काफी समय बाद हमारे एक मित्र से मिलना हुआ था तो कुछ देर एक ओर खड़े होकर बातें करने लगें। वो भगवान को मानते तो थे। परन्तु जो दृढ़ता होनी चाहिए वैसा विश्वास नहीं था।
वो आयु वृद्धि के विषय पर चर्चा कर रहे थे। अचानक हमारे मुख से निकल गया: अगर आयु वृद्धि करनी है तो हनुमानजी की उपासना करों।
वो कहने लगे हम इन बातों पर विश्वास नहीं करते। प्रमाणित करके बताओं तो मानें। हमनें सोचा प्रमाणित कैसे करें? फिर मन में विचार आया कि जब भगवत इच्छा से मुख से वाणी निकली है। तो ठाकुर जी प्रेरणा भी देंगे।
अभी हम सोच ही रहे थे कि हमारे सामने से एक मुर्गियों से भरा हुआ टैम्पो निकला। उसे देखते ही हमारा चेहरा खिल उठा। ठाकुर जी ने प्रेरणा दे दी थी।
मैंने तुरन्त उसकी ओर इशारा करते हुए कहा: उस टैम्पो में मुर्गियाँ देख रहे हो।
मित्र बोले: हाँ जी।
मैं बोला: तुम जानते हो हिन्दुस्तान में जितने भी हिन्दू जो कि मासाहारी हैं। उनमें से 95% लोग मंगलवार को माँस नहीं खाते हैं।
मित्र बोले: इस बात से हम सहमत हैं। परन्तु इस बात का आयुवृद्धि से क्या लेना-देना।
हमनें कहा: अभी हमारी बात समाप्त नहीं हुई।
अब वो चुप होकर हमारी बात सुनने लगें।
हमने फिर से अपनी बात दोहराई: 95% लोग मंगलवार को माँसाहार नहीं करते। इस बात का अर्थ यह है कि यदि मंगलवार नहीं होता तो इन जीवों की उसी दिन हत्या कर दी जाती। मंगलवार होने के कारण इन जीवों की एक दिन की आयु और बढ़ गई। अब आप सोचिए जब हनुमानजी के दिन अर्थात मंगलवार में इतनी शक्ति है कि उसने असंख्य जीवों की एक दिन की आयु बढ़ा दी। तो हनुमानजी में कितना सामर्थ होगा।
मेरी बात सुन उनके चहरे पर मुसकान आ गई। वो बोले: बाबा मैं आपके प्रमाण से बिल्कुल संतुष्ट हूँ। वाकई में हनुमान जी आयुवृद्धि करतें हैं।
मित्र जाने लगें तो मैंने कहा: आप तो इस ओर जा रहे थे। फिर रास्ता काहे बदल लिया।
मित्र बोले: इस ओर से घूमकर जाऊँगा। इस रास्ते में हनुमानजी का मंदिर पड़ता हैं। हनुमानजी को दंडवत करके ही जाऊँगा।
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