करुणामयी किरपामयी, मेरी दयामयी राधे: भजन (Karunamayi Kripamayi Meri Dayamayi Radhe)


करुणामयी किरपामयी,
मेरी दयामयी राधे ॥पद – जुगल नाम सो नेम,
जपत नित कुंज बिहारी,
अविलोकित रहे केलि सखी,
सुख को अधिकारी।
गान कला गंधर्व,
श्याम श्यामा को तोषे,
उत्तम भोग लगाय,
मोर मरकट तिमि पोषे।
नृपति द्वार ठाड़े रहे,
दरसन आशा जासकी,
आशधीर उद्योत कर,
रसिक छाप हरिदास की ॥

करुणामयी किरपामयी,
मेरी दयामयी राधे,
मेरी दयामयी श्यामा,
मेरी करुणामयी राधे,
करुणा मयी किरपा मयी,
मेरी दयामयी श्यामा,
करुणा मयी किरपा मयी,
मेरी दयामयी राधे ॥

धन्य वृन्दावन धाम है,
धन्य वृन्दावन नाम,
धन वृंदावन रसिक जन,
जे सुमिरे श्यामा श्याम ॥

श्यामा श्यामा श्यामा श्यामा,
श्यामा श्यामा श्यामा श्यामा ॥

प्रिया लाल राजे जहाँ,
तहाँ वृन्दावन जान,
वृन्दावन तज एक पग,
जाए ना रसिक सुजान ॥

श्यामा श्यामा श्यामा श्यामा,
श्यामा श्यामा श्यामा श्यामा ॥

जो सुख वृंदाविपिन में,
अंत कहु सो नाय,
बैकुंठहु फीको पड्यो,
ब्रज जुवती ललचाए ॥

श्यामा श्यामा श्यामा श्यामा,
श्यामा श्यामा श्यामा श्यामा ॥

वृंदावन रस भूमि में,
रस सागर लहराए,
श्री हरिदासी लाड़ सो,
बरसत रंग अघाय ॥

करुणा मयी किरपा मयी,
मेरी दयामयी राधे ॥

नमो नमो जय श्री वृंदावन,
रस बरसत घन घोरी,
नमो नमो जय कुंज महल नित,
नमो नमो जा में सुख होरी,
नमो नमो श्री कुंज बिहारीन,
नमो नमो प्रितम चितचोरी,
नमो नमो जय श्री हरिदासी,
नमो नमो इन्ही की जोरी ॥

हे स्वामिनी अपने अमर प्यार की,
एक बूँद छलका दो,
बिहारिजु सो मेरे मिलन की,
दो बातें करवा दो ॥

विरह वेदना से टूटी,
इन तारो को झनका दो,
रोम रोम हो गिरा नाम रस,
उन्मद नाच नचा दो।
एक बूँद छलका दो,
दो बातें करवा दो ॥

करुणा मयी किरपा मयी,
मेरी दयामयी राधे ॥

मोर जो बनाओ तो,
बनाओ श्री वृंदावन को,
नाच नाच घूम घूम,
तुम्ही को रिझाऊंगो।
बंदर बनाओ तो,
बनाओ श्री निधिवन को,
कूद कूद फांद वृक्ष,
जोरन दिखाऊंगो ॥

भिक्षुक बनाओ तो,
बनाओ ब्रज मंडल को,
टूक हरि भक्तन सों,
मांग मांग खाउंगो।
भृंगी जो करो तो करो,
कालिन्दी के तीर मोहे,
आठों याम श्यामा श्याम,
श्यामा श्याम गाउंगो ॥

श्यामा श्यामा श्यामा श्यामा,
श्यामा श्यामा श्यामा श्यामा ॥

एक बार अयोध्या जाओ,
दो बार द्वारिका,
तीन बार जाकर,
त्रिवेणी में नहाओगे।
चार बार चित्रकूट,
नौ बार नासिक में,
बार बार जा के,
बद्रीनाथ घूम आओगे ॥

कोटि बार काशी,
केदारनाथ रामेश्वर में,
गया जगन्नाथ आदि,
चाहे जहाँ जाओगे ॥

होते है प्रत्यक्ष यहाँ,
दर्श श्याम श्यामा के,
वृन्दावन सा कही,
आनंद नहीं पाओगे ॥

करुणा मयी किरपा मयी,
मेरी दयामयी श्यामा,
करुणा मयी किरपा मयी,
मेरी दयामयी राधे ॥

करुणामयी किरपामयी,
मेरी दयामयी राधे,
मेरी दयामयी श्यामा,
मेरी करुणामयी राधे,
करुणा मयी किरपा मयी,
मेरी दयामयी श्यामा,
करुणा मयी किरपा मयी,
मेरी दयामयी राधे ॥
Karunamayi Kripamayi Meri Dayamayi Radhe - Read in English
Karunamayi Kirpamayi, Meri Dayamayi Radhe ॥
Bhajan Shri Vishnu BhajanShri Krishna BhajanBrij BhajanBaal Krishna BhajanBhagwat BhajanJanmashtami BhajanShri Shayam BhajanJhulan Yatra BhajanKrishna Murari Bhajan

अन्य प्रसिद्ध करुणामयी किरपामयी, मेरी दयामयी राधे: भजन वीडियो

सबसे ऊंची प्रेम सगाई - जया किशोरी

भजन सबसे ऊँची प्रेम सगाई - पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी

सबसे ऊंची प्रेम सगाई - सृष्टि भंडारी

सबसे ऊंची प्रेम सगाई - वर्षा श्रीवास्तव

अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

गौरी नंदन तेरा वंदन, करता है संसार: भजन

गौरी नंदन तेरा वंदन, करता है संसार, तुझे सब प्रथम मनाते, प्रेम से तुझे बुलाते, गौरी नन्दन तेरा वंदन, करता है संसार ॥

गणपति मेरे अँगना पधारो: भजन

गणपति मेरे अंगना पधारो, आस तुमसे लगाए हुए है, काज कर दो हमारे भी पुरे, तेरे चरणों में हम तो खड़े है,
गणपति मेरे अँगना पधारो ॥

हे जगवंदन गौरी नन्दन, नाथ गजानन आ जाओ: भजन

हे जगवंदन गौरी नन्दन, नाथ गजानन आ जाओ, शिव शंकर के राज दुलारे, आके दर्श दिखा जाओ, हे जगवँदन गौरी नंदन, नाथ गजानन आ जाओ ॥

किसलिए आस छोड़े कभी ना कभी - भजन

किस लिए आस छोड़े कभी ना कभी, क्षण विरह के मिलन में बदल जाएंगे । नाथ कब तक रहेंगे कड़े एक दिन,

झाड़ो मोरछड़ी को लगवाले, हो जासी कल्याण: भजन

झाड़ो मोरछड़ी को लगवाले, हो जासी कल्याण, मोरछड़ी के माए विराजे, खाटू वालो श्याम, झाड़ो मोरछड़ी को लगवालें, हो जासी कल्याण ॥