Shri Hanuman Bhajan

छोटे प्रयासों से, बहुत कुछ मिल जायेगा - प्रेरक कहानी (Chote Prayason Se Bahut Kuchh Mil Jayega)


Add To Favorites Change Font Size
एक आदमी समुद्रतट पर चल रहा था। उसने देखा कि कुछ दूरी पर एक युवक ने रेत पर झुककर कुछ उठाया और आहिस्ता से उसे पानी में फेंक दिया।
उसके नज़दीक पहुँचने पर आदमी ने उससे पूछा: और भाई, क्या कर रहे हो?
युवक ने जवाब दिया: मैं इन मछलियों को समुद्र में फेंक रहा हूँ।

लेकिन इन्हें पानी में फेंकने की क्या ज़रूरत है? आदमी बोला।

युवक ने कहा: ज्वार का पानी उतर रहा है और सूरज की गर्मी बढ़ रही है।अगर मैं इन्हें वापस पानी में नहीं फेंकूंगा तो ये मर जाएँगी।

आदमी ने देखा कि समुद्रतट पर दूर-दूर तक मछलियाँ बिखरी पड़ी थीं।
वह बोला: इस मीलों लंबे समुद्रतट पर न जाने कितनी मछलियाँ पड़ी हुई हैं। इसतरह कुछेक को पानी में वापस डाल देने से तुम्हें क्या मिल जाएगा? इससे क्या फर्क पड़ जायेगा?

युवक ने शान्ति से आदमी की बात सुनी, फ़िर उसने रेत पर झुककर एक और मछली उठाई और उसे आहिस्ता से पानी में फेंककर वह बोला: आपको इससे कुछ मिले न मिले, मुझे इससे कुछ मिले न मिले, दुनिया को इससे कुछ मिले न मिले। लेकिन इस मछली को सब कुछ मिल जाएगा।

यह केवल सोच का ही फर्क है। सकारात्मक सोच वाले व्यक्ति को लगता है कि उसके छोटे छोटे प्रयासों से किसी को बहुत कुछ मिल जायेगा लेकिन नकारात्मक सोच के व्यक्ति को यही लगेगा कि, यह समय की बर्बादी है?

यह हम पर है कि हम कौनसी कहावत पसंद करते है...
अकेला चना भांड नहीं फोड़ सकता।
या
बूँद बूँद से ही घड़ा भरता है

हम सब आदर्शवादी और अच्छे कार्य करने की बातें करते रहते है। जैसे बिजली बचाना, सड़क पर कचरा न फेंकना, शादी समारोह अथवा अन्य आयोजनों या अपने घर में भोजन को वैस्ट न करना, ट्रेफिक नियमों का पालन करना, किसी जरूरतमंद की मदद करना और बहुत कुछ। लेकिन हम में से ज्यादात्तर लोग ऐसी बातों का पालन नहीं करते। ऐसा क्यों होता है कि हम पढ़े लिखे लोग ही इन छोटी छोटी बातों का पालन नहीं करते?

सबसे ज्यादा खाना हम पढ़े लिखे लोग ही वैस्ट करते है जबकि दूसरी और भारत में रोजाना, लाखों लोग भूखे सोते है। हम पढ़े लिखे लोग ही बिजली का अपव्यय करते है जबकि भारत के हजारों गावों में अब भी बिजली नहीं है। ऐसे पढ़े लिखे लोग भी आसानी से मिल जायेंगे जिनके पास इतना भी टाइम नहीं कि वे सड़क पर पड़े हुए घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचा दे।
यह भी जानें

Prerak-kahani Fish Prerak-kahaniSee Prerak-kahaniBeach Prerak-kahani

अगर आपको यह prerak-kahani पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस prerak-kahani को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

खुद की मदद करें, भगवान भी तभी मदद करेंगे - प्रेरक कहानी

सन्यासी: तो फिर किस हक़ से तुम भगवान को दोष दे रहे हो, भगवान उन्हीं लोगों की मदद करते हैं जो स्वयं की मदद करते हैं।

जब श्री कृष्ण बोले, मुझे कहीं छुपा लो - प्रेरक कहानी

एक बार की बात है कि यशोदा मैया प्रभु श्री कृष्ण के उलाहनों से तंग आ गयीं और छड़ी लेकर श्री कृष्ण की ओर दौड़ी।...

भक्त के अधीन भगवान - सदना कसाई की कहानी

एक कसाई था सदना। वह बहुत ईमानदार था, वो भगवान के नाम कीर्तन में मस्त रहता था। यहां तक की मांस को काटते-बेचते हुए भी वह भगवान नाम गुनगुनाता रहता था।

भगवान की लाठी तो हमेशा तैयार है - प्रेरक कहानी

एक बुजुर्ग दरिया के किनारे पर जा रहे थे। जहरीले बिच्छु ने दरिया के अन्दर छलांग लगाई..

तुलसीदास जी द्वारा विप्रचंद ब्राह्मण पर कृपा - सत्य कथा

एक बार एक विप्रचंद नामक ब्राह्मण से हत्या हो गयी और उस हत्या के प्रायश्चित के लिये वह अनेक तीर्थों में घूमता हुआ काशी आया।

नारद मुनि भगवान श्रीराम के द्वार पर पहुँचे

एक बार की बात है, वीणा बजाते हुए नारद मुनि भगवान श्रीराम के द्वार पर पहुँचे। नारायण नारायण !! नारदजी ने देखा कि द्वार पर हनुमान जी पहरा दे रहे है। हनुमान जी ने पूछा: नारद मुनि! कहाँ जा रहे हो?

सच्चे गुरु के बिना बंधन नहीं छूटता - प्रेरक कहानी

एक पंडित रोज रानी के पास कथा करता था। कथा के अंत में सबको कहता कि राम कहे तो बंधन टूटे। तभी पिंजरे में बंद तोता बोलता, यूं मत कहो रे पंडित झूठे।

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Om Jai Jagdish Hare Aarti - Om Jai Jagdish Hare Aarti
×
Bhakti Bharat APP