छोटे से बीज में से वटवृक्ष बनता है - प्रेरक कहानी
बात बहुत पुरानी है। एक महान संत के पास एक युवक आया और बोला- मुझे आपका शिष्य बनना है महाराज...
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राजा हैं, फिर भी घमंडी ना बनें - प्रेरक कहानी
साधु तेजी से राजमहल की ओर गए और बिना प्रहरियों से पूछे सीधे अंदर चले गए। राजा ने देखा तो वो गुस्से में भर गया। राजा बोला: ये क्या उदण्डता है महात्मा जी!...
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फर्क नजरिये का..: प्रेरक कहानी
मालूम नहीं। यहां पत्थर तोड़ते - तोड़ते जान निकल रही है और इनको यह चिंता है कि यहां क्या बनेगा।
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भगवान पर विश्वास को डिगने न दें - प्रेरक कहानी
एक आदमी जब भी दफ्तर से वापस आता, तो कुत्ते के प्यारे से पिल्ले रोज उसके पास आकर उसे घेर लेते थे क्योंकि वो रोज उन्हें बिस्कुट देता था।
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राजा का मूर्ति प्रेम - प्रेरक कहानी
एक दिन जब एक सेवक इन मूर्तियों की सफाई कर रहा था तब गलती से उसके हाथों से उनमें से एक मूर्ति टूट गई।..
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महात्मा की समझ से लौटी सेना? - प्रेरक कहानी
महात्मा जी ने झोले से सिक्का निकाला और राजा की हथेली पर उसे रखते हुए कहा, हे नरेश, तुम्हारा राज्य धन-धान्य से संपन्न है।
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जहां खतरा है, वहां खतरा नहीं होता - प्रेरक कहानी
कोई दस फ़ीट नीचे रह गया होगा वह लड़का, तब वह बूढा खडा हुआ और चिल्लाया, सावधान! बेटे सावधान होकर उतरना, होश से उतरना!...
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कठिन परिश्रम, स्वाभिमान का मीठा फल - प्रेरक कहानी
उसके सारे साथी उससे बहुत ही ज्यादा जलते थे। एक दिन उनके मित्रों ने उस लड़के पर एक लांछन लगाना चाहा और उसे झूठे आरोप में फसाने का उन्होंने फैसला किया।...
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भक्त बडे विचित्र, उनके प्रभु उनसे भी विचित्र - सत्य कथा
एक भक्त थे कुम्भनदासजी जो गोवर्धन की तलहटी में रहते थे। एक बार की बात है कि भक्त कुम्भनदास जी भगवान श्रीनाथजी के पास गये और उन्हें जाकर देखा कि श्रीनाथजी अपना मुँह लटकाये बैठे हैं..
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अपने रूप, रंग या गुण पर घमंड ना करें - प्रेरक कहानी
एक समय की बात है एक बार दांत और जीभ में भयंकर युध्द छिड़ गया।
दांत ने जीभ से कहा: अरे! तुम सिर्फ माँस के लोथड़े हो।...
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प्रभुकृपा, यही आप से प्रार्थना है - प्रेरक कहानी
रात नौ बजे लगभग अचानक मुझे एलर्जी हो गई। घर पर दवाई नहीं, न ही इस समय मेरे अलावा घर में कोई और.. | क्या सच में भगवान ने मुझे रात को अपने भक्त की मदद के लिए ही भेजा था?
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पिता का आशीर्वाद - प्रेरक कहानी
मैं तुम्हें आशीर्वाद देता हूं कि, तुम जीवन में बहुत सुखी रहोगे और धूल को भी हाथ लगाओगे तो वह सोना बन जायेगी।
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सबसे बड़ा पुण्य क्या है? - प्रेरक कहानी
क राजा बहुत बड़ा प्रजापालक था, हमेशा प्रजा के हित में प्रयत्नशील रहता था। वह इतना कर्मठ था कि अपना सुख, ऐशो-आराम सब छोड़कर सारा समय जन-कल्याण में ही लगा देता था।
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अन्तत: अन्तिम निर्णय ईश्वर ही करता है - प्रेरक कहानी
जंगल में एक गर्भवती हिरनी बच्चे को जन्म देने को थी। वो एकांत जगह की तलाश में घुम रही थी, कि उसे नदी किनारे ऊँची और घनी घास दिखी।...
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माइक आगे होता है, और मुख पीछे - प्रेरक कहानी
गुरु शिष्यों में युगों युगों से यही रहस्यमयी लीला होती आ रही है। अपने गुरु पर पूर्ण विश्वास रखे वे सदैव हमारे साथ है।..
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