साँवरियो खींचे डोर - भजन (Sawariyo Khiche Dora)


हरियालो महीनों,
नाँचे यो मन मोर,
मिळणे ख़ातिर देखो,
साँवरियो खींचे डोर,
मिळणे ख़ातिर देखो,
साँवरियो खींचे डोर ।
हरियाली छाई बाबा,
हिवड़ो लूभावै,
परचम तेरो बाबा,
आकाशां लहरावै
झरमर झरमर बरसे,
पुरवाई झकझोर ।

मिळणे ख़ातिर देखो,
साँवरियो खींचे डोर ।
मिळणे ख़ातिर देखो,
साँवरियो खींचे डोर ।
हरियालो महीनों...

सुध बुध मेरी,
मेरो बाबो ही राखे,
घर में ख़ुशी की जाणे,
बाँसुरिया बाजे,
चेतो डगमग डोले,
दिखे यो चितचोर ।

मिळणे ख़ातिर देखो,
साँवरियो खींचे डोर ।
मिळणे ख़ातिर देखो,
साँवरियो खींचे डोर ।
हरियालो महीनों...

जनम जनम री लागे,
प्रीत पुराणी,
तेरो नाम मीठो घणों,
जियां गुड़ धाणी,
लहरी ओळ्यू आवे,
हिवड़े उठे हिलोर ।

मिळणे ख़ातिर देखो,
साँवरियो खींचे डोर ।
मिळणे ख़ातिर देखो,
साँवरियो खींचे डोर ।
हरियालो महीनों...

हरियालो महीनों,
नाँचे यो मन मोर,
मिळणे ख़ातिर देखो,
साँवरियो खींचे डोर,
मिळणे ख़ातिर देखो,
साँवरियो खींचे डोर,
मिळणे ख़ातिर देखो,
साँवरियो खींचे डोर ।

मिळणे ख़ातिर देखो,
साँवरियो खींचे डोर ।
Sawariyo Khiche Dora - Read in English
Hariyalo Mahinon, Nanche Yo Man Mor, Milne Khatir Dekho, Sanwariyo Khinche Dor...
Bhajan Shri Krishna BhajanBrij BhajanBaal Krishna BhajanBhagwat BhajanJanmashtami BhajanShri Shayam BhajanFalgun Mela BhajanKhatu BhajanKhatu Shayam BhajanRajasthani BhajanSmita Ganuwala Bhajan
अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

शिव स्तुति: आशुतोष शशाँक शेखर

आशुतोष शशाँक शेखर, चन्द्र मौली चिदंबरा, कोटि कोटि प्रणाम शम्भू..

ॐ महाकाल के काल तुम हो प्रभो - भजन

ॐ महाकाल के काल तुम हो प्रभो, गुण के आगार सत्यम् शिवम् सुंदरम्, कर में डमरू लसे चंद्रमा भाल पर, हो निराकार सत्यम् शिवम् सुंदरम् ॥

जब से देखी सूरत, मैंने महाकाल की: भजन

जब से देखी सूरत, मैंने महाकाल की, दुनिया बदल ही गयी, दुनिया बदल ही गयी ॥

भोले तेरी बंजारन - भजन

बंजारन मैं बंजारन, भोले तेरी बंजारन, बैजनाथ मैं गई, विश्वनाथ भी गई..

भोले मेरी नैया को भाव पार लगा देना - भजन

भोले मेरी नैया को भाव पार लगा देना , है आपके हाथो में मेरी बिगड़ी बना देना ॥