Shri Ram Bhajan

श्री कृष्ण की सभी दुष्टों को एक साथ मारने की तरकीब - प्रेरक कहानी (Shri Krishna Ki Sabhi Duston Ko Ek Sath Marane Ki Tarakeeb)


Add To Favorites Change Font Size
कंस की मृत्यु के पश्चात उसका ससुर जरासन्ध बहुत ही क्रोधित था, ओर उसने कृष्ण व बलराम को मारने हेतु मथुरा पर 17 बार आक्रमण किया...
प्रत्येक पराजय के बाद वह अपने विचारों का समर्थंन करने वाले तमाम राजाओं से सम्पर्क करता और उनसे महागठबंधन बनाता और मथुरा पर हमला करता,
और श्री कृष्ण पूरी सेना को मार देते, मात्र जरासन्ध को ही छोड़ देते

यह सब देख श्री बलराम जी बहुत क्रोधित हुये और श्री कृष्ण से कहा,

"बार-बार जरासन्ध हारने के बाद पृथ्वी के कोनों कोनों से दुष्टों के साथ महागठबंधन कर हम पर आक्रमण कर रहा है और तुम पूरी सेना को मार देते हो किन्तु असली खुराफात करने वाले को ही छोड़ दे रहे हो??"

तब हंसते हुए श्री कृष्ण ने बलराम जी को समझाया-

"हे भ्राता श्री जरासन्ध को बार बार जानबूझकर इसलिए छोड़ दे रहा हूँ कि ये जरासन्ध पूरी पृथ्वी से दुष्टों के साथ महागठबंधन करता है और मेरे पास लाता है और मैं बहुत ही आसानी से एक ही जगह रहकर धरती के सभी दुष्टों को मार दे रहा हूँ नहीं तो मुझे इन दुष्टों को मारने के लिए पूरी पृथ्वी का चक्कर लगाना पड़ता, और बिल में से खोज-खोज कर निकाल निकाल कर मारना पड़ता और बहुत कष्ट झेलना पड़ता। दुष्टदलन का मेरा यह कार्य जरासन्ध ने बहुत आसान कर दिया है"

"जब सभी दुष्टों को मार लूंगा तो सबसे आखिरी में इसे भी खत्म कर ही दूंगा" चिन्ता न करो भ्राताश्री।
यह भी जानें
अगर आपको यह prerak-kahani पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस prerak-kahani को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

Latest Prerak-kahani ›

सच्चे देशभक्त की निष्ठा - प्रेरक कहानी

गुलजारीलाल नंदा को मकान मालिक ने किराया न दे पाने पर किराए के मकान से निकाल दिया। बूढ़े के पास एक पुराना बिस्तर, कुछ एल्युमीनियम के बर्तन, एक प्लास्टिक की बाल्टी और एक मग आदि के अलावा शायद ही कोई सामान था।

दो पैसे के काम के लिए तीस साल की बलि - प्रेरक कहानी

स्वामी विवेकानंद एक बार कहीं जा रहे थे। रास्ते में नदी पड़ी तो वे वहीं रुक गए क्योंकि नदी पार कराने वाली नाव कहीं गई हुई थी।...

भगवन को आपकी एक सुई की भी चिंता है - प्रेरक कहानी

एक गांव में कृष्णा बाई नाम की बुढ़िया रहती थी वह भगवान श्रीकृष्ण की परमभक्त थी। वह एक झोपड़ी में रहती थी।

शांति कहाँ मिलेगी - प्रेरक कहानी

एक समय कि बात है, भगवान विष्णु सभी जीवों को कुछ न कुछ चीजें भेट कर रहे थे। सभी जीव भेंट स्वीकार करते और खुशी-खुशी अपने निवास स्थान के लिए प्रस्थान करते।

...हम माँग नही पाते प्रभु से - प्रेरक कहानी

एक बार किसी देश का राजा अपनी प्रजा का हाल-चाल पूछने के लिए गांवो में घूम रहा था। घूमते-घूमते उसके कुर्ते का बटन टूट गया...

मैं सावंरे की कुदरत से हैरान हूँ - प्रेरक कहानी

वृंदावन शहर में एक वैघ थे, जिनका मकान भी बहुत पुराना था। वैघ साहब अपनी पत्नी को कहते कि जो तुम्हें चाहिए एक चिठ्ठी में लिख दो दुकान पर आकर पहले वह चिठ्ठी खोलते।

राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न भाइयों का प्यार

राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न चारों भाइयों के बचपन का एक प्रसंग है! जब ये लोग खेलते थे तो लक्ष्मण राम की तरफ उनके पीछे होता था..

Aditya Hridaya Stotra - Aditya Hridaya Stotra
Ram Bhajan - Ram Bhajan
Bhakti Bharat APP