बैल की सवारी करे डमरू बजाये - भजन (Bail Ki Sawari Kare Damroo Bajaye)


बैल की सवारी करे डमरू बजाये
जग के ताप हरे सुख बरसाये
ॐ नमः शिवाये, ॐ नमः शिवायेरचना रचा के आप खेले रे खिलाड़ी
कहीं पे बनावो राजा कहीं पे भिखारी
रोने लगा हार के वो जीत के हंसाये
जग के ताप हरे सुख बरसाये
बैल की सवारी करे..

बाघम्बर लपेटे वो पहने नागमाला
हाथों में त्रिशूल धरे नाम भोला-भाला
दीनों पे दयाल होके लक्ष्मी लुटाए
जग के ताप हरे सुख बरसाये
बैल की सवारी करे..

स्वर्ग से उतारी गंगा जटा में समाई
भगतों को तारने धरती पे आई
भाल नेत्र ज्वाला से वो पापों को जलाये
जग के ताप हरे सुख बरसाये
बैल की सवारी करे..

महादेव महादानी जग रखवाला
शरण में आये को कर दे निहाला
उसकी लीला कौन जाने उसके सिवाय
जग के ताप हरे सुख बरसाये
बैल की सवारी करे..

बैल की सवारी करे डमरू बजाये

जग के ताप हरे सुख बरसाये
ॐ नमः शिवाये, ॐ नमः शिवाये
Bail Ki Sawari Kare Damroo Bajaye - Read in English
Bail Ki Sawari Kare Damru Bajaye, Jag Ke Taap Hare Sukh Barsaye ,Om Namah Shivaye
Bhajan Shiv BhajanBholenath BhajanMahadev BhajanShivaratri BhajanSavan BhajanMonday BhajanSomvar BhajanSolah Somvar BhajanJyotirling BhajanShiv Vivah BhajanHari Om Sharan Bhajan
अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

पकड़ लो हाथ बनवारी - भजन

पकड़ लो हाथ बनवारी, नहीं तो डूब जाएंगे, हमारा कुछ ना बिगड़ेगा, तुम्हारी लाज जाएगी, पकड़ लों हाथ बनवारी, नहीं तो डूब जाएंगे ॥

यशोदा माँ के होयो लाल, बधाई सारे भक्ता ने - भजन

यशोदा माँ के होयो लाल, बधाई सारे भक्ता ने, बधाई सारे भक्ता ने, बाज्यो रे बाज्यो देखो थाल, बधाई सारे भक्ता ने, यशोदा मां के होयो लाल, बधाई सारे भक्ता ने ॥

हे गोविन्द हे गोपाल अब तो जीवन हारे - भजन

हे गोविन्द हे गोपाल अब तो जीवन हारे । अब तो जीवन हारे प्रभु शरण है तिहारे..

कन्हैया हर घडी मुझको, तुम्हारी याद आती है - भजन

कन्हैया हर घडी मुझको, तुम्हारी याद आती है, तुम्हारी याद आती है, मुझे मोहन रुलाती है, तुम्हारी याद आती है, मुझे मोहन रुलाती है, तुम्हारी याद आती है ॥

सुध ले लो मेरी घनश्याम - भजन

सुध ले लो मेरी घनश्याम, आप आए नहीं, और खबर भी न ली, खत लिख लिख के भेजे तमाम, सुध ले लों मेरी घनश्याम, सुध ले लों मेरी घनश्याम ॥