Shri Hanuman Bhajan

श्री जगन्नाथ यात्रा के राशि मंत्र (Shri Jagannath Rashi Mantra)


श्री जगन्नाथ यात्रा के राशि मंत्र बोलने से मिलेगा आरोग्य और सौभाग्य का आशीर्वाद, श्री जगन्नाथ यात्रा के दिन बोलें अपना राशि मंत्र।
नीलांचल निवासाय नित्याय परमात्मने।
बलभद्र सुभद्राभ्याम् जगन्नाथाय ते नमः॥

श्री जगन्नाथ के राशि अनुसार मंत्र
मेष : ॐ पधाय श्रीजगन्नाथाय नम:
वृषभ : ॐ शिखिने श्रीजगन्नाथाय नम:
मिथुन : ॐ देवादिदेव श्रीजगन्नाथाय नम:
कर्क : ॐ अनंताय श्रीजगन्नाथाय नम:
सिंह : ॐ विश्वरूपेण श्रीजगन्नाथाय नम:
कन्या : ॐ विष्णवे श्रीजगन्नाथाय नम:
तुला : ॐ नारायण श्रीजगन्नाथाय नम:
वृश्चिक : ॐ चतुमूर्ति श्रीजगन्नाथाय नम:
धनु : ॐ रत्ननाभ: श्रीजगन्नाथाय नम:
मकर : ॐ योगी श्रीजगन्नाथाय नम:
कुंभ : ॐ विश्वमूर्तये श्रीजगन्नाथाय नम:
मीन : ॐ श्रीपति श्रीजगन्नाथाय नम:

Shri Jagannath Rashi Mantra in English

Chant your Rashi Mantra before Shri Jagannath Yatra
यह भी जानें

Mantra Shri Jagganath MantraPuri Jagganath MantraJagannath Dham MantraJagannath MantraPuri MantraJagannath Ashtakam MantraIskcon Mantra

अगर आपको यह मंत्र पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस मंत्र को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

महामृत्युंजय मंत्र

मंत्र के 33 अक्षर हैं जो महर्षि वशिष्ठ के अनुसार 33 कोटि(प्रकार)देवताओं के द्योतक हैं।

माँ दुर्गा देव्यापराध क्षमा प्रार्थना स्तोत्रं

माँ दुर्गा की पूजा समाप्ति पर करें ये स्तुति, तथा पूजा में हुई त्रुटि के अपराध से मुक्ति पाएँ। आपत्सु मग्न: स्मरणं त्वदीयं..

महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् - अयि गिरिनन्दिनि

अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुते, गिरिवरविन्ध्यशिरोऽधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते । महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् नवरात्रि के दौरान माता रानी का सबसे ज्यादा सुना और पढ़ा जाने वाला संस्कृत श्लोक है

शिव पंचाक्षर स्तोत्र मंत्र

॥ श्रीशिवपञ्चाक्षरस्तोत्रम् ॥ नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय।

श्री रुद्राष्टकम्

नमामीशमीशान निर्वाणरूपं विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम्। निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं...

श्री हनुमान स्तवन - श्रीहनुमन्नमस्कारः

प्रनवउँ पवनकुमार खल बन पावक ज्ञानघन ।.. गोष्पदी कृत वारीशं मशकी कृत राक्षसम् ।..

आदित्य-हृदय स्तोत्र

ततो युद्धपरिश्रान्तं समरे चिन्तया स्थितम् । रावणं चाग्रतो दृष्टवा युद्धाय समुपस्थितम् ॥ दैवतैश्च समागम्य द्रष्टुमभ्यागतो रणम् ।

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Shiv Chalisa - Shiv Chalisa
×
Bhakti Bharat APP