मौनी शब्द मौन से उत्पन्न हुआ है यानी इस दिन मौन रहकर व्रत करना चाहिए। मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत धारण कर मन को संयमित करके काम, क्रोध, लोभ, मोह आदि से दूर रखना चाहिए।
मौनी अमावस्या डेट: शनिवार, 21 जनवरी 2023
देवतागण प्रयागराज आकर अदृश्य रूप से संगम में स्नान करते हैं। वहीं मौनी अमावस्या के दिन पितृगण पितृलोक से संगम में स्नान करने आते हैं और इस तरह देवता और पितरों का इस दिन संगम होता है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन पवित्र संगम में देवताओं का निवास होता है इसलिए इस दिन मौन रखकर गंगा स्नान का विशेष महत्व है।
प्रयागराज कुंभ मेले के दौरान, मौनी अमावस्या सबसे महत्वपूर्ण स्नान दिवस में से एक है, और इसे अमृत योग के दिन और कुंभ पर्व के दिन के रूप में जाना जाता है।
मान्यता है कि इसी दिन जैन संप्रदाय के प्रथम तीर्थंकार ऋषभ देव ने अपनी लंबी तपस्या का मौन व्रत तोड़ा था और संगम के पवित्र जल में स्नान किया था।
संबंधित अन्य नाम | माघी अमावस्या |
सुरुआत तिथि | माघ कृष्णा अमावस्या |
कारण | To Porify Our Maan |
उत्सव विधि | Silence Fast, Ganga Shnan, River Bath, Daan, Donations, Bhajan, Kirtan |
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