श्री शिवाष्टक - आदि अनादि अनंत अखण्ड (Shivashtak - Adi Anadi Anant Akhand)


आदि अनादि अनंत अखंङ,
अभेद अखेद सुबेद बतावैं ।
अलख अगोचर रुप महेस कौ,
जोगि जती मुनि ध्यान न पावैं ॥
आगम निगम पुरान सबै,
इतिहास सदा जिनके गुन गावैं ।
बङभागी नर नारि सोई,
जो सांब सदासिव कौं नित ध्यावैं ॥1
सृजन सुपालन लय लीला हित,
जो विधि हरि हर रुप बनावैं ।
एकहि आप विचित्र अनेक,
सुबेष बनाइ कैं लीला रचावैं ॥
सुंदर सृष्टि सुपालन करि,
जग पुनि बन काल जु खाय पचावैं ।
बङभागी नर नारि सोई,
जो सांब सदासिव कौं नित ध्यावैं ॥2

अगुन अनीह अनामय अज,
अविकार सहज निज रुप धरावैं ।
परम सुरम्य बसन आभूषण,
सजि मुनि मोहन रुप करावैं ॥
ललित ललाट बाल बिधु विलसै,
रतन हार उर पै लहरावैं ।
बङभागी नर-नारि सोई,
जो सांब सदासिव कौं नित ध्यावैं ॥3

अंग विभूति रमाय मसान की,
विषमय भुजगनि कौं लपटावैं ।
नर कपाल कर मुंङमाल गल,
भालु चरम सब अंग उढावैं ॥
घोर दिगंबर लोचन तीन,
भयानक देखि कैं सब थर्रावैं ।
बङभागी नर नारि सोई,
जो सांब सदासिव कौं नित ध्यावैं ॥4

सुनतहि दीन की दीन पुकार,
दयानिधि आप उबारन धावैं ।
पहुँच तहाँ अबिलंब सुदारुन,
मृत्यु को मर्म विदारि भगावैं ॥
मुनि मृकंङु सुत की गाथा,
सुचि अजहुँ बिग्यजन गाइ सुनावैं ।
बङभागी नर नारि सोई,
जो सांब सदासिव कौं नित ध्यावैं ॥5

चाउर चारि जो फूल धतूर के,
बेल के पात औ पानि चढावैं ।
गाल बजाय कै बोल जो,
'हर हर महादेव' धुनि जोर लगावैं ॥
तिनहिं महाफल देय सदासिव,
सहजहि भुक्ति मुक्ति सो पावैं ।
बङभागी नर नारि सोई,
जो सांब सदासिव कौं नित ध्यावैं ॥6

बिनसि दोष दुख दुरित दैन्य,
दारिद्रय नित्य सुख सांति मिलावैं ।
आसुतोष हर पाप ताप सब,
निरमल बुध्दि चित्त बकसावैं ॥
असरन सरन काटि भव बंधन,
भव निज भवन भव्य बुलवावैं ।
बङभागी नर नारि सोई,
जो सांब सदासिव कौं नित ध्यावैं ॥7

औढरदानि उदार अपार जु,
नैकु सी सेवा तें ढुरि जावैं ।
दमन असांति समन सब संकट,
विरद बिचार जनहि अपनावैं ॥
ऐसे कृपालु कृपामय देब के,
क्यों न सरन अबहीं चलि जावैं ।
बङभागी नर नारि सोई,
जो सांब सदासिव कौं नित ध्यावैं ॥8
Mantra Shiv MantraBholenath MantraMahadev MantraShivaratri MantraSavan Ke Somvar MantraMonday MantraSomwar MantraSomvati Amavasya Mantra

अन्य प्रसिद्ध श्री शिवाष्टक - आदि अनादि अनंत अखण्ड वीडियो

अगर आपको यह मंत्र पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

शिव पंचाक्षर स्तोत्र मंत्र

॥ श्रीशिवपञ्चाक्षरस्तोत्रम् ॥ नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय।

आदित्य-हृदय स्तोत्र

ततो युद्धपरिश्रान्तं समरे चिन्तया स्थितम् । रावणं चाग्रतो दृष्टवा युद्धाय समुपस्थितम् ॥ दैवतैश्च समागम्य द्रष्टुमभ्यागतो रणम् ।

श्री हनुमान स्तवन - श्रीहनुमन्नमस्कारः

प्रनवउँ पवनकुमार खल बन पावक ज्ञानघन ।.. गोष्पदी कृत वारीशं मशकी कृत राक्षसम् ।..

संकट मोचन हनुमानाष्टक

बाल समय रवि भक्षी लियो तब।.. लाल देह लाली लसे, अरु धरि लाल लंगूर।...

श्री रुद्राष्टकम्

नमामीशमीशान निर्वाणरूपं विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम्। निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं...