18 सितंबर - 16 अक्टूबर, 2020
आधिक-मास को प्रायः अशुभ महीना माना गया है, इस महीने में सभी प्रकार के शुभ कार्य करने पर प्रतिबंध होता है। इसे पुरुषोत्तम मास अथवा मलमास भी कहा जाता है।
इस वर्ष अर्थात 2020 मे अधिक मास आश्विन-मास के रूप मे 18 सितंबर से शुरू होकर 16 अक्टूबर तक रहेगा। वर्ष 2020 मे पितृपक्ष समाप्त होते ही नवरात्रि प्रारंभ न होकर मलमास का महीना शुरू हो जाएगा। इस वर्ष शारदीय नवरात्रि 17 अक्टूबर से शुरू होगी।
इस वर्ष, 17 सितंबर से 16 अक्टूबर तक, अश्विन प्रवेश मास भी रहेगा। इसका मतलब है कि दो अश्विन। इसके कारण, श्राद्ध पक्ष जैसे नवरात्रि, दशहरा, दीपावली आदि के बाद सभी त्योहार 20 से 25 दिन बाद शुरू होंगे। श्राद्ध और नवरात्रि के बीच लगभग एक महीने का अंतर होगा। 25 अक्टूबर को दशहरा और 14 नवंबर को दीपोत्सव मनाया जाएगा। देव प्रबोधिनी एकादशी 25 नवंबर को है। 19 वर्षों के बाद, अश्विन फिर से आदमियों के रूप में आए हैं, फिर 2039 में 19 वर्षों के बाद, अश्विन आदिमास के रूप में आएंगे, लेकिन लीप वर्ष और आधि मास 160 वर्षों के बाद एक साथ आए हैं। इससे पहले संयोग 1860 में बना था।
भगवान विष्णु अधिक मास के पूज्य देव हैं, अतः इस दौरान भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। कोई भी शुभ कार्य जैसे विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश आदि मांगलिक कार्य इस महीने में नहीं किए जाते हैं।
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