उनके माथे पर पत्थर आकार लगा। उनके माथे पर से खून बहने लगा।...

निर्दोष को कैसी सजा - प्रेरक कहानी

बहुत समय पहले हरिशंकर नाम का एक राजा था। उसके तीन पुत्र थे और अपने उन तीनों पुत्रों में से वह किसी एक पुत्र को राजगद्दी सौंपना चाहता था।

Ganesh Aarti Bhajan - Ganesh Aarti Bhajan
Ram Bhajan - Ram Bhajan
Bhakti Bharat APP