प्रभु नित्यानंद के जन्म दिवस को नित्यानंद त्रयोदशी के नाम से जाना जाता है। यह त्यौहार वसंत ऋतु में होता है। प्रभु नित्यानंद अपने सभी अवतारों में भगवान विष्णु के साथ ही अवतरित होते हैं। नित्यानंद प्रभु चैतन्य महाप्रभु के प्रथम शिष्य थे, तथा इन्हें निताई भी कहा जाता है।
भगवान कृष्ण के साथ उनके प्रिय भाई बलराम के रूप में, तथा भगवान श्री राम के साथ उनके छोटे भाई लक्ष्मण के रूप में अवतरित हुए हैं। प्रभु नित्यानंद प्राणियों के सबसे अधिक पतितों पर भी दया करने के लिए जाने जाते हैं। भक्त इस दिन दोपहर तक उपवास रखते हैं, तथा उसके उपरांत भोज करते हैं।
नित्यानंद प्रभु का जन्म सन् 1474 के आसपास वर्तमान भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल के एक छोटे से गाँव एकचक्र में हुआ था। उनके पिता श्री हाडाई ओझा एवं माँ पद्मावती मूल रूप से मिथिला के एक पवित्र ब्रह्मण परिवार से थे। नित्यानंद प्रभु का जन्म माघ महीने के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी के दिन हुआ था।
शुरुआत तिथि | माघ शुक्ला त्रयोदशी |
कारण | श्री नित्यानन्द प्रभु आविर्भाव |
उत्सव विधि | पूजा, भजन-कीर्तन, कथा। |
Updated: Feb 21, 2024 23:36 PM