पितृ पक्ष - Pitru Paksha

मासिक शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में क्या अंतर है? (What is the difference between Masik Shivratri and Mahashivratri?)

मासिक शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में क्या अंतर है?
मासिक शिवरात्रि और महाशिवरात्रि दोनों में ही भगवान शिव की पूजा का विधान है, लेकिन फिर भी दोनों को एक दूसरे से अलग माना जाता है।
इस दिन भगवान शिव की पूजा का विशेष विधान है। मान्यता है कि जो भी व्यक्ति महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव के शिवलिंग रूप की पूजा करता है, उसके जीवन के सारे संकट दूर हो जाते हैं।

जहां एक ओर महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है, वहीं दूसरी ओर मासिक शिवरात्रि के दिन भी महादेव की पूजा का विशेष विधान है। महाशिवरात्रि और मासिक शिवरात्रि दोनों ही भगवान शिव को समर्पित हैं लेकिन एक होने के बावजूद दोनों बहुत अलग हैं। दोनों में बहुत बड़ा अंतर है।

मासिक शिवरात्रि क्या है?
मासिक शिवरात्रि प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। इस गणना के आधार पर एक वर्ष में 12 मासिक शिवरात्रियाँ होती हैं। हर महीने में आने वाली शिवरात्रि का महत्व अलग होता है। हालांकि, सावन के महीने में आने वाली मासिक शिवरात्रि का अधिक महत्व है।

महाशिवरात्रि क्या है?
फाल्गुन मास में आने वाली शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहते हैं। इस शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है क्योंकि इस दिन भगवान शिव ने वैराग्य का त्याग कर माता पार्वती से विवाह किया था। मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा का भी विशेष विधान है।

मासिक शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में अंतर
❀ जहां एक ओर मासिक शिवरात्रि में केवल महादेव की पूजा की जा सकती है। वहीं महाशिवरात्रि में महादेव के साथ माता पार्वती की पूजा का भी विधान है।
❀ जहां एक ओर शिवरात्रि की पूजा करने का अर्थ है भगवान शिव को ध्यान में रखना और स्वयं को उनका अंश मानकर उनकी शरण में जाना। तो वहीं दूसरी ओर महाशिवरात्रि की पूजा का अर्थ है मन में अग्नि तत्व को जगाना क्योंकि इसी दिन महादेव पहली बार शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे।
❀ शिवरात्रि के दिन पूजा करने से भगवान शिव की कृपा बरसती है और व्यक्ति अध्यात्म की ओर बढ़ता है और मन में भक्ति उत्पन्न होती है। वहीं महाशिवरात्रि पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा से वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है और प्रेम संबंध भी मजबूत होते हैं।

तो शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में यही अंतर था। अगर आपको यह कहानी पसंद आई हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और Bhaktibharat.com से जुड़े रहें।

महा शिवरात्रि 2023 क्यों, कब, कहाँ और कैसे?
महा शिवरात्रि - Maha Shivaratri

महा शिवरात्रि मंत्र:
श्री शिव पंचाक्षर स्तोत्र
लिङ्गाष्टकम्
शिव तांडव स्तोत्रम्
सौराष्ट्रे सोमनाथं - द्वादश ज्योतिर्लिंग
महामृत्युंजय मंत्र, संजीवनी मंत्र
शिवाष्ट्कम्
दारिद्र्य दहन शिवस्तोत्रं
शिव स्वर्णमाला स्तुति
कर्पूरगौरं करुणावतारं
बेलपत्र / बिल्वपत्र चढ़ाने का मंत्र

महा शिवरात्रि आरतियाँ:
शिव आरती: जय शिव ओंकारा
शिव आरती: ॐ जय गंगाधर
हर महादेव आरती: सत्य, सनातन, सुंदर
श्री पार्वती माँ की आरती
जय अम्बे गौरी आरती
ॐ जय जगदीश हरे आरती

महा शिवरात्रि भजन:
इक दिन वो भोले भंडारी बन करके ब्रज की नारी
शीश गंग अर्धंग पार्वती
शिव शंकर को जिसने पूजा उसका ही उद्धार हुआ
हे शम्भू बाबा मेरे भोले नाथ
ॐ शंकर शिव भोले उमापति महादेव
चलो शिव शंकर के मंदिर में भक्तो
हे भोले शंकर पधारो
सुबह सुबह ले शिव का नाम
शिव स्तुति: आशुतोष शशाँक शेखर
मन मेरा मंदिर, शिव मेरी पूजा
शिव भजन

महा शिवरात्रि चालीसा:
शिव चालीसा
पार्वती चालीसा

शिव नामावली:
श्री शिवसहस्रनामावली
श्रीरुद्राष्टकम्
शिव शतनाम-नामावली स्तोत्रम्!

