Shri Hanuman Bhajan

राधा रानी भक्त गुलाब सखी - सत्य कथा (Radha Rani Ki Muslim Bhakt Gualb Sakhi Ki Satya Katha)


राधा रानी भक्त गुलाब सखी - सत्य कथा
श्री बरसाने में प्रेम सरोवर के मार्ग पर एक समाधी बनी हुई है। जिसे हर कोई गुलाब सखी (Gulab Sakhi) के चबूतरे के नाम से जानते है। एक भक्त का नाम गुलाब खान(Gulab Khan) था। गुलाब खान एक गरीब मुसलमान थे।
गुलाब बरसाने में श्री जी के मंदिर में सारंगी बजाते थे। और जो भी पैसा मिल जाता था उससे अपना पेट पालते थे उनकी एक बेटी थी जिसका नाम राधा था। जब भजन कीर्तन गायन होता था तब उनकी बेटी राधा बड़े भाव विभोर होकर राधा रानी के सामने नृत्य करती थी।

जब कन्या बड़ी हुई तो लोगो ने कहना शुरू कर दिया गुलाब अब तो तेरी बेटी जवान हो गई है। अब इसके लिए कोई लड़का देखो। तो उस भक्त ने कहा कि राधा रानी की बेटी है जब वो कृपा करेगी तो शादी हो जाएगी। मेरे पास इतना पैसा नही है कि मैं व्यवस्था कर सकूँ। लोगो ने कहा कि तुम लड़का तो देखो व्यवस्था हम कर देंगे। तो उस भक्त गुलाब ने एक लड़का देखा और बेटी का विवाह कर दिया। इस तरह बेटी अपनी ससुराल चली गई।

शादी के बाद गुलाब अपनी बेटी को भुला नहीं सके। खाना-पीना सब छूट गया। ना सारंगी बजाई, ना समाज गायन में गए लेकिन एक दिन रात्रि को श्री जी के मंदिर के द्वार पर बैठे थे।

श्री राधा जी गुलाब सखी से बोली
ठीक रात्रि के 12 बजे उन्हें एक आवाज सुनाई दी। तभी एक छोटी सी बालिका उनकी ओर दौड़ती दिखाई दी और गुलाब सखी के पास आई और बोली कि बाबा, बाबा। आज सारंगी नाय बजायेगो? मैं नाचूंगी। जब उन्होंने आँख खोल के देखा तो एक सुंदर बालिका खड़ी है। उसने पास रखी सारंगी उठाई और बजाना शुरू कर दिया। वो लड़की नृत्य करते हुए सीढ़ियों की और भागी। गुलाब ने अपनी सारंगी रख दी और राधा-राधा कहते हुए उस लड़की की और दौड़े।

लेकिन उसके बाद वो वहां किसी को नहीं दिखाई दिए। लोगो ने सोचा कि इसका खाना पीना छूट गया था कहीं ऐसा तो नही की पागल होकर मर गया हो।

गोस्वामी जी के सामने अचानक गुलाब सखी आई
महीनो निकल गए और लोग गुलाब खान को भूल गए। लेकिन एक दिन रात्रि में गोस्वामी जी राधा रानी को शयन करवा कर मंदिर की परिक्रमा में आ रहे थे। तो झाड़ी के पीछे से कोई निकला।
पुजारी ने पूछा- कौन है?
गुलाब खान बोले- तिहारो गुलाब

पुजारी ने कहा- गुलाब तो मर गया है। उसने कहा की मैं मरा नहीं हूँ श्री जी की जिकुञ्ज लीला में उनके परिकर में सम्मिलित हो गया हूँ।
गोस्वामी जी ने पूछा- कैसे?
तो उसी समय गुलाब ने गोस्वामी जी के हाथ में पान की बिरि रखी जो अभी-अभी राधा रानी को शयन के समय भोग में गोस्वामी जी ने अर्पित की थी।

इतना कह कर वो झाड़ियों के अंदर चला गया और फिर कभी नहीं दिखा। आज भी बरसाने में गुलाब सखी जी की समाधि बानी हुई है, जिसे वहाँ के भक्त गुलाब सखी का चबूतरा कहते हैं।
यह भी जानें

Prerak-kahani Radha Nam Prerak-kahaniVrindavan Prerak-kahaniMathura Prerak-kahaniBrij Dham Prerak-kahaniShri Krishna Prerak-kahaniGulab Sakhi Prerak-kahaniGulab Khan Prerak-kahaniGulab Sakhi Chabutara Prerak-kahaniGulab Sakhi Samadhi Prerak-kahani

अगर आपको यह prerak-kahani पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस prerak-kahani को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

तुलसीदास जी द्वारा विप्रचंद ब्राह्मण पर कृपा - सत्य कथा

एक बार एक विप्रचंद नामक ब्राह्मण से हत्या हो गयी और उस हत्या के प्रायश्चित के लिये वह अनेक तीर्थों में घूमता हुआ काशी आया।

नारद मुनि भगवान श्रीराम के द्वार पर पहुँचे

एक बार की बात है, वीणा बजाते हुए नारद मुनि भगवान श्रीराम के द्वार पर पहुँचे। नारायण नारायण !! नारदजी ने देखा कि द्वार पर हनुमान जी पहरा दे रहे है। हनुमान जी ने पूछा: नारद मुनि! कहाँ जा रहे हो?

सच्चे गुरु के बिना बंधन नहीं छूटता - प्रेरक कहानी

एक पंडित रोज रानी के पास कथा करता था। कथा के अंत में सबको कहता कि राम कहे तो बंधन टूटे। तभी पिंजरे में बंद तोता बोलता, यूं मत कहो रे पंडित झूठे।

महाभारत के युद्ध में भोजन प्रबंधन

आर्यावर्त के समस्त राजा या तो कौरव अथवा पांडव के पक्ष में खड़े दिख रहे थे। श्रीबलराम और रुक्मी ये दो ही व्यक्ति ऐसे थे जिन्होंने इस युद्ध में भाग नहीं लिया।

कुछ लोग ही कृष्ण की ओर बढ़ते हैं - प्रेरक कहानी

भोजन की गंध पाने पर तालाब से पांच छह बतखें उनके पास आकर पुकारने लगी क्वेक, क्वेक प्रभुपाद ने बड़े स्नेह से उन बतखों को भोजन दिया...

असल में ज्ञानी कौन? - प्रेरक कहानी

सन्तोष मिश्रा जी के यहाँ पहला लड़का हुआ तो पत्नी ने कहा: बच्चे को गुरुकुल में शिक्षा दिलवाते है...

कर्म महत्वपूर्ण है - प्रेरक कहानी

उसकी नजर एक मरे हुए सांप पर पड़ी। उसने एक लाठी पर सांप को लटकाया और घर की और जाते हुए सोचने लगा, इसे देखकर पत्नी डर जाएगी और आगे से काम पर जाने के लिए नहीं कहेगीं।...

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
×
Bhakti Bharat APP