updated: Feb 11, 2019 22:35 PM About | Timing | Highlights | Photo Gallery
माता की कला के रूप में स्थापित जायमई वाली माता का प्रसिद्ध मंदिर, दिलीप महाराज द्वारा 1000 साल पुरानी सिद्ध माता को जाग्रत करने का शुभ कार्य किया। माँ की सिद्धपीठ होने के कारण भक्तगण अपनी मनोकामना पूर्ण होने पर अपनी सुविधा एवं सामर्थ्य के अनुसार मंदिर पर झंडा / नेजा और चुनरी चढ़ाते है।
यहाँ माता जायमई गाँव की रक्षक देवी के रूप में विराजमान हैं। साल 2018 में ही मंदिर पर आकाशी विजली गिरने से मंदिर का शिखर क्षतिग्रस्त हो गया था। गाँव वासियों का मानना है कि माता रानी ने गाँव वासियों की रक्षा हेतु ही आकाशी विजली का वार खुद के उपर सहन कर लिया।