Download Bhakti Bharat APP
Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel - Follow Bhakti Bharat WhatsApp ChannelDownload APP Now - Download APP NowOm Jai Jagdish Hare Aarti - Om Jai Jagdish Hare AartiRam Bhajan - Ram Bhajan

श्री गोरक्ष चालीसा - गोरखनाथ मठ (Goraksh Chalisa)


दोहा-
गणपति गिरिजा पुत्र को,
सिमरूँ बारम्बार ।
हाथ जोड़ विनती करूँ,
शारद नाम अधार । ।
चौपाई-
जय जय जय गोरख अविनाशी,
कृपा करो गुरुदेव प्रकाशी ।
जय जय जय गोरख गुणज्ञानी,
इच्छा रूप योगी वरदानी । ।
अलख निरंजन तुम्हरो नामा,
सदा करो भक्तन हित कामा ।
नाम तुम्हारा जो कोई गावे,
जन्म जन्म के दुःख नशावे ।
जो कोई गोरक्ष नाम सुनावे,
भूत पिशाच निकट नहीं आवे ।
ज्ञान तुम्हारा योग से पावे,
रूप तुम्हार लख्या ना जावे ।
निराकार तुम हो निर्वाणी,
महिमा तुम्हरी वेद बखानी ।
घट घट के तुम अन्तर्यामी,
सिद्ध चौरासी करें प्रणामी ।
भस्म अङ्ग गले नाद विराजे,
जटा सीस अति सुन्दर साजे ।

तुम बिन देव और नहीं दूजा,
देव मुनी जन करते पूजा ।
चिदानन्द सन्तन हितकारी,
मङ़्गल करे अमङ़्गल हारी ।
पूरण ब्रह्म सकल घट वासी,
गोरक्षनाथ सकल प्रकासी ।
गोरक्ष गोरक्ष जो कोई ध्यावे,
ब्रह्म रूप के दर्शन पावे ।
शङ़्कर रूप धर डमरू बाजे,
कानन कुण्डल सुन्दर साजे ।
नित्यानन्द है नाम तुम्हारा,
असुर मार भक्तन रखवारा ।
अति विशाल है रूप तुम्हारा,
सुर नर मुनि जन पावं न पारा ।
दीन बन्धु दीनन हितकारी,
हरो पाप हम शरण तुम्हारी ।
योग युक्ति में हो प्रकाशा,
सदा करो सन्तन तन वासा ।
प्रातःकाल ले नाम तुम्हारा,
सिद्धि बढ़े अरु योग प्रचारा ।
हठ हठ हठ गोरक्ष हठीले,
मार मार वैरी के कीले ।
चल चल चल गोरक्ष विकराला,
दुश्मन मान करो बेहाला ।
जय जय जय गोरक्ष अविनासी,
अपने जन की हरो चौरासी ।
अचल अगम हैं गोरक्ष योगी,
सिद्धि देवो हरो रस भोगी ।
काटो मार्ग यम की तुम आई,
तुम बिन मेरा कौन सहाई ।
अजर अमर है तुम्हरो देहा,
सनकादिक सब जोहहिं नेहा ।
कोटि न रवि सम तेज तुम्हारा,
है प्रसिद्ध जगत उजियारा ।
योगी लखें तुम्हारी माया,
पार ब्रह्म से ध्यान लगाया ।
ध्यान तुम्हारा जो कोई लावे,
अष्ट सिद्धि नव निधि घर पावे ।
शिव गोरक्ष है नाम तुम्हारा,
पापी दुष्ट अधम को तारा ।
अगम अगोचर निर्भय नाथा,
सदा रहो सन्तन के साथा ।
शङ़्कर रूप अवतार तुम्हारा,
गोपीचन्द भर्तृहरि को तारा ।
सुन लीजो गुरु अरज हमारी,
कृपा सिन्धु योगी ब्रह्मचारी ।
पूर्ण आस दास की कीजे,
सेवक जान ज्ञान को दीजे ।
पतित पावन अधम अधारा,
तिनके हेतु तुम लेत अवतारा ।
अलख निरंजन नाम तुम्हारा,
अगम पंथ जिन योग प्रचारा ।
जय जय जय गोरक्ष भगवाना,
सदा करो भक्तन कल्याना ।
जय जय जय गोरक्ष अविनाशी,
सेवा करें सिद्ध चौरासी ।
जो पढ़ही गोरक्ष चालीसा,
होय सिद्ध साक्षी जगदीशा ।
बारह पाठ पढ़े नित्य जोई,
मनोकामना पूरण होई ।
और श्रद्धा से रोट चढ़ावे,
हाथ जोड़कर ध्यान लगावे ।

दोहा -
सुने सुनावे प्रेमवश,
पूजे अपने हाथ
मन इच्छा सब कामना,
पूरे गोरक्षनाथ ।
अगम अगोचर नाथ तुम,
पारब्रह्म अवतार ।
कानन कुण्डल सिर जटा,
अंग विभूति अपार ।
सिद्ध पुरुष योगेश्वरों,
दो मुझको उपदेश ।
हर समय सेवा करूँ,
सुबह शाम आदेश ।
Source: gorakhnathmandir.in

Goraksh Chalisa in English

Jai Ganesh Girija Suvan, Mangal Mool Sujaan. Kahat Ayodhyaadaas Tum, Dehu Abhay Vardaan ।
यह भी जानें

Chalisa Shri Shiv ChalisaBholenath ChalisaMahadev ChalisaShiv ChalisaBholenath ChalisaMahadev ChalisaShivaratri ChalisaSavan ChalisaMonday ChalisaSomvar ChalisaSolah Somvar Chalisa

अगर आपको यह चालीसा पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस चालीसा को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

गणेश चालीसा

जय गणपति सदगुण सदन, कविवर बदन कृपाल। विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल॥

हनुमान चालीसा

हनुमान चालीसा लिरिक्स | जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥ राम दूत अतुलित बल धामा | बुरी आत्माओं से मुक्ति के लिए, शनि के प्रकोप से बचने हेतु हनुमान चालीसा का पाठ करें

परशुराम चालीसा

जय प्रभु परशुराम सुख सागर।जय मुनीश गुण ज्ञान दिवाकर॥ भृगुकुल मुकुट विकट रणधीरा।क्षत्रिय तेज मुख संत शरीरा॥

शिव चालीसा

शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.. शिव चालीसा लिरिक्स के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न होते हैं

गंगा चालीसा

जय जय जननी हराना अघखानी। आनंद करनी गंगा महारानी॥ जय भगीरथी सुरसरि माता।

शनि चालीसा

जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल। दीनन के दुख दूर करि...

दुर्गा चालीसा

नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Om Jai Jagdish Hare Aarti - Om Jai Jagdish Hare Aarti
×
Bhakti Bharat APP