श्लोक:
जयंती मंगला काली,
भद्र काली कपालिनी,
दुर्गा क्षमा शिवाधात्री,
स्वाहा स्वधा नमोस्तुते ।बड़े मान से जमाना,
माँ तुमको पूजता है,
तेरे नाम का तराना,
त्रिभुवन में गूंजता है ।
बड़े मान से जमाना,
माँ तुमको पूजता है ॥
होती दया की जिसपे नजर,
दुनिया में होता वो बेखबर,
चरणों में वो दीवाना,
चौखट को चूमता है ।
बड़े मान से जमाना,
माँ तुमको पूजता है ॥
भक्तो को देती वरदान है,
पुरे करे सब अरमान है,
रुतबा बड़ा सुहाना,
हर्षय में घूमता है ।
बड़े मान से जमाना,
माँ तुमको पूजता है ॥
पापी ह्रदय को निर्मल करो,
भक्ति से मेरा दामन भरो,
चेतन झलक दिखा दो,
मन तुमको ढूंढता है ।
बड़े मान से जमाना,
माँ तुमको पूजता है ॥
BhaktiBharat Lyrics
बड़े मान से जमाना,
माँ तुमको पूजता है,
तेरे नाम का तराना,
त्रिभुवन में गूंजता है ।
बड़े मान से जमाना,
माँ तुमको पूजता है ॥
Bade Maan Se Jamana, Maan Tumko Poojta Hai, Tere Naam Ka Tarana... Bhajan Maa Durga BhajanMata BhajanNavratri BhajanMaa Sherawali BhajanDurga Puja BhajanJagran BhajanMata Ki Chauki BhajanShukravar BhajanFriday BhajanAshtami BhajanGupt Navratri Bhajan
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