Shri Ram Bhajan

गुरु नानक जी के आशीर्वाद का रहस्य - प्रेरक कहानी (Guru Nanak Ji Ke Ashirwad Ka Rahasy)


Add To Favorites Change Font Size
एक बार गुरु नानक देव जी अपने शिष्यों के साथ एक ऐसे गांव में पहुंचे जहां के लोग साधु-संन्यासी लोगों को बिल्कुल भी पसंद नहीं करते थे। गुरु नानक जी वहां गए तो उनसे भी वहां के लोगों ने ऐसा ही व्यवहार किया।
जब वो परेशान होकर उस गांव से जाने लगे तो गांव के लोगों ने कहा कि, महात्माजी कुछ आशीर्वाद तो देते जाइए। गुरु नानक ने थोड़ी देर तक हंसते रहे फिर बोले, खूब आबाद रहो। इसके बाद वो आगे बढ़ गए। इस बीच कुछ गांव के लोग भागते हुए वहां पहुंचे। सभी उनकी सेवा करने लगे। उन्होंने फिर से गुरुनानक जी से आशीर्वाद मांगा।

तब उन्होंने कहा: सभी उजड़ जाओ।
गुरु नानक के ऐसे अटपटे आशीर्वाद से परेशान होकर एक व्यक्ति ने उनसे पूछा: महात्मा जी! जिन लोगों ने अतिथि धर्म का तिरस्कार किया उन्हें आपने आबाद रहने का और जो लोग आपकी सेवा में आए उन्हें उजड़ने का आशीर्वाद क्यों दिया।

गुरु नानक जी ने उस व्यक्ति से कहा कि: सज्जन व्यक्ति जहां जाता है वो वहां अपनी अच्छाइयों को ले जाता है। यह दुर्जन से बेहतर होता है।

इसलिए मैंने पहले जब वो दुर्जन थे तो उन्हें एक जगह आबाद रहने का आशीर्वाद दिया और जब वो सज्जन बन गए और मेरे पास आशीर्वाद लेने आए तो मैनें उन्हें उजड़ने यानी समाज में अच्छाई फैलाने का आशीर्वाद दिया।

गुरु स्तुति | गुरु पादुका स्तोत्रम् | श्री गुरु अष्टकम | गुरु मेरी पूजा, गुरु गोबिंद, गुरु मेरा पारब्रह्म | गुरु भजन
यह भी जानें

Prerak-kahani Guru Prerak-kahaniGurudev Prerak-kahaniGuru Purnima Prerak-kahaniVyasa Purnima Prerak-kahaniGuru Nanak Jayanti Prerak-kahaniSikhkhism Prerak-kahaniSikh Prerak-kahaniSant Ravidas Prerak-kahaniRavidas Jayanti Prerak-kahani

अगर आपको यह prerak-kahani पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस prerak-kahani को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

Latest Prerak-kahani ›

जब तक दुख नहीं मिलते, प्रभु की याद नहीं आती - प्रेरक कहानी

फिर सुपरवाईजर ने उसका ध्यान आकर्षित करने के लिए एक १० रु का नोट नीचे फैंका, जो ठीक मजदूर के सामने जा कर गिरा..

बुरे समय में कृतज्ञता ना छोड़ें - प्रेरक कहानी

एक शिकारी ने शिकार पर तीर चलाया। तीर पर सबसे खतरनाक जहर लगा हुआ था।..

एक जोड़ी, पैरों के निशान? - प्रेरक कहानी

आपने तो कहा था. कि आप हर समय मेरे साथ रहेंगे, पर मुसीबत के समय मुझे दो की जगह एक जोड़ी ही पैर ही दिखाई दिए...

गोस्वामी तुलसीदास को श्री कृष्ण का राम रूप दर्शन - सत्य कथा

तुलसीदास जी को भगवान् श्री कृष्ण का राम रूप में दर्शन देना | श्रीकृष्ण ने हाथ में धनुष-बाण ले लिया | श्री दशरथ जी का पुत्र, परम सुंदर उपमा रहित जानकार उनसे प्रेम करता था..

तुलसीदास जी द्वारा श्रीराम के दर्शन का उपाय - सत्य कथा

साक्षात् भगवान् श्रीराम के दर्शन करने का उपाय | उसके लिए प्रेम और भाव चाहिए, संत की कृपा चाहिए | वह व्यक्ति तुरंत पेड़ पर चढ़कर त्रिशूलपर कूद पडा..

प्रेरणादायक महाराजा रणजीत सिंह की कहानियाँ

एक बार महाराजा कहीं जा रहे थे, तभी उनके माथे पर पत्थर आकार लगा। उनके माथे पर से खून बहने लगा।...

निर्दोष को कैसी सजा - प्रेरक कहानी

बहुत समय पहले हरिशंकर नाम का एक राजा था। उसके तीन पुत्र थे और अपने उन तीनों पुत्रों में से वह किसी एक पुत्र को राजगद्दी सौंपना चाहता था।

Ganesh Aarti Bhajan - Ganesh Aarti Bhajan
Ram Bhajan - Ram Bhajan
Bhakti Bharat APP