Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel
Hanuman Chalisa - Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel - Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa -

नाहर सिंह पांडे (Nahar Singh Pandey)


नाहर सिंह पांडे
Add To Favorites Change Font Size
नाहर सिंह पांडे महाराजा गोगादेव के प्रधानमंत्री, सेनापति और राजपंडित थे। नाहर सिंह पांडे ने ही गोगामेड़ी मे 1 हजार वर्ष पूर्व में हिन्दू तिथि भादो शुक्ल नवमी विक्रम सम्वत 1082 तदनुसार माह अगस्त सन 1025 को भगवान गोगादेव के महाप्रयाण के पश्चात समाधि स्थल पर मंदिर प्रथम ज्योत प्रज्वलित की थीI यह स्थान उस समय प्रवाहमान सरस्वती नदी के किनारे पर था, जो अब भूमिगत विधमान है। श्री नाहरसिंह पांडे जी के वसंज आज भी भगतो की मनौती पूर्ण हेतु गोगाशीष जल का छींटा, कूंची द्वारा पूजन करवाते हैI
पिता - मल्लू दत्त
माता - शरबती देवी
अन्य प्रसिद्ध नाम - दादा नरसी पाण्डे, नरसिंह दत्त, नरसी पुरोहित, नरसी राणा, नन्दीदत्त

गोगाजी के दादा जी अमर जी द्वारा भठिंडा, पंजाब से लाये सारस्वत ब्राह्मण परिवार के पंडित मालाराम (मल्लू दत्त) नाहर सिंह के ही पूर्वज थे। नाहर सिंह जी ही गोगाजी के प्रिय मित्र थे गोगाजी जब कभी क्रुद्ध हो जाते तो कोई इनके निकट जाने की हिम्मत नहीं कर पाता था, तब नाहर सिंह जी ही उनके सम्मुख जाकर बात करने का साहस करते थे।

गोगाजी के महल में नंदीदत्त ही एक पुरुष थे उनके ऊपर कठिन कर्तव्य का भारी-भरकम भार था। नाहर सिंह पाण्डे जी ने ही गोगाजी के दोनों पुत्रो सज्जन और सामत को अभ्यास कराकर शस्त्र का अभ्यास करवाया था।

नाहर सिंह पाण्डे जी का दूत कार्य -
गोगाजी ने नाहर सिंह पाण्डे को जब राजदूत के कर्तव्य का निर्वहन करने हेतु काबुल भेजा तो पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही मौखिक कथाओ के आधार पर विरचित पुरानी पुस्तको का यह गीत आला उदल की तर्ज़ पर भक्तो की जुबान पर सुना जा सकता है।
जहा कचहरी लगी हुई थी, नरसिंह पाण्डे पहुंच जाये ।
शोभा आ रही दरबार में, जिसका हॉल कहा न जाये ।
कुर्सी कुर्सी पर थे शहजादे, मूढे मूढे पर सरदार ।
कड़का कर रहे डोम वहाँ पर, उनकी रहे तारीफ सुनय ।
नरसिंह पाण्डे ने जा कर के सबको दीना शीश छुकाय ।
साथ हाथ के सिहासन पर बैठे सरवर और सुल्तान ।
चिठ्ठी दे दी जा नरसिंह ने सभी भूल गए ओसन ।
चिठ्ठी पढ़ी तभी उन्होंने भाई सुन लो कान लगाए ।
जैसी चिठ्ठी लिखकर आई सबको दू में सुनाय ।
सात पांच को नरसिंह मारे दीनी थी मारा मार मचाय ।
तीन सौ जवान मरे सरवर के सब दल तिड़ीबीड़ी हो जाए ।
जब ये देखा है नरसिंह ने अपना घोडा दिया बढ़ाए ।
काले बादल की लाली में जैसे कला कबूतर खाए ।
सर सर सर सर उड़ता जावे अम्बर पंख दिए फैलाय ।
तब्बू लग रहे जहा देवो के घोडा निचे उतरा है जाए ।
यह भी जानें

Bhakt Gogaji BhaktNahar Singh Pandey BhaktDada Narsi Pandey BhaktNarsingh Datta BhaktNarsi Purohit BhaktNarsi Rana BhaktNandi Datta Bhakt

अगर आपको यह भक्तमाल पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस भक्तमाल को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

लोकनाथ स्वामी

लोकनाथ स्वामी, श्रील प्रभुपाद के सबसे समर्पित शिष्यों में से एक थे। परम पूज्य लोकनाथ स्वामी को वैदिक शास्त्रों का गहन ज्ञान है।

पद्मनाभ तीर्थ

पद्मनाभ तीर्थ एक प्रसिद्ध अद्वैत विद्वान, कुशल तर्कशास्त्री और वेद, महाभारत और पुराणों में गहरी आस्था रखने वाले व्यक्ति थे।

श्री श्री रविशंकर

श्री श्री रविशंकर एक भारतीय योग गुरु और एक आध्यात्मिक नेता हैं। उन्हें अक्सर श्री श्री, गुरु जी या गुरुदेव के रूप में जाना जाता है। 1970 के दशक के मध्य से, उन्होंने ट्रान्सेंडैंटल मेडिटेशन के संस्थापक महेश योगी के तहत एक प्रशिक्षु के रूप में काम किया। वह प्रसिद्ध Art of Living foundation के संस्थापक हैं।

रामानुज

रामानुज, जिन्हें रामानुजाचार्य या इलैया पेरुमल (तमिल: पेरुमल [भगवान]) के नाम से भी जाना जाता है, एक दक्षिण भारतीय ब्राह्मण धर्मशास्त्री, दार्शनिक, विचारक और भारत के एक समाज सुधारक थे।

रविदास

संत रविदास एक भारतीय रहस्यवादी, कवि, समाज सुधारक और आध्यात्मिक गुरु थे जिन्होंने भक्ति गीत, कविता और आध्यात्मिक शिक्षाओं के माध्यम से भक्ति आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने सिख धर्म के पवित्र ग्रंथ आदि ग्रंथ के लिए 40 कविताएं भी लिखीं।

चिन्ना जीयर

चिन्ना जीयर स्वामी एक भारतीय धार्मिक गुरु और योगी सन्यासी हैं जो श्री वैष्णववाद पर अपने आध्यात्मिक प्रवचनों के लिए जाने जाते हैं।

सूरदास

सूरदास 16वीं शताब्दी के एक अंधे हिंदू भक्ति कवि और गायक थे, जो सर्वोच्च भगवान कृष्ण की प्रशंसा में लिखे गए अपने कार्यों के लिए जाने जाते थे। वह भगवान कृष्ण के वैष्णव भक्त थे, और वे एक श्रद्धेय कवि और गायक भी थे।

Hanuman Chalisa -
Hanuman Chalisa -
×
Bhakti Bharat APP