Shri Ram Bhajan

भावयामि गोपालबालं (Bhavayami Gopalabalam)


भावयामि गोपालबालं
Add To Favorites Change Font Size
भावयामि गोपालबालं मन-
स्सेवितं तत्पदं चिन्तयेहं सदा ॥
भावयामि गोपालबालं मन-
स्सेवितं तत्पदं चिन्तयेहं सदा ॥
कटि घटित मेखला खचितमणि घण्टिका-
पटल निनदेन विभ्राजमानम् ।
कुटिल पद घटित सङ्कुल शिञ्जितेनतं
चटुल नटना समुज्ज्वल विलासम् ॥

भावयामि गोपालबालं मन-
स्सेवितं तत्पदं चिन्तयेहं सदा ॥

निरतकर कलित नवनीतं ब्रह्मादि
सुर निकर भावना शोभित पदम् ।
तिरुवेङ्कटाचल स्थितम् अनुपमं हरिं
परम पुरुषं गोपालबालम् ॥

भावयामि गोपालबालं मन-
स्सेवितं तत्पदं चिन्तयेहं सदा ॥

भावयामि गोपालबालं मन-
स्सेवितं तत्पदं चिन्तयेहं सदा ॥
भावयामि गोपालबालं मन-
स्सेवितं तत्पदं चिन्तयेहं सदा ॥
यह भी जानें

Mantra Shri Krishna MantraBrij MantraBaal Krishna MantraJanmashtami MantraISKCON MantraSinger Aishwarya Srinivas MantraSouth Indian MantraHoli MantraPhulera Dooj Mantra

अन्य प्रसिद्ध भावयामि गोपालबालं वीडियो

M S Subbulakshmi

Sudha Ragunathan

Uthara Unnikrishnan

अगर आपको यह मंत्र पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस मंत्र को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

मंत्र ›

श्री गणेशपञ्चरत्नम् - मुदाकरात्तमोदकं

मुदाकरात्तमोदकं सदा विमुक्तिसाधकं, कलाधरावतंसकं विलासिलोकरक्षकम् । अनायकैकनायकं विनाशितेभदैत्यकं...

दशरथकृत शनि स्तोत्र

नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठ निभाय च। नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम:॥

वक्रतुण्ड महाकाय - गणेश मंत्र

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र - श्री विष्णु

एवं व्यवसितो बुद्ध्या समाधाय मनो हृदि । जजाप परमं जाप्यं प्राग्जन्मन्यनुशिक्षितम...

श्री शनि अष्टोत्तर-शतनाम-नामावली

ॐ शनैश्चराय नमः॥ ॐ शान्ताय नमः॥ ॐ सर्वाभीष्टप्रदायिने नमः॥ ॐ शरण्याय नमः॥ ॐ वरेण्याय नमः॥

महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् - अयि गिरिनन्दिनि

अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुते, गिरिवरविन्ध्यशिरोऽधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते । महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् नवरात्रि के दौरान माता रानी का सबसे ज्यादा सुना और पढ़ा जाने वाला संस्कृत श्लोक है

श्री विन्ध्येश्वरी स्तोत्रम्

निशुम्भ शुम्भ गर्जनी, प्रचण्ड मुण्ड खण्डिनी । बनेरणे प्रकाशिनी, भजामि विन्ध्यवासिनी ॥ त्रिशूल मुण्ड धारिणी..

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Bhakti Bharat APP