एक स्त्री का पुरुष में बदल जाना:
चरवारी के ठाकुर की लड़की जो कि बहुत ही सुन्दरी थी। इसके माता पिता को बहुत प्रयास करने पर पुत्र प्राप्त नहीं हुआ, पुत्री हो गयी।
उन्होंने सबसे यह बात छुपाकर रखी कि हमें पुत्री हुई है। उन्होंने बचपन से ही उस पुत्री को पुरुष जैसे कपड़े पहनाएं, बोलचाल भी लड़के जैसे सीखा रखी थी।
जब विवाह का समय आया तो माँ बाप ने सत्य बात किसी से कही नहीं, क्योंकि उनकी इज्जत पानी में मिल जाती। अब उनकी पुत्री जीसे उन्होंने पुरुष की तरह बनवा रखा था, उसका विवाह एक स्त्री के साथ हो गया।
विवाह के बाद सच सामने आ गया कि यह तो स्त्री है, ना कि कोई पुरुष। परंतु विवाह हो चुका था, लोग करते भी क्या? स्त्री का विवाह स्त्री से हो गया।
एक दिन जब गोस्वामी जी उधर से निकले, तब लोगों ने उन्हें घेर लिया और प्रार्थना की कि इस कन्या की रक्षा कीजिये। गोस्वामी जी ने श्री रामचरितमानस का नवाह पाठ किया और वह स्त्री सें पुरुष बन गयी। यह देखकर गोस्वामी जी का शरीर पुलकित हो गया और उनके मुंह से अतर्कित ही
जय जय सीताराम निकल गया ।
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