रावल धाम - Raval Dham

मुख्य आकर्षण - Key Highlights

◉ रावल धाम राधारानी के जन्मस्थान या प्रकट स्थल के रूप में माना जाता है।
◉ रावल धाम राधारानी और कृष्ण की लाडली लाला जोड़ी को समर्पित है।
◉ रावल धाम का प्रमुख त्यौहार राधाष्टमी है।
रावल धाम जिसे रावल के नाम से भी जाना जाता है, भारत के उत्तर प्रदेश के ब्रज क्षेत्र में स्थित एक अत्यंत पवित्र स्थल है। इसे भगवान कृष्ण की प्रिय सखी राधारानी के जन्मस्थान या प्रकट स्थल के रूप में माना जाता है। भक्त अक्सर इस स्थान को शांत और अत्यंत आध्यात्मिक बताते हैं।

रावल धाम का इतिहास और वास्तुकला
माना जाता है कि रावल वह स्थान है जहाँ राधा रानी का जन्म हुआ था। यह एक छोटा सफ़ेद संगमरमर का मंदिर है, जो बेहद सुंदर और अत्यंत पवित्र है। परंपरा के अनुसार, राधारानी यहाँ यमुना पर तैरते हुए एक हज़ार पंखुड़ियों वाले सुनहरे कमल में प्रकट हुई थीं, जिसे राजा वृषभानु ने खोजा था। मुख्य गर्भगृह में शिशु राधारानी (लाडली जी के नाम से जानी जाती हैं), एक दिव्य शिशु रूप में सुंदर ढंग से बैठी हैं। लाडली जी एक ऊँचे आसन पर विराजमान हैं, जिन्हें अक्सर फूलों की माला, छोटे आभूषण और पारंपरिक शिशु आभूषणों से सजाया जाता है। सफेद संगमरमर से बनी इस मूर्ति को कई श्रद्धालु और आगंतुक अब तक देखे गए सबसे खूबसूरत और दिल को छू लेने वाले रूपों में से एक मानते हैं।

रावल धाम राधारानी और कृष्ण की “लाडली-लाला” जोड़ी को समर्पित है। मंदिर के सामने एक सुंदर सुव्यवस्थित उद्यान है जहाँ आप देख सकते हैं कि दो पेड़ आपस में जुड़े हुए हैं। इसके बारे में दिलचस्प बात यह है कि एक पेड़ काला है और दूसरा सफेद है। स्थानीय लोगों का कहना है कि ये दोनों पेड़ कोई और नहीं बल्कि श्री राधा और श्री कृष्ण हैं। रावल धाम में बैठकर जितना हो सके हरे कृष्ण महामंत्र का जाप करना चाहिए।

रावल धाम का दर्शन समय
रावल धाम मंदिर आम तौर पर सुबह 6:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक और शाम को 4:00 बजे से रात 8:00 बजे तक खुला रहता है।

❀ ग्रीष्मकाल (अप्रैल से अगस्त): सुबह 5:30 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक और शाम 4:00 बजे से रात 9:00 बजे तक।
❀ शीतकाल (सितंबर से मार्च): सुबह 6:00 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक और शाम 4:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक।

रावल धाम के प्रमुख त्यौहार
रावल धाम में राधाष्टमी उत्सव प्रमुख त्यौहार है, जो राधा के प्रकट होने की याद में मनाए जाते हैं। तीर्थयात्री अक्सर ब्रज परिक्रमा में रावल को शामिल करते हैं और राधा का आशीर्वाद लेते हैं। यह मंदिर उस चमत्कारी घटना का जश्न मनाता है और उनकी बचपन की लीलाओं का सम्मान करता है।

रावल धाम कैसे पहुँचें
रावल धाम उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में मथुरा से लगभग 9-13 किलोमीटर दूर यमुना के पूर्वी तट पर स्थित है। यह स्थान सड़क मार्ग से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है और निकटतम रेलवे स्टेशन मथुरा है जो केवल 14 किलोमीटर दूर है।
Raval Dham - Read In English
Raval Dham also known as Raval, is a very sacred place located in the Braj region of Uttar Pradesh, India. It is considered as the birthplace or appearance place of bhagwan Krishna's beloved friend Radharani.

जानकारियां - Information

दर्शन समय
6 AM - 8 PM
त्योहार
Radhashtami | यह भी जानें: एकादशी
समर्पित
राधा रानी
वास्तुकला
पारंपरिक हिंदू शैली

कैसे पहुचें - How To Reach

पता 📧
Mathura Road, Mubarikpur Bangar Mathura Uttar Pradesh
सोशल मीडिया
निर्देशांक 🌐
27.4749682°N, 77.7235486°E

क्रमवद्ध - Timeline

6 AM - 8 PM

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Updated: Jul 07, 2025 13:27 PM