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कोरोना: लॉकडाउन, जनता कर्फ्यू, क्वारंटाइन के समय क्या पढ़ें? (Corona: Lockdown, Janta Curfew, Quarantine and Isolation Main Kiya Padhe)

कोरोना: लॉकडाउन, जनता कर्फ्यू, क्वारंटाइन के समय क्या पढ़ें?
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स्वयं को अंदर से इतना मजबूत करें, कि आपके अंदर की महाकाली रक्तबीज जैसे वाइरस का संहार कर सकें।
कोरोना वायरल की विश्वव्यापी महामारी के चलते हमारे देश भारत मे बहुत लोग COVID 19 से संक्रमित पाए गये हैं, इस दौरान लोगों को लॉकडाउन, जनता कर्फ्यू, क्वारंटाइन, पृथक, आइसोलेट जैसी परिस्थितियों के साथ रहना पड़ रहा है।

इस स्थिति में आप कैसे स्वयं को सकारात्मक ऊर्जा के साथ व्यस्त रखें, इसके समाधान के रूप मे आप भक्ति-भारत वेबसाइट पर.. व्रत कथाएँ, भजन, प्रेरक कथाएँ, आरतियाँ, मंत्र, चालीसा, मंदिरों के इतिहास, धार्मिक ब्लॉग्स एवं त्यौहारों के बारे में विस्तार से अपने ज्ञान को पोषित कर सकते हैं।

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दैनिक हवन-यज्ञ विधि
गायत्री मंत्र
शांति पाठ
ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः
अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं

इस महामारी से लड़ने के लिए सफाई एवं धैर्य रखें, घर पर ही रहें, पौष्टिक आहार ग्रहण करें तथा सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करें।
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ब्रह्म मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त सुबह का एक पवित्र समय है, जिसे भारतीय आध्यात्मिक और योगिक परंपराओं में अत्यधिक शुभ माना जाता है।

कांवर यात्रा की परंपरा किसने शुरू की?

धार्मिक ग्रंथों में माना जाता है कि भगवान परशुराम ने ही कांवर यात्रा की शुरुआत की थी। इसीलिए उन्हें प्रथम कांवरिया भी कहा जाता है।

तनखैया

तनखैया जिसका अर्थ है “सिख पंथ में, धर्म-विरोधी कार्य करनेवाला घोषित अपराधी।

ग्रीष्म संक्रांति | जून संक्रांति

ग्रीष्म संक्रांति तब होती है जब पृथ्वी का सूर्य की ओर झुकाव अधिकतम होता है। इसलिए, ग्रीष्म संक्रांति के दिन, सूर्य दोपहर की स्थिति के साथ अपनी उच्चतम ऊंचाई पर दिखाई देता है जो ग्रीष्म संक्रांति से पहले और बाद में कई दिनों तक बहुत कम बदलता है। 21 जून उत्तरी गोलार्ध में सबसे लंबा दिन होता है, तकनीकी रूप से इस दिन को ग्रीष्म संक्रांति कहा जाता है। ग्रीष्म संक्रांति के दौरान उत्तरी गोलार्ध में एक विशिष्ट क्षेत्र द्वारा प्राप्त प्रकाश की मात्रा उस स्थान के अक्षांशीय स्थान पर निर्भर करती है।

गुलिका काल

गुलिका काल जिसे मांडी, कुलिगाई काल भी कहा जाता है वैदिक ज्योतिष में शनि द्वारा शासित एक विशेष काल है, जिसके दौरान कुछ गतिविधियों को अशुभ माना जाता है।

वैदिक पौराणिक शंख

वैदिक पौराणिक शंख, शंख के नाम एवं प्रकार, शंख की महिमा, भगवान श्रीकृष्ण, अर्जुन, भीमसेन, युधिष्ठिर, नकुल, सहदेव, सहदेव, भीष्म के शंख का क्या नाम था?

आठ प्रहर क्या है?

हिंदू धर्म के अनुसार दिन और रात को मिलाकर 24 घंटे में आठ प्रहर होते हैं। औसतन एक प्रहर तीन घंटे या साढ़े सात घंटे का होता है, जिसमें दो मुहूर्त होते हैं। एक प्रहर 24 मिनट की एक घाट होती है। कुल आठ प्रहर, दिन के चार और रात के चार।

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