श्री शिव गायत्री मन्त्र (Shri Shiv Gayatri Mantra)


शिव गायत्री मन्त्र भगवान शिव को समर्पित गायत्री मन्त्र है। हिन्दु धर्म में गायत्री मन्त्र को अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। धर्मग्रन्थों में विभिन्न देवी-देवताओं को समर्पित गायत्री मन्त्र वर्णित किये गये हैं, जिनमें से शिव गायत्री मन्त्र भी एक अत्यन्त विशेष महत्वपूर्ण मन्त्र है।
शिव गायत्री मन्त्र का जाप करने से मन निर्मल होता है तथा भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। शिव गायत्री मन्त्र ऊर्जा का भण्डार है तथा शिवभक्त इस मन्त्र का जाप यन्त्र साधना में भी करते हैं।

॥ भगवान शिव गायत्री मन्त्र ॥
ॐ महादेवाय विद्महे रुद्रमूर्तये धीमहि।
तन्नः शिवः प्रचोदयात्॥

मन्त्र का अनुवाद
हे देवों के देव महादेव! आप सर्वव्यापी हैं, हे साक्षात् रुद्र! हे संहारकर्ता!, हम आपका ध्यान करते हैं तथा सद्बुद्धि की प्राप्ति हेतु प्रार्थना करते हैं। हे परम पवित्र शिव! हमारे अन्तर्मन को अपने आत्मतेज रूपी प्रकाश से प्रकाशित करें।

ॐ - भगवान शिव का बीज मन्त्र।
महादेवाय - हे देवों के देव महादेव।
विद्महे - आप सर्वव्यापी हैं।
रुद्रमूर्तये - जो स्वयं रुद्र स्वरूप हैं।
धीमहि - हम आपका ध्यान करते हैं।
तन्नः शिवः - हे परम पवित्र शिव।
प्रचोदयात् - हमारे अन्तर्मन को आत्मतेज रूपी प्रकाश से प्रकाशित करें।
Shri Shiv Gayatri Mantra - Read in English
Om Mahadevaya Vidmahe Rudramurtaye Dhimahi।
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