Sawan 2025

श्रीमद्‍भगवद्‍गीता: अर्जुनविषादयोग - श्लोक 17 (Shrimad Bhagwat Geeta: Arjun Visada Yog)


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काश्यश्च परमेष्वासः शिखण्डी च महारथः ।
धृष्टद्युम्नो विराटश्च सात्यकिश्चापराजितः ॥
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Granth Bhagwat Geeta Granth

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