Shri Ram Bhajan

स्वयं के धर्म की चिंता - प्रेरक कहानी (Swayam Ke Dharm Ki Chinta)


Add To Favorites Change Font Size
एक आदमी तालाब के किनारे बैठ कर कुछ सोच रहा था। तभी उसने एक पानी में किसी के डूबने की आवाज सुनी और उसने तालाब की तरफ देखा तो उसे एक बिच्छू तालाब में डूबता दिखाई दिया। अचानक ही वह आदमी उठा और तालाब में कूद गया। उस बिच्छु को बचाने के लिए उसने उसे पकड़ लिया और तालाब के बाहर लाने लगा।
इससे घबराकर बिच्छू ने उस आदमी को डंक मारा। आदमी का हाथ खून से भर गया वो जोर-जोर से चिल्लाने लगा, उसका हाथ खुल गया और बिच्छू फिर पानी में गिर गया।

आदमी फिर उसके पीछे गया। उसने बिच्छु को पकड़ा। लेकिन बिच्छू ने फिर से उसे काट लिया। यह बार-बार होता रहा।

यह पूरी घटना दूर बैठा एक आदमी देख रहा था। वो उस आदमी के पास आया और बोला - अरे भाई ! वह बिच्छू तुम्हे बार-बार काट रहा है। तुम उसे बचाना चाहते हो, वो तुम्हे ही डंक मार रहा है। तुम उसे जाने क्यूँ नहीं देते ?मर रहा हैं अपनी मौत, तुम क्यूँ अपना खून बहा रहे हो?

तब उस आदमी ने उत्तर दिया - भाई ! डंक मरना तो बिच्छू की प्रकृति है। वह वही कर रहा है लेकिन मैं एक मनुष्य हूँ, और मेरा धर्म है दूसरों की सेवा करना और मुसीबत में उनका साथ देना। अतः बिच्छू अपना धर्म निभा रहा हैं और मैं मेरा ।
यह भी जानें

Prerak-kahani Karm Prerak-kahaniDost Prerak-kahaniDosti Prerak-kahaniTeen Mitra Prerak-kahaniAfter Death Prerak-kahani

अगर आपको यह prerak-kahani पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस prerak-kahani को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

Latest Prerak-kahani ›

कोयला और चंदन

चौधरी पहलवान का पूरा जीवन जरूरतमंदों की सहायता के लिए समर्पित हुआ था। जब उनका अंतिम समय नजदीक आया तो उन्होंने अपने बेटे को पास बुलाया।

प्रणाम का महत्व - प्रेरक कहानी

महाभारत का युद्ध चल रहा था, एक दिन दुर्योधन के व्यंग्य से आहत होकर भीष्म पितामह घोषणा कर देते हैं कि: मैं कल पांडवों का वध कर दूँगा..

नाम जप की महत्ता - प्रेरक कहानी

प्रभु नाम के जप ने एक भिखारी को सच्चा दाता बना दिया है। यह सुनकर अकबर बड़े हैरान हुये। ये है नाम जप का प्रभाव जो भिखारी से सच्चा दाता बना दे।

गोस्वामी तुलसीदास की सूरदास जी से भेंट - सत्य कथा

श्री सूरदास जी से भगवान् का विनोद करना | तुलसीदास जी वाला पलड़ा भारी हो गया। अब सूरदास श्री को बड़ा दुःख हुआ | किशोरी जी जहाँ हो वहाँ का पलड़ा तो भारी होगा ही..

रामायण से, श्री कृष्ण के पंख की कहानी

वनवास के दौरान माता सीताजी को प्यास लगी, तभी श्रीरामजी ने चारों ओर देखा, तो उनको दूर-दूर तक जंगल ही जंगल दिख रहा था। कुदरत से प्रार्थना की, हे वन देवता..

बच्चे की राजा को 4 शर्तें - प्रेरक कहानी

एक बार एक राजा नगर भ्रमण को गया तो रास्ते में क्या देखता है कि, एक छोटा बच्चा माटी के खिलौनो को कान में कुछ कहता फिर तोड कर माटी में मिला रहा है..

मानवता भीतर के संस्कारों से पनपती है - प्रेरक कहानी

श्री टी.एन. शेषन जब मुख्य चुनाव आयुक्त थे, तो परिवार के साथ छुट्टीयां बिताने के लिए मसूरी जा रहे थे। परिवार के साथ उत्तर प्रदेश से निकलते हुऐ रास्ते में..

Ganesh Aarti Bhajan - Ganesh Aarti Bhajan
Ram Bhajan - Ram Bhajan
Bhakti Bharat APP