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🐍नाग पंचमी - Nag Panchami

Nag Panchami Date: Monday, 17 August 2026
नाग पंचमी

नाग पंचमी त्यौहार के दिन नागदेव की पूजा तथा दूध से स्नान कराया जाता है। नागदेव को अपने क्षेत्र के संरक्षक के रूप में पूजा जाता है, कुछ जगहों पर इन्हें क्षेत्रपाल भी कहा गया है।

जन्मकुन्डली में सर्प दोष के निवारण हेतु यह श्रेष्ठ दिन है। नाग पंचमी के दिन नागदेव के दर्शन अवश्य करना चाहिए। नागदेव की निवास स्थली, बांबी की पूजा की जाती है। चूँकि नागदेव को सुगंध प्रिय है, अतः नागदेव की सुगंधित पुष्प व चंदन से पूजा की जाती है।

नाग पंचमी के पावन पर्व पर वाराणसी/काशी में नाग कुआँ नामक स्थान पर बहुत बड़ा मेले का आयोजन होता है। आम तौर पर यह त्यौहार हरियाली तीज के दो दिन बाद मनाया जाता है। नागपंचमी के ही दिन अनेकों गांव व कस्बों में कुश्ती/दंगल का आयोजन होता है जिसमें आसपास के पहलवान भाग लेते हैं।

वैसे तो श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को नाग देवता की पूजा की जाती हैं, किन्तु भारत के कुछ स्थानों पर नाग पंचमी भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की पंचमी को भी मनाई जाती है।

नाग पंचमी के पीछे की कहानी
भगवान कृष्ण ने कालिया नाग को हराया और यह महसूस करने के बाद कि कृष्ण कोई साधारण बालक नहीं थे, नाग और उनकी पत्नियों ने उनके जीवन की भीख मांगी। कृष्ण ने उसके प्राण तब बख्श दिए जब उसने उससे वादा किया कि वह अब गोकुल के निवासियों को परेशान नहीं करेगा। कालिया नाग पर कृष्ण की विजय के उपलक्ष्य में नाग पंचमी मनाई जाती है।

इस पर्व को लेकर यह भी मान्यता है कि नाग देवता को प्रसन्न करने से भगवान शिव भी आपसे प्रसन्न होते हैं और आपकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का त्योहार बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है।

नाग पंचमी की पूजा विधि
◉ नाग पंचमी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि करें। इसके बाद भगवान शिव के साथ-साथ नाग देवता की भी पूजा करें और पूजा का संकल्प लें।
◉ पूजा स्थल पर नाग देवता का चित्र लगाएं या मिट्टी से नाग देवता बनाएं और उसे एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर स्थापित करें।
◉ नाग देवता को हल्दी, रोली, चावल, कच्चा दूध और फूल चढ़ाकर पूजा करें। इसके बाद कच्चा दूध, घी और चीनी मिलाकर नाग देवता को अर्पित करें।
◉ नाग पंचमी के दिन नाग देवता की मूर्ति पर तांबे के लोटे से दूध और जल चढ़ाएं। यदि संभव हो तो मंदिर में चांदी के नाग-नागिन का जोड़ा रखें और उसकी पूजा करें। इससे नाग देवता और भगवान शिव दोनों प्रसन्न होते हैं।

नाग पंचमी पूजा का महत्व
कहा जाता है कि नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करने से जीवन के कष्टों का नाश होता है। साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। इसके अलावा अगर इस दिन किसी व्यक्ति को सांप दिख जाए तो यह बहुत ही शुभ माना जाता है।

संबंधित अन्य नामनागुल चविथि, नाग चतुर्थी, नग पाँचय
शुरुआत तिथिश्रावण शुक्ल पञ्चमी
कारणनाग पूजन के लिए सबसे उपुक्त तिथि
उत्सव विधिभजन, कीर्तन, नाग पूजा

Nag Panchami in English

Nag Panchami is the festival of snakes, people pray and milk bath to snaks. Nagdev is worshiped as protector of his area, therefore in some places he has also been called Kshetrapal.

नाग पंचमी पूजा मुहूर्त

नाग पञ्चमी मंगलवार, जुलाई 29, 2025 को
नाग पञ्चमी पूजा मुहूर्त - 5:41 AM से 8:23 AM

गुजरात में नाग पञ्चम बुधवार, अगस्त 13, 2025 को

पञ्चमी तिथि प्रारम्भ - जुलाई 28, 2025 को 11:24 पी एम बजे
पञ्चमी तिथि समाप्त - जुलाई 30, 2025 को 12:46 ए एम बजे

नाग पंचमी कैसे मनाई जाती है?

नाग पंचमी पूरे भारत में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। लोग साँपों और भगवान शिव को समर्पित मंदिरों में जाते हैं, जहाँ विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। नाग पंचमी के लिए कुछ प्रसिद्ध मंदिरों में केरल में मन्नारसाला मंदिर, प्रयागराज में नाग वासुकी मंदिर और उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर शामिल हैं।

नाग पञ्चमी पूजन के समय बारह नागों की पूजा की जाती है

❀ अनन्त
❀ वासुकी
❀ शेष
❀ पद्म
❀ कम्बल
❀ कर्कोटक
❀ अश्वतर
❀ धृतराष्ट्र
❀ शङ्खपाल
❀ कालिया
❀ तक्षक
❀ पिङ्गल

नाग पञ्चमी पूजा मन्त्र

सर्वे नागाः प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले।
ये च हेलिमरीचिस्था येऽन्तरे दिवि संस्थिताः॥
ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिनः।
ये च वापीतडगेषु तेषु सर्वेषु वै नमः॥

अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलम्।
शङ्ख पालं धृतराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा॥
एतानि नव नामानि नागानां च महात्मनाम्।
सायङ्काले पठेन्नित्यं प्रातःकाले विशेषतः।
तस्य विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत्॥

मन्त्र अर्थ - इस संसार में, आकाश, स्वर्ग, झीलें, कुएँ, तालाब तथा सूर्य-किरणों में निवास करने वाले सर्प, हमें आशीर्वाद दें तथा हम सभी आपको बारम्बार नमन करते हैं। नौ नाग देवताओं के नाम अनन्त, वासुकी, शेष, पद्मनाभ, कम्बल, शङ्खपाल, धृतराष्ट्र, तक्षक तथा कालिया हैं। यदि प्रतिदिन प्रातःकाल नियमित रूप से इनका जप किया जाता है, तो नाग देवता आपको समस्त पापों से सुरक्षित रखेंगे तथा आपको जीवन में विजयी बनायेंगे।

संबंधित जानकारियाँ

आवृत्ति
वार्षिक
समय
1 दिन
शुरुआत तिथि
श्रावण शुक्ल पञ्चमी
समाप्ति तिथि
श्रावण शुक्ल पञ्चमी
महीना
जुलाई / अगस्त
कारण
नाग पूजन के लिए सबसे उपुक्त तिथि
उत्सव विधि
भजन, कीर्तन, नाग पूजा
महत्वपूर्ण जगह
घर, मंदिर, शिव मंदिर, पूरे भारत में।
पिछले त्यौहार
29 July 2025, 9 August 2024, 21 August 2023, 2 August 2022, 13 August 2021, 25 July 2020

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