मत कर तू अभिमान रे बंदे, जूठी तेरी शान रे । मत कर तू अभिमान...
धरती गगन में होती है, तेरी जय जयकार ॥
माँ तेरे लाल बुलाए आजा, सुनले भक्तो की सदाए आजा, माँ तेरे लाल बुलाए आजा, सुनले भक्तो की सदाए आजा ॥
निशदिन तेरी पावन, ज्योत जगाऊँ मैं, मुझको ना बिसराना है, जगदम्बे माँ, हर पल तेरे नाम की, महिमा गाउँ मै,मेरे घर भी आना,
जगदम्बे माँ, निशदिन तेरी पावन, ज्योत जगाऊँ मैं, मुझको ना बिसराना, हे जगदम्बे माँ ॥
ढोलिडा ढोल रे वागाड़, मारे हिंच लेवी छे, हिच लेवी छे, हामे जापे जावा से, हिच लेवी छे, हामे जापे जावा से, ढोलिडा ,,,,,,,,,
ढोलिडा ढोल रे वगाड़, मारे हिंच लेवी छे, ढोलिडा ढोल रे वगाड़, मारे हिंच लेवी छे ॥
तेरी ज्योति में वो जादू है, तक़दीर बना देती है, जगमग जलती जब ज्योत तेरी, अंधकार मिटा देती है, तेरी ज्योति में वो जादू है, तक़दीर बना देती है ॥
है वो भी जरूरी पर सब कुछ नहीं है पैसा, मकसद ऐ जिंदगी का क्यों रखलिया है पैसा, पैसे से सिकंदर ने क्या क्या खरीद लाया..