शिव भो शंम्भो शिव शम्भो स्वयंभो - मंत्र (Bho Shambho Shiva Shambho Swayambho)


शिव भो शंम्भो शिव शम्भो स्वयंभो
भो शम्भो शिव शम्भो स्वयंभोगङ्गाधर शंकर करुणाकर मामव भवसागर तारक

निर्गुण परब्रह्म स्वरुप गमगम भूत प्रपञ्चा रहित
निज गुहानिहित नितान्त अनन्त आनन्द अतिशय अक्सयलिङ्ग

धिमित धिमित धिमि धिमिकित किततों तों तों तरिकित तरिकितकित तों
मातङ्ग मुनिवर वन्दिता इष सर्व दिगंबर वेस्तित
वेस इष सबेष नित्य निरञ्जन नित्य न अतेष इष सबेष सर्वेश
Mantra Nirvana MantraShiv MantraBholenath MantraMahadev MantraShivaratri MantraSavan Ke Somvar MantraMonday MantraSomwar MantraSomvati Amavasya MantraAdi Shankaracharya Mantra

अन्य प्रसिद्ध शिव भो शंम्भो शिव शम्भो स्वयंभो - मंत्र वीडियो

Lakshmy Ratheesh & Radhika Venugopal

S Swarathmika

Sooryagayathri

Rahul Vellal

S.Aishwarya & S.Saundarya

अगर आपको यह मंत्र पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

श्री हनुमान अष्टोत्तर-शतनाम-नामावली

ॐ आञ्जनेयाय नमः । ॐ महावीराय नमः । ॐ हनूमते नमः । ॐ मारुतात्मजाय नमः । ॐ तत्वज्ञानप्रदाय नमः । ॐ सीतादेविमुद्राप्रदायकाय नमः ।...

संकट मोचन हनुमानाष्टक

बाल समय रवि भक्षी लियो तब।.. लाल देह लाली लसे, अरु धरि लाल लंगूर।...

सप्त चिरंजीवी - मंत्र

अश्वत्थामा बलिर्व्यासो हनुमांश्च विभीषणः । कृपः परशुरामश्च सप्तैते चिरंजीविनः ॥

मधुराष्टकम्: अधरं मधुरं वदनं मधुरं

अधरं मधुरं वदनं मधुरं नयनं मधुरं हसितं मधुरं। हृदयं मधुरं गमनं मधुरं मधुराधिपते रखिलं मधुरं॥

आदित्य-हृदय स्तोत्र

ततो युद्धपरिश्रान्तं समरे चिन्तया स्थितम् । रावणं चाग्रतो दृष्टवा युद्धाय समुपस्थितम् ॥ दैवतैश्च समागम्य द्रष्टुमभ्यागतो रणम् ।