महा शिवरात्रि कथा:
महा शिवरात्रि पूजन कथा
श्री सोमनाथ ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा
श्री नागेश्वर ज्योतिर्लिंग उत्पत्ति पौराणिक कथा
श्री त्रंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग उत्पत्ति पौराणिक कथा
श्री भीमशंकर ज्योतिर्लिंग उत्पत्ति पौराणिक कथा
हिरण्यगर्भ दूधेश्वर ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा
गोपेश्वर महादेव की लीला

शिव मंदिर:
द्वादश(12) शिव ज्योतिर्लिंग
दिल्ली के प्रसिद्ध शिव मंदिर
सोमनाथ के प्रमुख सिद्ध मंदिर
भुवनेश्वर के विश्व प्रसिद्ध मंदिर

ब्लॉग:
महाशिवरात्रि को महासिद्धिदात्री क्यों कहा जाता है?
महाशिवरात्रि में क्यों उजागर रहते हैं लोग?
रुद्राभिषेक क्या है?

भोग प्रसाद:
सिंघाड़े का हलवा बनाने की विधि
मखाने की खीर बनाने की विधि
समा के चावल की खीर बनाने की विधि

What is the difference between Masik Shivratri and Mahashivratri? in English

Monthly Shivratri and Mahashivratri both have rituals to worship Bhagwan Shiva, but still both are considered different from each other.
यह भी जानें

Blogs Masik Shivratri And Mahashivratri BlogsShiv BlogsBholenath BlogsMahadev BlogsShivaratri BlogsMaha Shivaratri BlogsMonday BlogsShivaratri Specials BlogsShivaratri 2023 BlogsMaha Shivaratri 2023 BlogsMata Parvati Blogs

अगर आपको यह ब्लॉग पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस ब्लॉग को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

ब्लॉग ›

घटस्थापना 2025

घटस्थापना सोमवार, 22 सितम्बर, 2025 को मनाई जाएगी। यह 9 दिवसीय नवरात्रि उत्सव के दौरान पालन किया जाने वाला एक अनुष्ठान है।

राम बारात आगरा

राम बारात जुलूस 17 सितंबर से शुरू होगा, जो आगरा के कमला नगर में चार दिवसीय जनकपुरी महोत्सव का शुभारंभ होगा।

ISKCON एकादशी कैलेंडर 2025

यह एकादशी तिथियाँ केवल वैष्णव सम्प्रदाय इस्कॉन के अनुयायियों के लिए मान्य है | ISKCON एकादशी कैलेंडर 2025

नवरात्रि घटस्थापना पूजा में उपयोग किए जाने वाले 7 अनाज

नवरात्र की पूजा में सबसे महत्‍वपूर्ण कलश स्‍थापना को माना जाता है। शास्‍त्रों में कलश स्‍थापित करने को गणेशजी का स्‍वरूप माना गया है। आइए जानते हैं कौन से हैं ये 7 प्रकार के अनाज

चैत्र नवरात्रि तिथियों में कैसे करें विधान से पूजा?

चैत्र मास में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से आरंभ होने वाली नवरात्रि को चैत्र नवरात्रि कहा जाता है।

नवपत्रिका पूजा नवरात्रि 2025

नवरात्रि के सातवें दिन नवपत्रिका पूजन का विधान है।

नवरात्रि में कन्या पूजन की विधि

नवरात्रि में विधि-विधान से मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इसके साथ ही अष्टमी और नवमी तिथि को बहुत ही खास माना जाता है, क्योंकि इन दिनों कन्या पूजन का भी विधान है। ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि में कन्या की पूजा करने से सुख-समृद्धि आती है। इससे मां दुर्गा शीघ्र प्रसन्न होती हैं।

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Om Jai Jagdish Hare Aarti - Om Jai Jagdish Hare Aarti
Bhakti Bharat APP