भजहु रे मन श्री नंद नंदन - भजन (Bhajahu Re Mann Shri Nanda Nandan)


भजहु रे मन श्री नंद नंदन
अभय-चरणार्विन्द रे
दुर्लभ मानव-जन्म सत-संगे
तारो ए भव-सिंधु रेभजहु रे मन श्री नंद नंदन
अभय-चरणार्विन्द रे

शीत तप बात बरिशन
ए दिन जामिन जगी रे
बिफले सेविनु कृपन दुरजन
चपल सुख लभ लागी रे

भजहु रे मन श्री नंद नंदन
अभय-चरणार्विन्द रे

ए धन यौवन पुत्र परिजन
इथे की आचे पारतित रे
कमल-दल-जल, जीवन तलमल
भजू हरि-पद नीत रे

भजहु रे मन श्री नंद नंदन
अभय-चरणार्विन्द रे

श्रवण कीर्तन स्मरण वंदन
पद सेवन दास्य रे
पूजन, सखी-जन, आत्म-निवेदन
गोविंद-दास-अभिलाषा रे

भजहु रे मन श्री नंद नंदन
अभय-चरणार्विन्द रे
दुर्लभ मानव-जन्म सत-संगे
तारो ए भव-सिंधु रे

भक्ति-भारत सभी भक्तों के लिए भगवान कृष्ण का यह प्रसिद्ध भजन प्रस्तुत कर रहा है। आइये अपनी दैनिक दिनचर्या में भजनों को सम्मलित करें।

आरती कुंजबिहारी की | आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन | श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं | आरती श्री बाल कृष्ण जी की | ॐ जय जगदीश हरे | मधुराष्टकम्: धरं मधुरं वदनं मधुरं | कृष्ण भजन | अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं | श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी
Bhajahu Re Mann Shri Nanda Nandan - Read in English
Bhajahu Re Mann Shri Nand Nandan, Abhay-charanarvind Re, Durlabh Manav-janm Sat-sange...
Bhajan Shri Krishna BhajanBrij BhajanBaal Krishna BhajanBhagwat BhajanJanmashtami BhajanLaddu Gopal BhajanRadhashtami BhajanPhalguna BhajanIskcon BhajanShri Shyam BhajanVarsha Shrivastava Bhajan
अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

मनोज मुंतशिर रचित भए प्रगट कृपाला दीनदयाला रीमिक्स

श्री राम जानकी कथा ज्ञान की, श्री रामायण का ज्ञान, भए प्रगट कृपाला दीनदयाला, कौसल्या हितकारी । जुग-जुग से हमने पलक बिछायी, तुम्हरी राह बुहारी

स्वीकार हमें करले, हम दुखड़ो के मारे है - भजन

स्वीकार हमें करले, हम दुखड़ो के मारे है, तू कह दे कहाँ जाएं, बस तेरे सहारे है, स्वीकार हमे करले, हम दुखड़ो के मारे है ॥

बांके बिहारी की देख छटा - भजन

बांके बिहारी की देख छटा, मेरो मन है गयो लटा पटा। कब से खोजूं बनवारी को...

गोरी सुत गणराज पधारो: भजन

गोरी सुत गणराज पधारो, आके सारे काज सवारों, तुझको आना होगा, तुझको आना होगा ॥

गणपति पधारो ताता थैया करते: भजन

गणपति पधारो ताता थैया करते, ताता थैया करते, ठुमक ठुमक पग धरते, गणपति पधारो ताता थैया करते, आप के पधारने से बिगड़े काम संवरते, गणपति पधारो ताता थैया करते ॥