पितृ पक्ष - Pitru Paksha

तुलसीदास जी ने स्त्री को पुरुष मे बदला: सत्य कथा (Goswami Tulsidas Ne Stri Ko Purush Me Badala)


Add To Favorites Change Font Size
एक स्त्री का पुरुष में बदल जाना:
चरवारी के ठाकुर की लड़की जो कि बहुत ही सुन्दरी थी। इसके माता पिता को बहुत प्रयास करने पर पुत्र प्राप्त नहीं हुआ, पुत्री हो गयी।
उन्होंने सबसे यह बात छुपाकर रखी कि हमें पुत्री हुई है। उन्होंने बचपन से ही उस पुत्री को पुरुष जैसे कपड़े पहनाएं, बोलचाल भी लड़के जैसे सीखा रखी थी।

जब विवाह का समय आया तो माँ बाप ने सत्य बात किसी से कही नहीं, क्योंकि उनकी इज्जत पानी में मिल जाती। अब उनकी पुत्री जीसे उन्होंने पुरुष की तरह बनवा रखा था, उसका विवाह एक स्त्री के साथ हो गया।

विवाह के बाद सच सामने आ गया कि यह तो स्त्री है, ना कि कोई पुरुष। परंतु विवाह हो चुका था, लोग करते भी क्या? स्त्री का विवाह स्त्री से हो गया।

एक दिन जब गोस्वामी जी उधर से निकले, तब लोगों ने उन्हें घेर लिया और प्रार्थना की कि इस कन्या की रक्षा कीजिये। गोस्वामी जी ने श्री रामचरितमानस का नवाह पाठ किया और वह स्त्री सें पुरुष बन गयी। यह देखकर गोस्वामी जी का शरीर पुलकित हो गया और उनके मुंह से अतर्कित ही जय जय सीताराम निकल गया ।
यह भी जानें

Prerak-kahani Shri Ram Prerak-kahaniShri Hanuman Prerak-kahaniTulsidas Prerak-kahaniTrue Story Prerak-kahaniTrue Prerak-kahaniStri Prerak-kahaniPurush Prerak-kahaniVivah Prerak-kahani

अगर आपको यह prerak-kahani पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस prerak-kahani को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

Latest Prerak-kahani ›

सबसे ज्यादा खुश पक्षी कौन? - प्रेरक कहानी

कौआ चिड़ियाघर में मोर के पास गया और देखा कि सैकड़ों लोग मोर को देखने के लिए आए है।
कौआ मोर के पास गया और बोला: तुम दुनिया के सबसे सुन्दर पक्षी हो...?

भिखारी के माध्यम से लोगों को संदेश - प्रेरक कहानी

बनारस में एक सड़क के किनारे एक बूढ़ा भिखारी बैठता था। वह उसकी निश्चित जगह थी। आने-जाने वाले पैसे या खाने-पीने को कुछ दे देते। इसी से उसका जीवन चल रहा था।

मन को शांत रखने के उपाय - प्रेरक कहानी

सेठ उस साधु के पास के पास जाकर बोला, महाराज मेरे पास बहुत पैसा है, लेकिन मन की शांति नहीं है। साधु ने कहा कि, बेटा जैसा मैं करूं उसे चुपचाप देखते रहना...

ऋण तो चुकाना ही होगा - प्रेरक कहानी

भाई ! तुम उधार कब लौटाओगे ? इस जन्म में या फिर अगले जन्म में ?

मैं मरूंगा ही नहीं तो चूड़ियां फोड़ेगी कैसे - सत्य कथा

शारदा उनकी पत्नी रोने लगी तो रामकृष्ण ने आंखें खोलीं और कहा कि चुप, किसलिए रोती है? मैं न कहीं गया, न कहीं आया, मैं जहां हूं वहीं रहूंगा। तो शारदा ने पूछा, तुम्हारी देह के चले जाने के बाद मेरी चूड़ियों का क्या करना?

तुलसीदास जी द्वारा भगवान् श्रीराम, लक्ष्मण दर्शन - सत्य कथा

चित्रकूटके घाट पर, भइ संतन की भीर । तुलसिदास चंदन घिसें, तिलक देन रघुबीर ॥..

तुलसीदास जी रचित श्री रामचरितमानस के प्रथम श्रोता - सत्य कथा

श्री रामचरितमानस के प्रथम श्रोता संत: मनुष्यों में सबसे प्रथम यह ग्रन्थ सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ मिथिला के परम संत श्रीरूपारुण स्वामीजी महाराज को।

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Durga Chalisa - Durga Chalisa
Bhakti Bharat APP