अर्जुन व कर्ण पर विचारों का सम्मोहन - प्रेरक कहानी
इसकी विपरीत कारण अर्जुन से कहीं अधिक वीर और साहसी होने पर भी दुविधा में पड़ा रहा। उसकी मान कुंती ने युद्ध से पूर्व यह वचन ले लिया की वह युद्धभूमि में अर्जुन के सिवाय और किसी भाई को नहीं मारेगा।...
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बुरी परिस्थितियों में भी आशा नहीं छोड़ें - प्रेरक कहानी
उसने राजा से कहा कि यदि मेरी जान बख्श दी जाए तो मैं एक साल में उसके घोड़े को उड़ना सीखा दूँगा।..
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ईश्वर के न्याय का भिन्न दृष्टिकोण - प्रेरक कहानी
एक बार दो आदमी एक मंदिर के पास बैठे गपशप कर रहे थे। वहां अंधेरा छा रहा था और बादल मंडरा रहे थे। 8 (3+5) रोटी तीन आदमियों में कैसे बांट पाएंगे?...
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राजा की सम्यक् दृष्टि - प्रेरक कहानी
एक दिन राजा अपनी शैया पर लेेटे-लेटे सोचने लगा, मैं कितना भाग्यशाली हूँ। कितना विशाल है मेरा परिवार, कितना समृद्ध है मेरा अंत:पुर, कितनी मजबूत है मेरी सेना..
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कर्ण को ही सबसे बड़ा दानी क्यों कहते हैं? - प्रेरक कहानी
एक बार की बात है कि श्री कृष्ण और अर्जुन कहीं जा रहे थे। रास्ते में अर्जुन ने श्री कृष्ण से पूछा कि प्रभु: एक जिज्ञासा है मेरे मन में, अगर आज्ञा हो तो पूछूँ..
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भगवान की लाठी तो हमेशा तैयार है - प्रेरक कहानी
एक बुजुर्ग दरिया के किनारे पर जा रहे थे। जहरीले बिच्छु ने दरिया के अन्दर छलांग लगाई..
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हमे हर जीव मैं प्रभु नजर आते हैं - प्रेरक कहानी
जब बच्चे ने ईश्वर के साथ रोटी खाई! एक 6 साल का छोटा सा बच्चा, उसे भगवान् के बारे में कुछ भी पता नही था..
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कुछ पंडितों ने एक औरत को कहा - घर में तू विष्णु जी की फोटो रख ले और रोटी खाने से पहले उनके आगे रोटी की थाली रखना कर कहना है विष्णु अर्पण..
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जब अर्जुन का घमंड चूर-चूर हुआ - प्रेरक कहानी
एक दिन श्रीकृष्ण, अर्जुन साथ घूम रहे थे। रास्ते में उनकी मुलाकात एक गरीब ब्राह्मण से हुई। उसका व्यवहार थोड़ा विचित्र था। वह सूखी घास खा रहा था और उसकी कमर से तलवार लटक रही थी।
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नारद मुनि भगवान श्रीराम के द्वार पर पहुँचे
एक बार की बात है, वीणा बजाते हुए नारद मुनि भगवान श्रीराम के द्वार पर पहुँचे। नारायण नारायण !! नारदजी ने देखा कि द्वार पर हनुमान जी पहरा दे रहे है। हनुमान जी ने पूछा: नारद मुनि! कहाँ जा रहे हो?
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भगवान की कृपा से ही सब मिलता है - प्रेरक कहानी
एक राजा था, वह जब पूजा के लिए मंदिर जाता, तो 2 भिखारी उसके दाएं और बाएं बैठा करते।..
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निस्वार्थ भाव से दान पुण्य करें - प्रेरक कहानी
ठाकुर का एक बेटा था, जो इस जगत को देख नहीं सकता था पर ठाकुर को उस परमात्मा पर विश्वास था..
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गोस्वामी तुलसीदास की सूरदास जी से भेंट - सत्य कथा
श्री सूरदास जी से भगवान् का विनोद करना | तुलसीदास जी वाला पलड़ा भारी हो गया। अब सूरदास श्री को बड़ा दुःख हुआ | किशोरी जी जहाँ हो वहाँ का पलड़ा तो भारी होगा ही..
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रामायण से, श्री कृष्ण के पंख की कहानी
वनवास के दौरान माता सीताजी को प्यास लगी, तभी श्रीरामजी ने चारों ओर देखा, तो उनको दूर-दूर तक जंगल ही जंगल दिख रहा था। कुदरत से प्रार्थना की, हे वन देवता..
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प्रभु भोग का फल - प्रेरक कहानी
सेठजी के होश उड़ गए, वो तो बैठ गए वहीं पर। रात हो गई, सेठजी वहीं सो गए कि कहीं संतजी की तबियत बिगड़ गई तो कम से कम बैद्यजी को दिखा देंगे..
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