Shri Hanuman Bhajan

जीवन का, जीवन बीमा - प्रेरक कहानी (Jeevan Ka Jeevan Bima)


Add To Favorites Change Font Size
दो मित्र थे, बड़े परिश्रमी और मेहनती। अपने परिश्रम से दोनों एक दिन बड़े सेठ बन गए। दोनों ने बड़ा व्यवसाय खड़ा कर लिया। पहले सेठ ने अपनी सारी संपत्ति का बीमा करवा लिया। उसने अपने मित्र को बार बार यही परामर्श दिया की वह भी अपनी सम्पत्ति का बीमा करवा ले। परन्तु दूसरे मित्र ने उसकी बात को अनसुना कर दिया। दुर्भाग्य से एक दिन शहर में आग लग गई। दोनों की सारी संपत्ति जल कर राख हो गई। पहले सेठ ने बीमा करवा रखा था इसलिये उसे सारी संपत्ति वापिस मिल गई जबकि दूसरा मित्र निर्धन बन गया। मगर हाथ पछताने के अतिरिक्त उसके पास कोई चारा नहीं बचा था।
मनुष्य का यह जन्म भी सेठ की संपत्ति के समान है। हम सभी को मालूम है की एक दिन इस शरीर को भस्म होना है मगर हम हैं की जीवन के इस अटल सत्य को जानकर भी अनसुना कर देते हैं। हम इसका कभी बीमा नहीं करवाते। न सत्कर्म करते है, न अभ्यास और वैराग्य द्वारा मोक्ष मार्ग को सिद्ध करते हैं, न योग मार्ग के पथिक बनते है, न ईश्वर का साक्षात्कार करते है। इसके विपरीत भोग, दुराचार, पाप, राग-द्वेष, ईर्ष्या, अभिमान, अहंकार, असत्य आदि के चक्कर में अपना बीमा ही करवाना भूल जाते हैं।

वेद में अनेक मन्त्रों के माध्यम से जन्म-मरण और मुक्ति की पवित्र शिक्षा को कहा गया हैं-
शरीररूप बंधन में आकर जीवात्मा जहाँ तहाँ भटकता है- वेद
शरीर नश्वर है इसके रहते हुए जो श्रेष्ठ कर्म किया जा सके करले अपने को संभाल के परमात्मा का स्मरण कर-वेद
जीवात्मा वासनावश ऊँची नीची योनियों में शरीर धारण करता है, शरीर अस्थिर है-वेद
मैं नश्वर कच्चे घर(शरीर) में फिर न आऊं- वेद
हमें नश्वर शरीर की प्राप्ति न हो, सर्वथा अखंड सुखसम्पत्ति मुक्ति को प्राप्त हो।
यह भी जानें
अगर आपको यह prerak-kahani पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस prerak-kahani को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

जरूरतमंदों की मदद ही सबसे बड़ी सेवा - प्रेरक कहानी

एक वैद्य गुरु गोविंद सिंह के दर्शन हेतु आनन्दपुर गया। वहाँ गुरुजी से मिलने पर उन्होंने कहा कि जाओ और जरूरतमंदों को सेवा करो।..

प्रेरक कहानी: वाह! किशोरी जी आपके नाम की कैसी अनंत महिमा है

वाह! किशोरी जी आपके नाम की कैसी अनंत महिमा है!! मुझ पर इतनी कृपा की या खुद श्रीमद्भागवत से इतना प्रेम करती हो कि रोज़ मुझ से श्लोक सुनने मे तुमको भी आनंद आता है।

छोटी सी गौरैया का श्रीकृष्ण पर विश्वास - प्रेरक कहानी

भगवन बोले: अपने घोंसले में तीन सप्ताह के लिए भोजन का संग्रह करो। आइये हम भी तब तक इस घंटी के नीचे विश्राम करे जब तक ये हमारे लिए उठाई ना जाये...

सेवभाव में स्नेह के आँसू - प्रेरक कहानी

सब्जी वाले ने तीसरी मंजिल की घंटी का बटन दबाया। ऊपर बालकनी का दरवाजा खोलकर बाहर आई महिला ने नीचे देखा।

सच्चे गुरु के बिना बंधन नहीं छूटता - प्रेरक कहानी

एक पंडित रोज रानी के पास कथा करता था। कथा के अंत में सबको कहता कि राम कहे तो बंधन टूटे। तभी पिंजरे में बंद तोता बोलता, यूं मत कहो रे पंडित झूठे।

गुरु नानक जी के आशीर्वाद का रहस्य - प्रेरक कहानी

एक बार गुरु नानक देव जी अपने शिष्यों के साथ एक ऐसे गांव में पहुंचे जहां के लोग साधु-संन्यासी लोगों को बिल्कुल भी पसंद नहीं करते थे...

ऐसे ही होने चाहिए गुरु - प्रेरक कहानी

वह उनके चरण स्पर्श कर अपना परिचय देता है। वे बड़े प्यार से पुछती है, अरे वाह, आप मेरे विद्यार्थी रहे है, अभी क्या करते हो, क्या बन गए हो?

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Ram Bhajan - Ram Bhajan
Bhakti Bharat APP